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सरकारी आवास आवंटन मामला: गृह विभाग को सूचना आयोग का नोटिस, जानकारी सार्वजनिक करने का आदेश

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Published : Sep 26, 2019, 4:42 PM IST

सरकारी आवास निजी व्यक्तियों और संस्थाओं को आवंटित करने के मामले में सूचना आयोग ने मध्यप्रदेश गृह विभाग को नोटिस जारी किया है. जिसमें 2016 और 2017 में आवंटित हुए शासकीय बंगलों का रिकॉर्ड सार्वजनिक करने का आदेश हैं, साथ ही RTI एक्ट के उल्लंघन और बाधा उत्पनन करने पर जुर्माने का नोटिस भी दिया गया है.

सूचना आयोग का गृह विभाग को नोटिस

भोपाल। मुख्य सूचना आयुक्त ने मध्यप्रदेश शासन के गृह विभाग को एक आदेश पारित किया गया है. जिसमे कहा गया है कि साल 2016 और 2017 में शासकीय बंगलों के आवंटन का रिकॉर्ड सार्वजनिक किया जाए. दरअसल, इस मामले में आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे ने 2017 में अभिलेखों के निरीक्षण के बाद चिन्हित अभिलेखों के प्रमाण की कॉपी मांगी थी, लेकिन गृह विभाग के लोक सूचना अधिकारी 2 साल से मामला टाल रहे थे.

सूचना आयोग का गृह विभाग को नोटिस

मुख्य सूचना आयुक्त ने गृह विभाग के लोक सूचना अधिकारी को RTI एक्ट के उल्लंघन करने पर जुर्माने का नोटिस जारी किया है, साथ ही शासकीय बंगलों के आवंटन का रिकॉर्ड सार्वजनिक करने का आदेश दिया है.

इस मामले में आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे का कहना है कि मध्य प्रदेश सूचना आयुक्त द्वारा एक महत्वपूर्ण फैसले में गृह विभाग को निर्देश दिया गया है, कि शासकीय आवास जो गैर सरकारी व्यक्तियों और गैर सरकारी संस्थाओं को 2016- 17 में आवंटित किए गए थे, उसका रिकॉर्ड सार्वजनिक करें. उन्होंने बताया कि चार इमली में एक महत्वपूर्ण बंगला था, बी-14 जो एक पूर्व मुख्य सचिव को आवंटित हुआ था. उस आवंटन की फाइल भी सार्वजनिक करने के निर्देश सूचना आयोग ने दिए हैं. इस मामले में 2017 में जब आवेदन लगाया गया था, तब से लेकर अब तक जानकारी छुपाने और बाधा उत्पन्न करने के मामले में सूचना आयुक्त ने गृह विभाग के लोक सूचना अधिकारी को जुर्माने का नोटिस भी जारी किया है.

आगामी सुनवाई 25 नवंबर को है. अजय दूबे का कहना है, कि ये आदेश पारदर्शिता लाएगा और भ्रष्टाचार को रोकने का काम करेगा. जानकारी के मुताबिक करीब 400 सरकारी मकानों के आवंटन मे गड़बड़ी पायी गयी है और पुलिस इसकी जांच कर रही है.

भोपाल। मुख्य सूचना आयुक्त ने मध्यप्रदेश शासन के गृह विभाग को एक आदेश पारित किया गया है. जिसमे कहा गया है कि साल 2016 और 2017 में शासकीय बंगलों के आवंटन का रिकॉर्ड सार्वजनिक किया जाए. दरअसल, इस मामले में आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे ने 2017 में अभिलेखों के निरीक्षण के बाद चिन्हित अभिलेखों के प्रमाण की कॉपी मांगी थी, लेकिन गृह विभाग के लोक सूचना अधिकारी 2 साल से मामला टाल रहे थे.

सूचना आयोग का गृह विभाग को नोटिस

मुख्य सूचना आयुक्त ने गृह विभाग के लोक सूचना अधिकारी को RTI एक्ट के उल्लंघन करने पर जुर्माने का नोटिस जारी किया है, साथ ही शासकीय बंगलों के आवंटन का रिकॉर्ड सार्वजनिक करने का आदेश दिया है.

