भोपाल। प्रदेश में सत्ता बदलने के बाद अब एक बार फिर प्रदेश की उद्योग नीति में बदलाव की कवायद शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस बात के संकेत दिए हैं कि, मजदूरों को अधिक रोजगार देने वाली इकाइयां स्थापित की जाएंगी. नई उद्योग नीति के लिए प्रदेश के प्रमुख 12 उद्योगों के प्रबंध संचालक और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की एक कमेटी बना दी गई है.
इन उद्योगों से जुड़े लोगों के सुझाव आने के बाद उद्योग विभाग के आला अधिकारी इस पर विचार कर उद्योग नीति तैयार करेंगे. सरकार का नई उद्योग नीति में मुख्य फोकस ज्यादा से ज्यादा मजदूरों को रोजगार देने का है. सरकार की कोशिश है कि प्रदेश में कुटीर उद्योगों को बढ़ावा दिया जाए और स्वदेशी और स्वावलंबन पर फोकस हो. इसके अलावा सरकार की कोशिश है कि, कोरोना संक्रमण के बाद चीन से दूसरे देशों में शिफ्ट होने वाले उद्योगों को प्रदेश में आकर्षित किया जा सके, जिससे इन कंपनियों के आने से प्रदेश में निवेश के अवसर बढ़ें, साथ ही रोजगार के अवसरों में भी बढ़ोतरी हो
इन उद्योगों के सीईओ और प्रबंध संचालक देंगे सुझाव
रवि झुनझुनवाला एचईजी मंडीदीप, विनोद अग्रवाल वोल्वो आयशर पीथमपुर, निलेश गुप्ता लूपिन मंडीदीप, अनुराग श्रीवास्तव नेटलिंक मंडीदीप, मार्क जोराल्ट लैप इंडिया पीलूखेड़ी, अरुण गौर प्रकाश पैकेजिंग बामोर मुरैना, अर्चना भटनागर हेलाइड केमिकल इंडस्ट्री जबलपुर, संदीप कोचर कोचर ग्लास गोविंदपुरा, जितेंद्र गुप्ता मीनाक्षी केमिकल्स मंडीदीप, राजेश मिश्रा आर्यव्रत इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड पीथमपुर, राजेंद्र गुप्ता ट्राइडेंट बुधनी.