भोपाल। राजधानी भोपाल में नेशनल विज्ञान फिल्म मेकिंग कार्यशाला का आयोजन किया गया. भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की राष्ट्रीय संस्था विज्ञान प्रसार और भोपाल की पब्लिक रिलेशन्स सोसाइटी द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित हुई इस कार्यशाला में विज्ञान से जुड़ी कई छोटी फिल्मों को भी प्रदर्शित किया. जिसमें अलग-अलग विश्वविद्यालय के छात्र भी शामिल हुए.
कार्यशाला में अक्षय कुमार अभिनीत फिल्म मिशन मंगल फिल्म के डायरेक्टर जगन शक्ति ने शिरकत की. तीन दिवसीय कार्यशाला के अंतिम दिन उन्होंने प्रतिभागियों को सम्बोधित किया. उन्होंने कहा कि भारत में केवल 3 प्रतिशत लोगों में ही विज्ञान के प्रति जागरुकता है, जबकि विश्व के अन्य भागों में लगभग 40 प्रतिशत आबादी को विज्ञान के विषयों में रुचि है.
यही वजह है कि साइंस एंड टेक्नोलॉजी के कंटेंट वाली फिल्में अधिक संख्या में बनायीं जाती हैं. हालांकि अब भारत में वे सुविधाएं हैं, जिनसे विज्ञान से जुड़ी हाईटेक फिल्में बन रही हैं. मिशन मंगल फिल्म के बारे में उन्होंने कहा कि दर्शकों के एंटरटेनमेंट के लिए उन्होंने फिल्म बनाई है. उन्होंने कहा कि फिल्म बनाने के दौरान वैज्ञानिक शब्दावली को समझने और उसे आसान ढंग से प्रस्तुत करने की चुनौती थी, जिसे सरल कर पेश करने की कोशिश की है.
जगन शक्ति ने उम्मीद जताई है कि विज्ञान पर बनी फिल्में इस तरत की कार्यशालाओं से निकलें, जिससे विज्ञान के प्रति लोगों की जागरुकता बढ़े. उन्होंने बताया कि आज के दौरान में फिल्में कंटेंट के ऊपर ही टिकती हैं, जिसके लिए बेहतर रिसर्च की आवाश्यकता होती है.