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उपचुनाव: बढ़ी सियासी सरगर्मियां, कांग्रेसी दिग्गजों के पार्टी छोड़ने की अटकलों को कांग्रेस ने बताया बीजेपी की डर्टी पॉलिटिक्स - डर्टी पॉलिटिक्स कर ही बीजेपी

मध्यप्रदेश में उपचुनाव को लेकर सियासत गरमाई हुई है. खबर है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया एक जून को भोपाल आने वाले हैं, इस दौरान कई कांग्रेस नेता बीजेपी में शामिल होंगे. कांग्रेस ने इन खबरों को अफवाह बताया है. साथ ही कांग्रेस का कहना है कि, बीजेपी सरकार अपने पतन को देखते हुए डर्टी पॉलिटिक्स कर रही है.

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उपचुनाव को लेकर सियासत गरमाई
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Published : May 28, 2020, 11:07 AM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में होने वाले उपचुनाव के चलते सियासी सरगर्मियां इन दिनों चरम पर है. सियासी गलियारों में एक चर्चा जोर पकड़े हुए है कि, ज्योतिरादित्य सिंधिया जब भी भोपाल आएंगे, तो कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगेगा. सोशल मीडिया पर भी कांग्रेसी दिग्गजों के बीजेपी में शामिल होने की खबरें चल रही हैं. हालांकि कई नेता इसका खंडन कर चुके हैं, लेकिन बीजेपी का कहना है कि, कांग्रेस में भगदड़ मची हुई है. तो वहीं कांग्रेस इसे डर्टी पॉलिटिक्स बता रही है. फिलहाल दोनों राजनीतिक दल कोरोना की चिंता छोड़कर सियासी शतरंज की बिसात बिछाने में लगे हैं.

उपचुनाव को लेकर सियासत गरमाई

दरअसल इन दिनों सोशल मीडिया और कुछ अखबारों में खबरें चल रही हैं कि, ज्योतिरादित्य सिंधिया 1 जून को भोपाल पहुंचेंगे और उनके भोपाल पहुंचने पर कांग्रेस के कई दिग्गज बीजेपी की सदस्यता लेने वाले हैं. इन दिग्गजों में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, पूर्व राज्यसभा सांसद सत्यव्रत चतुर्वेदी और पूर्व विधायक हेमंत कटारे का नाम चर्चा में चल रहा है. बीजेपी इन खबरों को लेकर कह रही है कि, कांग्रेस में जब सरकार होते हुए मंत्री और विधायकों ने पार्टी छोड़ दी, तो अब तो भगदड़ मचने वाली है. तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस का कहना है कि, यह सब अफवाहें हैं और अफवाहों की आयु लंबी नहीं होती है. कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी उपचुनाव में अपनी हार देखकर डर्टी पॉलिटिक्स कर रही है. हालांकि इन आरोप- प्रत्यारोप के बीच सिंधिया 1 जून को भोपाल आने की खबरों का खंडन कर चुके हैं.

कई कांग्रेसियों के बीजेपी में शामिल होने की खबर

हेमंत कटारे वीडियो जारी करके चुके हैं कि, उनका परिवार कांग्रेसी पृष्ठभूमि का है और वह सदैव कांग्रेस में रहेंगे. इसके अलावा उनका दावा है कि, मध्य प्रदेश में फिर से कांग्रेस की सरकार बनने वाली है. वहीं सत्यव्रत चतुर्वेदी को लेकर कांग्रेस का कहना है कि, वो पहले ही संन्यास की घोषणा कर चुके हैं. सबसे बड़ा नाम जो सामने आ रहा है, वह पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी का है, लेकिन कांग्रेस इसे साफ तौर पर अफवाह बता रही है और चर्चा है कि, उपचुनाव के लिए सुरेश पचौरी को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है और वो कमलनाथ के वॉररूम का हिस्सा हैं.

बीजेपी ने साधा निशाना

इस मामले में मध्य प्रदेश बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि, कांग्रेस में भगदड़ है. सरकार के रहते हुए विधायक और मंत्री ने इस्तीफा दे चुके हैं. अब उपचुनाव के पहले तमाम प्रकार के कांग्रेसी नेता कांग्रेस छोड़ने के लिए तैयार हैं और कांग्रेस छोड़ रहे हैं और बीजेपी को स्वीकार कर रहे हैं. जिसे बीजेपी की विचारधारा, कार्यपद्धती, रीति- नीति,अनुशासन और नेतृत्व स्वीकार है और साथ चलने को तैयार हैं, बीजेपी में उसका स्वागत है. उनके जनाधार,उनके राजनीतिक अनुभव और योग्यता और कुशलता के आधार पर उन्हें भाजपा में स्थान और सम्मान मिलेगा.

कांग्रेस ने किया पलटवार

वहीं इस मामले में मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अजय यादव का कहना है कि, मध्य प्रदेश में बीजेपी सिंधिया के गुट और उनके समर्थकों में अलगाव और बिखराव सार्वजनिक रूप से दिखाई देने लगा है. उसी का परिणाम है कि मध्य प्रदेश में अभी तक मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो पा रहा है. सार्वजनिक तौर पर सिंधिया समर्थक कहते हैं कि, उनसे जो बड़े-बड़े वादे किए गए,जो अभी तक पूरे नहीं हो पाए हैं. अब यही टकराव शिवराज सरकार के पतन का कारण बनने वाला है. बीजेपी ने सरकार के पतन को देखते हुए डर्टी पॉलिटिक्स शुरू कर दी है और कांग्रेस के नेताओं के संदर्भ में अफवाह फैलाने का काम किया है.

