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हिंद महासागर में बना नया सिस्टम, उमड़-घुमड़ अब भी डराएंगे बदरा

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Published : Oct 30, 2019, 8:48 AM IST

Updated : Oct 30, 2019, 9:41 AM IST

हिंद महासागर में एक नया सिस्टम बनने से राजधानी भोपाल सहित अन्य जिलों में बादलों का डेरा लगा रहेगा. इस नए सिस्टम से ये एक गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र बन गया है. जिससे शहर में बादल छाए रह सकते हैं और बूंदाबांदी भी हो सकती है.

देश में बूंदाबांदी और बादलों का रहेगा डेरा

भोपाल। मध्यप्रदेश में अक्टूबर माह के अंत तक मानसून अपनी मौजूदगी दर्ज कराता रहा. राजधानी भोपाल सहित अन्य जिलों में बादल मंडराते रहेंगे. अब तक शहर में उमड़ते बादल और बूंदाबांदी का कारण माना जाने वाला क्यार चक्रवात ओमान नदी की ओर चला गया है, लेकिन हिंद महासागर में एक नया सिस्टम बन गया है.

देश में बूंदाबांदी और बादलों का रहेगा डेरा

हिंद महासागर में बने सिस्टम के चलते राजधानी भोपाल में बादलों का डेरा अभी दिखाई देगा, वहीं कुछ कुछ स्थानों पर बूंदाबांदी भी हो सकती है. मौसम विभाग के अनुसार हिंद महासागर एक गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र बन गया है.

एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र मेघालय के ऊपर और दूसरा चक्रवाती सिस्टम जम्मू कश्मीर के ऊपर हवाओं में बना हुआ है. मौसम विभाग के अनुसार दिन के तापमान में सोमवार के मुकाबले 1.3 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है और अधिकतम तापमान 29.3 डिग्री दर्ज किया गया है. वातावरण में भी नमी की मात्रा 88 फीसदी रही.

भोपाल। मध्यप्रदेश में अक्टूबर माह के अंत तक मानसून अपनी मौजूदगी दर्ज कराता रहा. राजधानी भोपाल सहित अन्य जिलों में बादल मंडराते रहेंगे. अब तक शहर में उमड़ते बादल और बूंदाबांदी का कारण माना जाने वाला क्यार चक्रवात ओमान नदी की ओर चला गया है, लेकिन हिंद महासागर में एक नया सिस्टम बन गया है.

देश में बूंदाबांदी और बादलों का रहेगा डेरा

हिंद महासागर में बने सिस्टम के चलते राजधानी भोपाल में बादलों का डेरा अभी दिखाई देगा, वहीं कुछ कुछ स्थानों पर बूंदाबांदी भी हो सकती है. मौसम विभाग के अनुसार हिंद महासागर एक गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र बन गया है.

एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र मेघालय के ऊपर और दूसरा चक्रवाती सिस्टम जम्मू कश्मीर के ऊपर हवाओं में बना हुआ है. मौसम विभाग के अनुसार दिन के तापमान में सोमवार के मुकाबले 1.3 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है और अधिकतम तापमान 29.3 डिग्री दर्ज किया गया है. वातावरण में भी नमी की मात्रा 88 फीसदी रही.

Intro:बूंदाबांदी और बादलों का रहेगा अभी भी डेरा , हिंद महासागर में बना है नया सिस्टम


भोपाल | प्रदेश के इतिहास में दो दशक के बाद अक्टूबर माह के अंत तक बारिश ने अपनी मौजूदगी को बनाए रखा है . अभी भी राजधानी के अलावा अन्य जिलों में बादलों का डेरा लगा रहेगा . साथ ही कुछ स्थानों पर बूंदाबांदी का खतरा अभी भी बना हुआ है . अब तक शहर में बादल और बूंदाबांदी का कारण माना जाने वाला "क्यार " चक्रवात ओमान नदी की ओर चला गया है . लेकिन हिंद महासागर में एक नया सिस्टम बन गया है इस सिस्टम से एक ट्रर्फ तमिलनाडु तक बनी हुई है यही वजह है कि राजधानी में बादलों का डेरा अभी दिखाई देगा वहीं कुछ कुछ स्थानों पर बूंदाबांदी भी हो सकती है .


Body:मौसम विभाग के अनुसार हिंद महासागर पर एक गहरे निम्न दबाव का क्षेत्र बनकर तैयार हुआ है , जबकि एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र मेघालय के ऊपर और दूसरा चक्रवाती सिस्टम जम्मू कश्मीर के ऊपर हवाओं में बना हुआ है . इसके चलते शहर में बादल छाए रह सकते हैं एवं बूंदाबांदी भी हो सकती है . शहर में सोमवार को हुई रिकॉर्ड बारिश के बाद मंगलवार को मौसम काफी खुला हुआ रहा है . बादलों के हटने से रात के तापमान में आधा डिग्री की मामूली गिरावट भी दर्ज की गई है और यह 20 डिग्री दर्ज किया गया है .


Conclusion:मौसम विभाग के अनुसार दिन के तापमान में भी सोमवार के मुकाबले 1.3 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है और अधिकतम तापमान 29.3 डिग्री दर्ज किया गया है . इस बीच बरसात होने के चलते हवा में नमी की मात्रा काफी संख्या में बढ़ी हुई दर्ज की गई है . विभाग के अनुसार वातावरण में नमी की मात्रा 88 फ़ीसदी थी जो दिन भर बरसात ना होने से नमी में कुछ कमी महसूस की गई है और नमी क्षेत्र फ़ीसदी दर्ज की गई है इसी तरह यदि मौसम खुला रहा तो नवमी में कमी आ सकती है लेकिन धीरे-धीरे रात की ठंडक में इजाफा जरूर होगा फिलहाल तेज बारिश के आसार अब नजर नहीं आ रहे हैं .
Last Updated : Oct 30, 2019, 9:41 AM IST
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