इस मामले में आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे का कहना है कि मध्य प्रदेश सूचना आयुक्त द्वारा एक महत्वपूर्ण फैसले में गृह विभाग को निर्देश दिया गया है, कि शासकीय आवास जो गैर सरकारी व्यक्तियों और गैर सरकारी संस्थाओं को 2016- 17 में आवंटित किए गए थे, उसका रिकॉर्ड सार्वजनिक करें. उन्होंने बताया कि चार इमली में एक महत्वपूर्ण बंगला था, बी-14 जो एक पूर्व मुख्य सचिव को आवंटित हुआ था. उस आवंटन की फाइल भी सार्वजनिक करने के निर्देश सूचना आयोग ने दिए हैं. इस मामले में 2017 में जब आवेदन लगाया गया था, तब से लेकर अब तक जानकारी छुपाने और बाधा उत्पन्न करने के मामले में सूचना आयुक्त ने गृह विभाग के लोक सूचना अधिकारी को जुर्माने का नोटिस भी जारी किया है.

आगामी सुनवाई 25 नवंबर को है. अजय दूबे का कहना है, कि ये आदेश पारदर्शिता लाएगा और भ्रष्टाचार को रोकने का काम करेगा. जानकारी के मुताबिक करीब 400 सरकारी मकानों के आवंटन मे गड़बड़ी पायी गयी है और पुलिस इसकी जांच कर रही है.

Intro:भोपाल। मुख्य सूचना आयुक्त द्वारा आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे की याचिका पर मध्यप्रदेश शासन के गृह विभाग के लोक सूचना अधिकारी को RTI एक्ट के उल्लंघन करने पर जुर्माने का नोटिस जारी कर 2016 और 2017 के शासकीय बंगलो के आवंटन का रिकॉर्ड सार्वजनिक करने का आदेश दिया है। दरअसल इस मामले में अजय दुबे ने 2017 में अभिलेखों के निरीक्षण उपरांत चिन्हित अभिलेखों की प्रमाणित प्रतिलिपि चाही थी। लेकिन गृह विभाग के लोक सूचना अधिकारी 2 साल से मामला टाल रहे थे।Body:आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे ने बताया कि
दोनो बिंदु की जानकारी सीमित समय अवधि की है और निरीक्षण के दौरान सरलता से चिन्हित कर सकता था। लेकिन लोक सूचना अधिकारी ने 2 वर्ष अधिक समय तक न जानकारी दी न ही कोई जवाब दिया। ये बताना उचित होगा कि लोक सूचना अधिकारी आशीष भार्गव जानकारी से वंचित रख रहे थे। यह संभावना है कि वो RTI एक्ट विरोधी आचरण द्वारा शासकीय आवास आवंटन मे व्याप्त भारी भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को सार्वजनिक प्रगटन से छुपाना चाहते थे। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार के करीब 400 सरकारी मकानों के आवंटन मे गड़बड़ी पायी गयी है और इसकी जहाँगीराबाद पुलिस मुकदमा दर्ज जांच कर रही है।
Conclusion:इस मामले में आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे का कहना है कि मध्य प्रदेश सूचना आयुक्त द्वारा एक महत्वपूर्ण फैसले में गृह विभाग को निर्देश दिया गया है कि शासकीय आवास जो गैर सरकारी व्यक्तियों और गैर सरकारी संस्थाओं को 2016 17 में आवंटित किए गए थे, उसका रिकॉर्ड सार्वजनिक करें। चार इमली में एक महत्वपूर्ण बंगला बी 14 भी था जो एक पूर्व मुख्य सचिव को आवंटित हुआ था। उस आवंटन की फाइल भी सार्वजनिक करने के निर्देश सूचना आयोग ने दिए हैं। इस मामले में 2017 में जब आवेदन लगाया गया था ,तब से लेकर अब तक जानकारी छुपाने और बाधा उत्पन्न करने के मामले में सूचना आयुक्त ने गृह विभाग के लोक सूचना अधिकारी को जुर्माने का नोटिस भी जारी किया है। आगामी सुनवाई 25 नवंबर को है।हमारा मानना है कि यह आदेश पारदर्शिता लाएगा और भ्रष्टाचार को रोकने का काम करेगा।
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