भोपाल । देश में कोरोना वायरस को लेकर प्रदेश सरकार लगातार लोगों को जागरूक करने का काम कर रही है, तो वहीं केंद्र सरकार का सभी राज्य सरकारों को इस वायरस से निपटने के लिए अलग से फंड दिए जाने की व्यवस्था भी की जा रही है.साथ ही ज्यादा से ज्यादा जागरूकता कार्यक्रम भी जगह-जगह आयोजित किए जा रहे हैं. प्रदेश में अब कोरोना वायरस की जांच तीन स्थानों पर हो सकेगी. अब गांधी मेडिकल कॉलेज में भी वायरोलॉजी लैब शुरू की जा रही है, इससे एक ही दिन में कोरोना वायरस की जांच रिपोर्ट सामने आ जाएगी.
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जानकारी के अनुसार कोरो नावायरस की जांच भोपाल के मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) की वायरोलॉजी लैब में भी शुरू होगी, जांच शुरू करने के लिए इंडियन काउंसलिंग ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने मंजूरी दे दी है. अब केवल किट का इंतजार किया जा रहा है. 2 से 3 दिनों के अंदर ये किट आ जाने के बाद यहां पर भी जांच शुरू कर दी जाएगी. इसके लिए वायरोलॉजी लैब के स्टाफ को भी प्रशिक्षण दे दिया गया है.
अभी तक मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस की जांच के लिए एम्स भोपाल और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च इन ट्राइबल हेल्थ जबलपुर में जांच की जा रही थी, जिसमें काफी समय भी लग रहा था. मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों से संदिग्धों के स्वाब के सैंपल जांच के लिए इन लैब में भेजे जा रहे हैं, इसके अलावा कुछ सैंपल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) पुणे भी भेजे जा रहे हैं. संदिग्धों की संख्या बढ़ने पर जांच में किसी प्रकार की देरी और लापरवाही ना हो इसलिए तीन और लैब में जांच शुरू की जा रही है. जीएमसी के अलावा इसमें एमजीएम मेडिकल कॉलेज इंदौर और डीआरडीई ग्वालियर शामिल है .
प्रभावित देशों से यात्रा कर भोपाल में अब तक 310 लोग आ चुके हैं . इनमें 20 विदेशी भी हैं . इन्हें संदिग्ध मानते हुए उनके घरों में ही निगरानी पर रखा गया है. जिला मलेरिया अधिकारी, जिला कुष्ठ अधिकारी, जिला क्षय अधिकारी और जिला टीकाकरण अधिकारी के नेतृत्व में कर्मचारियों की टीम संदिग्धों की निगरानी कर रही है . संदिग्धों से रोज की जानकारी ली जा रही है कि उनमे कोई लक्षण तो नहीं दिख रहे हैं .
जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) कार्यालय में कोरोना वायरस के लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है. बता दें कि मध्य प्रदेश में अब तक 41 सैंपल लिए गए हैं और इन सैंपलों में 29 रिपोर्ट सामने आ चुकी है, जो नेगेटिव आई है, हालांकि अभी 12 लोगों की रिपोर्ट आना बाकी है . इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग के द्वारा घरों में भी आइसोलेशन में करीब 510 मरीजों को रखा गया है जिनकी लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है.