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एमपी में 60 लाख से अधिक घुमक्कड़ और अर्ध-घुमक्कड़ जनजातियों की नागरिकता पर संकट

नागरिकता संशोधन कानून 2019 और एनआरसी के मुद्दे ने देश में हंगामा मचा है. मध्यप्रदेश के विमुक्त घुमक्कड़ और अर्ध घुमक्कड़ समुदायों को अपने लिए दस्तावेज इकट्ठा करने में लगे हैं. उन्हें मानसिक पीड़ा और कठिनाई के दौर से गुजरना पड़ रहा है.

Nomadic tribes may lose citizenship in MadhyaPradesh
सीएए एनआरसी
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Published : Dec 28, 2019, 10:30 PM IST

Updated : Dec 29, 2019, 7:03 PM IST

भोपाल। राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर(NRC) को लागू करने के फैसले से मध्यप्रदेश की विमुक्त घुमक्कड़ और अर्ध घुमक्कड़ जनजातियां अपनी नागरिकता खो सकती हैं. ये जनजातियां राज्य की आबादी का लगभग 7 से 8 प्रतिशत हैं. एनपीआर तैयार करने की प्रक्रिया अप्रैल 2020 से शुरू होगी और असम को छोड़कर इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा.जबसे नागरिकता संशोधन कानून 2019 और एनआरसी के मुद्दे ने देश में उथल-पुथल मचाई है. इन समुदायों को अपने लिए दस्तावेज इकट्ठा करने में मानसिक पीड़ा और कठिनाई के दौर से गुजरना पड़ रहा है.

घुमक्कड़ जनजातियां खो सकती हैं नागरिकता

विमुक्त घुमक्कड़ और अर्ध घुमक्कड़ जनजाति कल्याण विभाग के मुताबिक प्रदेश में इन जनजातियों की 51 जातियां है, जिन्हें साल 2012 में आदिवासी विभाग से अलग कर दिया गया था. इसके 7 साल बाद भी विभाग के पास कोई अधिकारिक डाटा नहीं है कि इन समुदायों की कुल जनसंख्या कितनी है, हालांकि, विमुक्त घुमक्कड़ और अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति प्रकोष्ठ और कांग्रेस के अंदाजे के मुताबिक इनकी आबादी प्रदेश में लगभग 60 लाख है, जो कि राज्य की कुल आबादी का 8 फीसदी है.

साल 2011 की जनगणना के मुताबिक राज्य की कुल आबादी 7.5 करोड़ है, इन समुदायों के लोग शायद ही किसी एक विशेष जगह पर रहते हैं. उनके पास निवास, जन्म, शिक्षा, जाति और भूमि का कोई भी अधिकारिक प्रमाण नहीं है.

बताया जा रहा है कि आधार और जन-धन योजना के अस्तित्व में आने के बाद से कुछ लोगों के पास आधार, मतदाता पहचान पत्र, राशन कार्ड और बैंक खाते हैं, लेकिन गृह मंत्रालय के एक ट्वीट के मुताबिक भारत की नागरिकता सिर्फ जन्म की तारीख का जन्म स्थान से संबंधित दस्तावेज के आधार पर ही साबित की जा सकती है. ऐसी स्थिति में इन समुदायों को जन्म की तारीख और जन्म स्थान का प्रमाण दिखाने में बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. इन समुदायों को लेकर कांग्रेस का कहना है कि जब दस्तावेज ही नहीं होंगे तो ये जनजातियां नागरिकता कैसे साबित करेंगी तो वहीं बीजेपी का कहना है कि इन जनजातियों के लिए एनपीआर में प्रावधान है.

भोपाल। राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर(NRC) को लागू करने के फैसले से मध्यप्रदेश की विमुक्त घुमक्कड़ और अर्ध घुमक्कड़ जनजातियां अपनी नागरिकता खो सकती हैं. ये जनजातियां राज्य की आबादी का लगभग 7 से 8 प्रतिशत हैं. एनपीआर तैयार करने की प्रक्रिया अप्रैल 2020 से शुरू होगी और असम को छोड़कर इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा.जबसे नागरिकता संशोधन कानून 2019 और एनआरसी के मुद्दे ने देश में उथल-पुथल मचाई है. इन समुदायों को अपने लिए दस्तावेज इकट्ठा करने में मानसिक पीड़ा और कठिनाई के दौर से गुजरना पड़ रहा है.

घुमक्कड़ जनजातियां खो सकती हैं नागरिकता

विमुक्त घुमक्कड़ और अर्ध घुमक्कड़ जनजाति कल्याण विभाग के मुताबिक प्रदेश में इन जनजातियों की 51 जातियां है, जिन्हें साल 2012 में आदिवासी विभाग से अलग कर दिया गया था. इसके 7 साल बाद भी विभाग के पास कोई अधिकारिक डाटा नहीं है कि इन समुदायों की कुल जनसंख्या कितनी है, हालांकि, विमुक्त घुमक्कड़ और अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति प्रकोष्ठ और कांग्रेस के अंदाजे के मुताबिक इनकी आबादी प्रदेश में लगभग 60 लाख है, जो कि राज्य की कुल आबादी का 8 फीसदी है.