भोपाल। मध्यप्रदेश में होने वाले उपचुनाव के चलते सियासी सरगर्मियां इन दिनों चरम पर है. सियासी गलियारों में एक चर्चा जोर पकड़े हुए है कि, ज्योतिरादित्य सिंधिया जब भी भोपाल आएंगे, तो कांग्रेस को एक बड़ा झटका लगेगा. सोशल मीडिया पर भी कांग्रेसी दिग्गजों के बीजेपी में शामिल होने की खबरें चल रही हैं. हालांकि कई नेता इसका खंडन कर चुके हैं, लेकिन बीजेपी का कहना है कि, कांग्रेस में भगदड़ मची हुई है. तो वहीं कांग्रेस इसे डर्टी पॉलिटिक्स बता रही है. फिलहाल दोनों राजनीतिक दल कोरोना की चिंता छोड़कर सियासी शतरंज की बिसात बिछाने में लगे हैं.

उपचुनाव को लेकर सियासत गरमाई

दरअसल इन दिनों सोशल मीडिया और कुछ अखबारों में खबरें चल रही हैं कि, ज्योतिरादित्य सिंधिया 1 जून को भोपाल पहुंचेंगे और उनके भोपाल पहुंचने पर कांग्रेस के कई दिग्गज बीजेपी की सदस्यता लेने वाले हैं. इन दिग्गजों में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, पूर्व राज्यसभा सांसद सत्यव्रत चतुर्वेदी और पूर्व विधायक हेमंत कटारे का नाम चर्चा में चल रहा है. बीजेपी इन खबरों को लेकर कह रही है कि, कांग्रेस में जब सरकार होते हुए मंत्री और विधायकों ने पार्टी छोड़ दी, तो अब तो भगदड़ मचने वाली है. तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस का कहना है कि, यह सब अफवाहें हैं और अफवाहों की आयु लंबी नहीं होती है. कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी उपचुनाव में अपनी हार देखकर डर्टी पॉलिटिक्स कर रही है. हालांकि इन आरोप- प्रत्यारोप के बीच सिंधिया 1 जून को भोपाल आने की खबरों का खंडन कर चुके हैं.

कई कांग्रेसियों के बीजेपी में शामिल होने की खबर

हेमंत कटारे वीडियो जारी करके चुके हैं कि, उनका परिवार कांग्रेसी पृष्ठभूमि का है और वह सदैव कांग्रेस में रहेंगे. इसके अलावा उनका दावा है कि, मध्य प्रदेश में फिर से कांग्रेस की सरकार बनने वाली है. वहीं सत्यव्रत चतुर्वेदी को लेकर कांग्रेस का कहना है कि, वो पहले ही संन्यास की घोषणा कर चुके हैं. सबसे बड़ा नाम जो सामने आ रहा है, वह पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी का है, लेकिन कांग्रेस इसे साफ तौर पर अफवाह बता रही है और चर्चा है कि, उपचुनाव के लिए सुरेश पचौरी को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है और वो कमलनाथ के वॉररूम का हिस्सा हैं.

बीजेपी ने साधा निशाना

इस मामले में मध्य प्रदेश बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि, कांग्रेस में भगदड़ है. सरकार के रहते हुए विधायक और मंत्री ने इस्तीफा दे चुके हैं. अब उपचुनाव के पहले तमाम प्रकार के कांग्रेसी नेता कांग्रेस छोड़ने के लिए तैयार हैं और कांग्रेस छोड़ रहे हैं और बीजेपी को स्वीकार कर रहे हैं. जिसे बीजेपी की विचारधारा, कार्यपद्धती, रीति- नीति,अनुशासन और नेतृत्व स्वीकार है और साथ चलने को तैयार हैं, बीजेपी में उसका स्वागत है. उनके जनाधार,उनके राजनीतिक अनुभव और योग्यता और कुशलता के आधार पर उन्हें भाजपा में स्थान और सम्मान मिलेगा.

कांग्रेस ने किया पलटवार

वहीं इस मामले में मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अजय यादव का कहना है कि, मध्य प्रदेश में बीजेपी सिंधिया के गुट और उनके समर्थकों में अलगाव और बिखराव सार्वजनिक रूप से दिखाई देने लगा है. उसी का परिणाम है कि मध्य प्रदेश में अभी तक मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो पा रहा है. सार्वजनिक तौर पर सिंधिया समर्थक कहते हैं कि, उनसे जो बड़े-बड़े वादे किए गए,जो अभी तक पूरे नहीं हो पाए हैं. अब यही टकराव शिवराज सरकार के पतन का कारण बनने वाला है. बीजेपी ने सरकार के पतन को देखते हुए डर्टी पॉलिटिक्स शुरू कर दी है और कांग्रेस के नेताओं के संदर्भ में अफवाह फैलाने का काम किया है.

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