भोपाल। हिज्ब-उत-तहरीर (HUT) संगठन के जिन सदस्यों को एमपी एटीएस द्वारा गिरफ्तार किया गया था, उन्हें कोर्ट में पेश किया गया. जहां सभी आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है. हिज्ब-उत-तहरीर के जो सदस्य गिरफ्तार हुए हैं, उनके तार भोपाल के आसपास के जिलों में भी फैल चुके हैं. इनमें रायसेन, विदिशा और राजगढ़ जिला प्रमुख रूप से रडार पर है. इन जिलों में कई युवाओं के HUT संगठन के संपर्क में होने की जानकारी सामने आई. पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, एचयूटी के सदस्य इन सभी जिलों में जाकर युवाओं का ब्रेनवॉश करते थे. इसके लिए घनी आबादी वाले इलाकों के घरों को चिन्हित किया जाता था और वहीं पर ट्रेनिंग दी जाती थी.
रायसेन के जंगलों में फायरिंग की ट्रेनिंग: जिन युवाओं को यह टारगेट करते उनमें प्रोफेशनल यानी इंजीनियर, टीचर, छोटे व्यवसायी, पंचर की दुकान चलाने वाले और अन्य युवा शामिल होते हैं. ब्रेनवॉश के दौरान इनके पास बहुत सारे रिफ्रेंस मौजूद रहते हैं. जिसमें बताते हैं कि कैसे भारत में मुस्लिमों के साथ अत्याचार किया जा रहा है. एक बड़ी बात यह भी निकलकर आई कि रायसेन के जंगलों में इन्हें फायरिंग की ट्रेनिंग दी जाती है. हालांकि अब तक रायसेन पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है. दूसरा कि अब तक 16 में से किसी भी सदस्य के पास हथियार नहीं मिले हैं. केवल मोबाइल, कंप्यूटर, लैपटॉप और आपत्तिजनक सामग्री मिली है. कमाल की बात यह है कि सभी आतंकियों के पास पासपोर्ट तो है, लेकिन किसी भी सदस्य ने विदेश यात्रा नहीं की है.
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हर एंगल से जुड़ रहा है भोपाल कनेक्शन: एचयूटी के पकड़े गए सदस्यों का कनेक्शन राजधानी भोपाल से ही जुड़ रहा है. हैदराबाद में पकड़ा गया सलीम भी भोपाल का रहने वाला है. जबकि भोपाल में पकड़े गए सभी 10 सदस्य भी भोपाल के ही मूल निवासी हैं. इसी प्रकार छिंदवाड़ा में पकड़े गए अब्दुल की रिश्तेदारी भोपाल में है. वह ऑनलाइन मॉड्यूल चलाता था और संगठन का तकनीकी काम देखता था. एक प्राइवेट बैंक में नौकरी करते हुए उसने ऑनलाइन ट्रेनिंग का जिम्मा ले रखा था. वही सभी मीटिंग अरेंज करता था. भोपाल का यासिर खान इस पूरे मामले का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है. वह जिम ट्रेनर है. संगठन को विस्तार देने में उसी की भूमिका थी.