साल 2011 की जनगणना के मुताबिक राज्य की कुल आबादी 7.5 करोड़ है, इन समुदायों के लोग शायद ही किसी एक विशेष जगह पर रहते हैं. उनके पास निवास, जन्म, शिक्षा, जाति और भूमि का कोई भी अधिकारिक प्रमाण नहीं है.

बताया जा रहा है कि आधार और जन-धन योजना के अस्तित्व में आने के बाद से कुछ लोगों के पास आधार, मतदाता पहचान पत्र, राशन कार्ड और बैंक खाते हैं, लेकिन गृह मंत्रालय के एक ट्वीट के मुताबिक भारत की नागरिकता सिर्फ जन्म की तारीख का जन्म स्थान से संबंधित दस्तावेज के आधार पर ही साबित की जा सकती है. ऐसी स्थिति में इन समुदायों को जन्म की तारीख और जन्म स्थान का प्रमाण दिखाने में बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. इन समुदायों को लेकर कांग्रेस का कहना है कि जब दस्तावेज ही नहीं होंगे तो ये जनजातियां नागरिकता कैसे साबित करेंगी तो वहीं बीजेपी का कहना है कि इन जनजातियों के लिए एनपीआर में प्रावधान है.

Intro:भोपाल- राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर को लागू करने के फैसले से मध्य प्रदेश की विमुक्त घुमंतू और अर्ध घुमंतु जनजातियां अपनी नागरिकता खो सकती है। जो राज्य की आबादी का लगभग 7 से 8 प्रतिशत है। एनपीआर तैयार करने की प्रक्रिया अप्रैल 2020 से शुरू होगी और असम को छोड़कर इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा। जबसे नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 और एनआरसी के मुद्दे ने देश में उथल-पुथल मच आई है इन समुदायों को अपने लिए दस्तावेज इकट्ठा करने में मानसिक पीड़ा और कठिनाई के दौर से गुजरना पड़ रहा है।


Body:विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति कल्याण विभाग के अनुसार मध्यप्रदेश में विमुक्त घुमंतू और अर्ध घुमंतु जनजातियों की 51 जातियां है। जिन्हें साल 2012 में आदिवासी विभाग से अलग कर दिया गया था। इसके अलग होने के 7 साल बाद भी विभाग के पास कोई अधिकारिक डाटा नहीं है कि इन समुदायों की कुल जनसंख्या कितनी है। हालांकि विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जनजाति प्रकोष्ठ के अनुसार और कांग्रेस के अंदाजे के मुताबिक इनकी आबादी प्रदेश में लगभग 60 लाख है। यह राज्य की कुल आबादी का 8 फीसदी होता है। साल 2011 की जनगणना के अनुसार राज्य की कुल आबादी 7.5 करोड़ है। इन समुदायों के लोग शायद ही किसी एक विशेष जगह पर रहते हैं उनके पास निवास जन्म शिक्षा जाति और भूमि का कोई भी अधिकारी प्रमाण नहीं है। वह बड़े पैमाने पर दैनिक मजदूरी करते हैं। पशु चराते हैं, खेतों में खेत मजदूर की तरह काम करते हैं। या फिर वह पारंपरिक कला कार्यों में कुशल होते हैं। और उनके जरिए कमाई करते हैं।


Conclusion:बताया जा रहा है कि आधार और जन धन योजना के अस्तित्व में आने के बाद से कुछ लोगों के पास आधार मतदाता पहचान पत्र राशन कार्ड और बैंक खाते हैं। लेकिन गृह मंत्रालय के एक ट्वीट के मुताबिक भारत की नागरिकता सिर्फ जन्म की तारीख का जन्म स्थान से संबंधित दस्तावेज के आधार पर ही साबित की जा सकती है। ऐसी स्थिति में इन समुदायों को जन्म की तारीख और जन्म स्थान का प्रमाण दिखाने में बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। इन समुदायों को लेकर कांग्रेस का कहना है कि जब दस्तावेज ही नहीं होंगे तो यह जनजातियां नागरिकता कैसे साबित करेंगी तो वही बीजेपी का कहना है कि इन जनजातियों के लिए एनपीआर में प्रावधान है।

बाइट- दुर्गेश शर्मा, प्रवक्ता, कांग्रेस।
बाइट- राजो मालवीय, प्रवक्ता, बीजेपी।
Last Updated : Dec 29, 2019, 7:03 PM IST
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