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नेशनल विज्ञान फिल्म मेकिंग कार्यशाला में शामिल हुए जगन शक्ति, मिशन मंगल मूवी पर की चर्चा - मिशन मंगल

नेशनल विज्ञान फिल्म मेकिंग कार्यशाला में फिल्म मिशन मंगल के डॉयरेक्टर न शिरकत की. इस दौरान उन्होंने फिल्म मेकिंग पर भी चर्चा की.

नेशनल विज्ञान फिल्म मेकिंग कार्यशाला का आयोजन
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Published : Sep 11, 2019, 8:42 PM IST

भोपाल। राजधानी भोपाल में नेशनल विज्ञान फिल्म मेकिंग कार्यशाला का आयोजन किया गया. भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की राष्ट्रीय संस्था विज्ञान प्रसार और भोपाल की पब्लिक रिलेशन्स सोसाइटी द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित हुई इस कार्यशाला में विज्ञान से जुड़ी कई छोटी फिल्मों को भी प्रदर्शित किया. जिसमें अलग-अलग विश्वविद्यालय के छात्र भी शामिल हुए.

मिशन मंगल मूवी पर डायरेक्टर जगन शक्ति ने की चर्चा

कार्यशाला में अक्षय कुमार अभिनीत फिल्म मिशन मंगल फिल्म के डायरेक्टर जगन शक्ति ने शिरकत की. तीन दिवसीय कार्यशाला के अंतिम दिन उन्होंने प्रतिभागियों को सम्बोधित किया. उन्होंने कहा कि भारत में केवल 3 प्रतिशत लोगों में ही विज्ञान के प्रति जागरुकता है, जबकि विश्व के अन्य भागों में लगभग 40 प्रतिशत आबादी को विज्ञान के विषयों में रुचि है.

यही वजह है कि साइंस एंड टेक्नोलॉजी के कंटेंट वाली फिल्में अधिक संख्या में बनायीं जाती हैं. हालांकि अब भारत में वे सुविधाएं हैं, जिनसे विज्ञान से जुड़ी हाईटेक फिल्में बन रही हैं. मिशन मंगल फिल्म के बारे में उन्होंने कहा कि दर्शकों के एंटरटेनमेंट के लिए उन्होंने फिल्म बनाई है. उन्होंने कहा कि फिल्म बनाने के दौरान वैज्ञानिक शब्दावली को समझने और उसे आसान ढंग से प्रस्तुत करने की चुनौती थी, जिसे सरल कर पेश करने की कोशिश की है.

जगन शक्ति ने उम्मीद जताई है कि विज्ञान पर बनी फिल्में इस तरत की कार्यशालाओं से निकलें, जिससे विज्ञान के प्रति लोगों की जागरुकता बढ़े. उन्होंने बताया कि आज के दौरान में फिल्में कंटेंट के ऊपर ही टिकती हैं, जिसके लिए बेहतर रिसर्च की आवाश्यकता होती है.

भोपाल। राजधानी भोपाल में नेशनल विज्ञान फिल्म मेकिंग कार्यशाला का आयोजन किया गया. भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की राष्ट्रीय संस्था विज्ञान प्रसार और भोपाल की पब्लिक रिलेशन्स सोसाइटी द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित हुई इस कार्यशाला में विज्ञान से जुड़ी कई छोटी फिल्मों को भी प्रदर्शित किया. जिसमें अलग-अलग विश्वविद्यालय के छात्र भी शामिल हुए.

मिशन मंगल मूवी पर डायरेक्टर जगन शक्ति ने की चर्चा

कार्यशाला में अक्षय कुमार अभिनीत फिल्म मिशन मंगल फिल्म के डायरेक्टर जगन शक्ति ने शिरकत की. तीन दिवसीय कार्यशाला के अंतिम दिन उन्होंने प्रतिभागियों को सम्बोधित किया. उन्होंने कहा कि भारत में केवल 3 प्रतिशत लोगों में ही विज्ञान के प्रति जागरुकता है, जबकि विश्व के अन्य भागों में लगभग 40 प्रतिशत आबादी को विज्ञान के विषयों में रुचि है.

यही वजह है कि साइंस एंड टेक्नोलॉजी के कंटेंट वाली फिल्में अधिक संख्या में बनायीं जाती हैं. हालांकि अब भारत में वे सुविधाएं हैं, जिनसे विज्ञान से जुड़ी हाईटेक फिल्में बन रही हैं. मिशन मंगल फिल्म के बारे में उन्होंने कहा कि दर्शकों के एंटरटेनमेंट के लिए उन्होंने फिल्म बनाई है. उन्होंने कहा कि फिल्म बनाने के दौरान वैज्ञानिक शब्दावली को समझने और उसे आसान ढंग से प्रस्तुत करने की चुनौती थी, जिसे सरल कर पेश करने की कोशिश की है.

जगन शक्ति ने उम्मीद जताई है कि विज्ञान पर बनी फिल्में इस तरत की कार्यशालाओं से निकलें, जिससे विज्ञान के प्रति लोगों की जागरुकता बढ़े. उन्होंने बताया कि आज के दौरान में फिल्में कंटेंट के ऊपर ही टिकती हैं, जिसके लिए बेहतर रिसर्च की आवाश्यकता होती है.

Intro:भारत में केवल 3 प्रतिशत लोगों में ही विज्ञान के प्रति जागरूकता है, जबकि विश्व के अन्य भागों में लगभग 40 प्रतिशत आबादी को विज्ञान के विषयों में रूचि है | यही कारण है वहां साइंस एंड टेक्नोलॉजी के कंटेंट वाली फिल्में अधिक संख्या में बनायीं जाती है | Body:मैंने भी अपनी फिल्म मिशन मंगल को दर्शकों के एंटरटेनमेंट के लिए ही बनाया था परन्तु जब इस सिलसिले में देशभर में घूमना हुआ तो पाया की आमजन को केवल राकेट टेक ऑफ से ज्यादा किसी भी मिशन को लेकर कोई खास जानकारी नहीं होती | फिल्म बनाने की प्रक्रिया में मेरे सामने भी वैज्ञानिक शब्दावली को समझने और उसे आसान ढंग से प्रस्तुत करने की चुनौती पेश आयी | इसी कारण ऐसी कार्यशालाओं की महत्वपूर्णता बढ़ जाती है | उम्मीद है ऐसी विज्ञान फिल्में यहाँ से तैयार होकर निकलेगी जो युवाओं में विज्ञान के प्रति जागरूकता बढ़ाने में मददगार होगी और मेरी तरह भविष्य के फिल्म निर्माता भी इन विषयों पर और अधिक फिल्में बनाएंगे | आगे उन्होंने कहा आज के दौर में फिल्में कंटेंट के आधार पर टिकती हैं जिसके लिए बेहतर रिसर्च करने की आवश्यकता होती है | यह विचार मंगल मिशन फिल्म के डाइरेक्टर जगन शक्ति ने तीन दिवसीय राष्ट्रीय विज्ञान फिल्म निर्माण कार्यशाला के अंतिम दिन सभी प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए रखे | Conclusion:यह कार्यशाला पब्लिक रिलेशन्स सोसाइटी भोपाल और भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की राष्ट्रीय संस्था विज्ञान प्रसार द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित की । इस मौके पर प्रदेश भर के कई विश्वविद्यालय के छात्र छात्राएं मौजूद रहे जिन्होंने
छोटी छोटी फिल्मों को प्रदर्शित किया,,

बाईट: जगन शक्ति,फ़िल्म निर्देशक
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