भोपाल। राजधानी में सरकारी स्कूलों के शिक्षक अब पढ़ाना छोड़ खेती के तरीके किसानों को बताएंगे. राजधानी के करीब 81 शिक्षकों की ड्यूटी किसानों को खेती की नई तकनीक समझाने के लिए लगाई गई है. इसका शिक्षक संगठन विरोध कर रहे हैं. शिक्षकों का कहना है कि कोरोना काल में पहले ही शिक्षकों को जनगणना के कार्य में लगाया गया और फिर कोरोना मरीजों की काउंसलिंग, रेलवे स्टेशनों पर ड्यूटी और अब खेतों में भी शिक्षकों की ड्यूटी, शिक्षक संगठनों ने इस आदेश का विरोध शुरू कर दिया है.
ऐसी होगी खेत पाठशाला
किसान खेत पाठशाला का उद्देश्य प्रदेश के कृषकों की आय दोगुनी करना है. किसान खेत मे बेहतर फसल उत्पादन कैसे करे, साथ ही उपलब्ध संसाधनों का उपयोग खेती में किस तरह किया जाए. बीज एवं खाद की जानकारी सहित किसानों के लिए चलाई जा रही सरकार की योजनाओं से किसानों को अवगत कराना सहित अन्य जानकारियां किसानों को देना है. तीन नवंबर से किसान खेत पाठशाला लगाई जाएगी. जिसमें भोपाल जिले के 81 शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है.
शिक्षक संगठनों ने किया आदेश का विरोध
प्रदेश के शिक्षक पाठशाला संभाग आयुक्त द्वारा जारी आदेश में राजधानी के 81 शिक्षकों की ड्यूटी खेती पाठशाला में लगाई गई है. जिससे शिक्षक संगठनों में विरोध शुरू हो गया है. किसान खेत पाठशाला अभियान के तहत जिले के केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी केंद्र नवी बाग बैरसिया में गुरुवार को मास्टर ट्रेनरों को ट्रेनिंग दी गई. इसमें करीब 81 शिक्षक शामिल थे.
मध्य प्रदेश शिक्षक कांग्रेस के जिला अध्यक्ष सुभाष सक्सेना ने बताया कि विभाग शिक्षकों से पढ़ाई छोड़ सारे काम करवा रहा है. पहले से शिक्षकों के पास रसोई, बीएलओ सर्वे,जनगणना सर्वे जैसे काम सौंपे गए हैं. अब शिक्षकों की ड्यूटी खेत पाठशाला में भी लगा दी गई है. शिक्षक खेती के उन्नत तरीके के बारे में किसानों को बताएंगे जबकि स्कूल शिक्षा विभाग कई बार आदेश जारी कर शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कामों पर रोक लगा चुका है, बावजूद इसके शिक्षकों के गैर शैक्षणिक कार्यों में ड्यूटी लगाई जा रही है.
गैर शैक्षणिक कार्यो में शिक्षकों की ड्यूटी
मध्य प्रदेश शिक्षक कांग्रेस के जिला अध्यक्ष सुभाष सक्सेना का कहना है कि स्कूल शिक्षा विभाग कई बार ऐसे आदेश निकाल चुका है. जिसमें शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में लगाना प्रतिबंध है, बावजूद इसके प्रतिमाह ऐसा आदेश सामने आ जाता है. जिससे शिक्षकों के सामने संकट खड़ा हो जाता है. कोरोना काल में ड्यूटी के दौरान पहले ही 50 से अधिक शिक्षकों की मौत हो चुकी है और अब जिला प्रशासन का यह आदेश शिक्षकों के लिए परेशानी बन गया है. शिक्षक मोहल्ला क्लास में बच्चों को पढ़ाएं या फिर खेतों में जाकर किसानों की पाठशाला लगाएं. मध्य प्रदेश शिक्षक कांग्रेस का कहना है कि अगर इस आदेश को प्रशासन ने वापस नहीं लिया तो शिक्षक कांग्रेस प्रदेश भर में बड़ा आंदोलन करेगा जिसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी.