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MP Human Rights Commission : छतरपुर के नौगांव में तपड़ती रही गर्भवती, नवजात की मौत, मानवाधिकार आयोग ने दिखाई सख्ती - मानवाधिकार आयोग ने दिखाई सख्ती

छतरपुर जिले के नौगांव सामुदायिक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रसव के लिये तड़पती रही महिला. छह घंटे बाद उसको रेफर किया गया. इसके चलते एंबुलेंस में ही महिला ने बच्चे को जन्म दे दिया, जिसमें नवजात बच्चे की मौत हो गई. इस मामले में मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लेते हुए कलेक्टर व सीएमएचओ को एक माह के जांच कराकर जांच रिपोर्ट आयोग के सामने प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं. (MP Human Rights Commission strict) (Newborn died in Chhatarpur Nowgaon)

MP Human Rights Commission strict
मानवाधिकार आयोग ने दिखाई सख्ती
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Published : Jun 25, 2022, 3:07 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग प्रदेश में हो रही घटनाओं पर खुद संज्ञान संज्ञान ले रहा है. छतरपुर जिले के नौगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में प्रसव के लिये आई एक गर्भवती महिला के पास पैसा नहीं होने के कारण उसको अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया. रेफर के दौरान गर्भवती ने एम्बुलेंस में ही बच्चे को जन्म दे दिया. इसलिए नवजात की मौत हो गई.

आयोग ने पूछा -पीड़िता को मुआवजा दिया या नहीं : इस मामले में त्वरित संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार जैन ने कलेक्टर और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, छतरपुर से एक माह में जवाब मांगा है. आयोग ने कहा है कि मामले की जांच कराकर जांच रिपोर्ट भेजें. साथ ही यह भी पूछा है कि पीड़िता को कोई मुआवजा राशि दी गई है या नहीं ?

Action Of Human Rights Commission : नाबालिग युवती को युवक के साथ जूतों की माला पहनाकर घुमाया, मानवाधिकार आयोग सख्त, एसपी से मांगा जवाब

यह है पूरा मामला : पहले तो गर्भवती को नर्सों ने बताया था कि 9 से 10 बजे तक बच्चा हो जायेगा, लेकिन फिर बच्चे की डिलीवरी नहीं कराई और गर्भवती को रेफर कराने की सलाह दी. करीब 6 घंटे तक गर्भवती प्रसव के लिये इंतजार करती रही. अंततः उसे रेफर कर दिया गया. रेफर के दौरान एम्बुलेंस की सुविधा भी नहीं मिली. पैसे न होने के कारण वह निजी वाहन से जाने में असमर्थ थी.

एम्बुलेंस में ही बच्चे को जन्म दिया, बच्चा मृत : तभी एक स्थानीय पत्रकार ने उस गर्भवती को निजी वाहन से जिला अस्पताल, छतरपुर भिजवाने का प्रबंध किया. जैसे ही गर्भवती महिला नौगांव नगर के बाहर नवोदय स्कूल के पास पहुंची, तब उसने एम्बुलेंस में ही बच्चे को जन्म दे दिया, बच्चा मृत हुआ. प्रसव के बाद बच्चे की मौत हुई या मां के गर्भ में ही, यह जांच का विषय है. (MP Human Rights Commission strict) (Newborn died in Chhatarpur Nowgaon)

भोपाल। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग प्रदेश में हो रही घटनाओं पर खुद संज्ञान संज्ञान ले रहा है. छतरपुर जिले के नौगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में प्रसव के लिये आई एक गर्भवती महिला के पास पैसा नहीं होने के कारण उसको अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया. रेफर के दौरान गर्भवती ने एम्बुलेंस में ही बच्चे को जन्म दे दिया. इसलिए नवजात की मौत हो गई.

आयोग ने पूछा -पीड़िता को मुआवजा दिया या नहीं : इस मामले में त्वरित संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार जैन ने कलेक्टर और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, छतरपुर से एक माह में जवाब मांगा है. आयोग ने कहा है कि मामले की जांच कराकर जांच रिपोर्ट भेजें. साथ ही यह भी पूछा है कि पीड़िता को कोई मुआवजा राशि दी गई है या नहीं ?

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यह है पूरा मामला : पहले तो गर्भवती को नर्सों ने बताया था कि 9 से 10 बजे तक बच्चा हो जायेगा, लेकिन फिर बच्चे की डिलीवरी नहीं कराई और गर्भवती को रेफर कराने की सलाह दी. करीब 6 घंटे तक गर्भवती प्रसव के लिये इंतजार करती रही. अंततः उसे रेफर कर दिया गया. रेफर के दौरान एम्बुलेंस की सुविधा भी नहीं मिली. पैसे न होने के कारण वह निजी वाहन से जाने में असमर्थ थी.

एम्बुलेंस में ही बच्चे को जन्म दिया, बच्चा मृत : तभी एक स्थानीय पत्रकार ने उस गर्भवती को निजी वाहन से जिला अस्पताल, छतरपुर भिजवाने का प्रबंध किया. जैसे ही गर्भवती महिला नौगांव नगर के बाहर नवोदय स्कूल के पास पहुंची, तब उसने एम्बुलेंस में ही बच्चे को जन्म दे दिया, बच्चा मृत हुआ. प्रसव के बाद बच्चे की मौत हुई या मां के गर्भ में ही, यह जांच का विषय है. (MP Human Rights Commission strict) (Newborn died in Chhatarpur Nowgaon)

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