भोपाल। मध्यप्रदेश में 52 संगठनों से बने मध्य प्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने पुरानी पेंशन व्यवस्था चालू करने सहित कई मुद्दों को लेकर सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है. कर्मचारी संगठनों के मुताबिक मध्यप्रदेश में भी एनपीएस व्यवस्था बंद कर पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू की जानी चाहिए. इसको लेकर जब छत्तीसगढ़ और राजस्थान जैसी सरकारें फैसला ले सकती हैं तो फिर मध्य प्रदेश सरकार आखिर इसको लेकर क्यों कदम आगे नहीं बढ़ा रही. संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह के मुताबिक संयुक्त मोर्चा के माध्यम से सरकार को अल्टीमेटम दे दिया गया है. पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने, अध्यापक संवर्ग को नए शिक्षा संवर्ग में क्रमोन्नति का लाभ देने, संविदा सिस्टम को खत्म करने जैसी प्रमुख मांगे शामिल हैं.
संविदा सिस्टम पूरी तरह से खत्म करने की मांग : मध्य प्रदेश संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के अध्यक्ष रमेश राठौर के मुताबिक प्रदेश में संविदा सिस्टम पूरी तरह से खत्म होना चाहिए, यह कर्मचारियों के शोषण का माध्यम बन गया है. संविदा सिस्टम में उलझ कर कर्मचारी पूरी जिंदगी निकाल देता है और आखिर में उसके पास ना नौकरी बचती है और ना ही सामाजिक सुरक्षा के नाम पर कोई पूंजी. कर्मचारी संगठनों के मुताबिक अभी सरकार को अपनी मांगों से कई बार अवगत कराया जा चुका है और जल्द ही संगठन आंदोलन की राह पर आगे बढ़ेगा. कर्मचारी नेता जितेंद्र सिंह के मुताबिक सरकार ने पिछले दिनों उनके आंदोलन की अनुमति न देकर आंदोलन को कुचलने की कोशिश की लेकिन अभी संगठन सरकार को वक्त दे रहे हैं आने वाले समय में यदि सरकार ने उनकी मांग न मानी तो बड़े आंदोलन से सरकार को तैयार रहना होगा.
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विधानसभा सत्र के दौरान कांग्रेस विधायकों ने उठाई थी मांग
पिछले विधानसभा सत्र के दौरान कांग्रेस विधायकों ने सदन में कर्मचारियों की इस मांग को उठाया था. हालांकि प्रदेश सरकार पुरानी पेंशन व्यवस्था फिर से लागू करने को लेकर साफ इनकार कर चुकी है. वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा के मुताबिक फिलहाल सरकार पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू करने पर कोई विचार नहीं कर रही है. उधर, कांग्रेस ने साफ कहा है कि यदि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी तो कांग्रेस पुरानी पेंशन की व्यवस्था को फिर से लागू करेगी. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता के मुताबिक कांग्रेस पार्टी इस व्यवस्था के पूरी तरह से पक्ष में है और यही वजह है कि छत्तीसगढ़, राजस्थान की कांग्रेस सरकारों ने इसे फिर से शुरू किया है. गौरतलब है कि पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने की मांग यदि जोर पकड़ी तो मध्यप्रदेश में बीजेपी के लिए मुश्किल बढ़ सकती है. मध्यप्रदेश में विभिन्न संगठनों में शामिल शासकीय विभागों, निगम, मंडल, प्राधिकरण और अन्य संस्थाओं के 10 लाख से ज्यादा कर्मचारी अधिकारी शामिल है. (New Challenge to Shivraj government) (United Front give ultimatem) ( demand of old pension scheme)