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बीजेपी के 'मिशन बंगाल' में सक्रिय भूमिका निभाएंगे एमपी के तीन दिग्गज

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Published : Dec 17, 2020, 5:24 PM IST

Updated : Dec 17, 2020, 5:47 PM IST

बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में सात नए केंद्रीय पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की है. इस सूची में मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा व केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल का नाम भी शामिल है. जबकि बीजेपी के दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय प्रभारी के तौर पर पश्चिम बंगाल में अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं.

Mission Bengal
मिशन बंगाल

भोपाल। बीजेपी साल 2021 के बंगाल विधानसभा चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक रही है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बंगाल के 23 जिलों में जीत दर्ज करने के लिए भाजपा ने पहले ही राज्य को पांच जोन में बांटकर पांच केंद्रीय पर्यवेक्षकों को नियुक्त किया था. लेकिन अब इस सूची में सात और केंद्रीय पर्यवेक्षक जुड़ गए हैं. इन नामों में मध्यप्रदेश के दो और दिग्गजों को जगह दी गई है. जिनमें केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का नाम शामिल है. वहीं बीजेपी के दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय पहले से ही बंगाल की कमान संभाल रहे हैं.

सात केंद्रीय पर्यवेक्षकों के नाम

मध्य प्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा, पर्यटन और संस्कृति मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल,केंद्रीय जल शाक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया, पशुपालन मंत्री डॉ संजीव बाल्यान, उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य.

इस सूची में मध्यप्रदेश के दिग्गजों को चुने जाने की वजह

बता दें बंगाल में तैनात हुए केंद्रीय पर्यवेक्षकों की नई सूची में एमपी के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल को शामिल करने के पीछे खास वजह है. माना जा रहा है कि नरोत्तम मिश्रा की एमपी उपचुनाव में परफार्मेंस व मैनेजमेंट को देखते हुए उन्हें बंगाल भेजा गया था. केंद्रीय नेतृत्व उनके कार्य से कहीं ना कहीं संतुष्ट नजर आया. जिसके चलते उन्हें ये जिम्मेदारी दी गई.

अब दूसरा नाम आता है केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल का, तो मंत्री प्रहलाद पटेल को दूसरे राज्यों विधानसभा चुनाव में बीजेपी का नेतृत्व करने का अनुभव रहा है. जब उन्हें मणिपुर का प्रभारी बनाकर भेजा गया था, तो विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने शानदार जीत दर्ज की थी. लिहाजा पुराना ट्रैक रिकॉर्ड को ध्यान में रखते हुए कहीं ना कहीं उन्हें ये जिम्मेदारी दी गई है.

वहीं अगर बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की बात की जाए तो वे शुरू से ही बीजेपी के पश्चिम बंगाल कैंपेन से जुड़े रहे हैं. विजयवर्गीय के नेतृत्व में पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 42 सीटों में से 18 पर कब्जा किया था. कैलाश ने हरियाणाम में भी प्रभारी की भूमिका निभाते हुए बीजेपी का नेतृत्व किया था. जिसके चलते एक बार फिर कैलाश को ये जिम्मेदारी दी गई है.

'फार्मूला 23' को पूरा करने बीजेपी का प्लान

बीजेपी ने बंगाल में 294 में से कम से कम 200 सीटों पर जीत दर्ज करने का लक्ष्य रखा है. इसी को ध्यान में रखते हुए भाजपा ने जिलों के लिए 'फार्मूला 23' बनाया है. जिसको पूरा करने के लिए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सात और केंद्रीय पर्यवेक्षकों को बंगाल भेजा है.ये पर्यवेक्षक पश्चिम बंगाल में संगठन को मजबूत बनाने के साथ-साथ चुनाव संबंधी तैयारियों का आकलन करेंगे.

पांच केंद्रीय पर्यवेक्षक पहले ही तैनात

भाजपा ने पहले भी पश्चिम बंगाल के पांच क्षेत्रों के लिए पांच केंद्रीय पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर चुकी थी. जो वहां काम कर रहे हैं. इनमें सुनील देवधर को मिदनापुर, यूपी के लोकसभा सांसद विनोद सोनकर को रार, राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम को कोलकाता, महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री विनोद तावड़े को नवदीप और आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय को उत्तर बंगाल की जिम्मेदारी दी गई थी.

जेपी नड्डा को रिपोर्ट करेंगे पर्यवेक्षक

अब जो 7 नए पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं वे ऑन-ग्राउंड फीडबैक इकट्ठा करने के लिए बंगाल के विभिन्न हिस्सों में कैंप करेंगे. सूत्रों के मुताबिक इनमें से हरेक को छह से सात संसदीय सीट की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

केंद्र के विकास कार्यों को जनता तक पहुंचाने की जिम्मेदारी

सभी नेता इस महीने के आखिर तक बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को ग्राउंड रिपोर्ट सौंपेंगे. ये नेता एक 'गृह संपर्क अभियान' का संचालन करेंगे. पर्यवेक्षक केंद्र सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों के साथ बातचीत करेंगे और कार्यकर्ताओं से मिलेंगे. साथ ही केंद्र सरकार के विकास कार्यों को लोगों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी भी निभाएंगे.

भोपाल। बीजेपी साल 2021 के बंगाल विधानसभा चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक रही है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बंगाल के 23 जिलों में जीत दर्ज करने के लिए भाजपा ने पहले ही राज्य को पांच जोन में बांटकर पांच केंद्रीय पर्यवेक्षकों को नियुक्त किया था. लेकिन अब इस सूची में सात और केंद्रीय पर्यवेक्षक जुड़ गए हैं. इन नामों में मध्यप्रदेश के दो और दिग्गजों को जगह दी गई है. जिनमें केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का नाम शामिल है. वहीं बीजेपी के दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय पहले से ही बंगाल की कमान संभाल रहे हैं.

सात केंद्रीय पर्यवेक्षकों के नाम

मध्य प्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा, पर्यटन और संस्कृति मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल,केंद्रीय जल शाक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया, पशुपालन मंत्री डॉ संजीव बाल्यान, उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य.

इस सूची में मध्यप्रदेश के दिग्गजों को चुने जाने की वजह

बता दें बंगाल में तैनात हुए केंद्रीय पर्यवेक्षकों की नई सूची में एमपी के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल को शामिल करने के पीछे खास वजह है. माना जा रहा है कि नरोत्तम मिश्रा की एमपी उपचुनाव में परफार्मेंस व मैनेजमेंट को देखते हुए उन्हें बंगाल भेजा गया था. केंद्रीय नेतृत्व उनके कार्य से कहीं ना कहीं संतुष्ट नजर आया. जिसके चलते उन्हें ये जिम्मेदारी दी गई.

अब दूसरा नाम आता है केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल का, तो मंत्री प्रहलाद पटेल को दूसरे राज्यों विधानसभा चुनाव में बीजेपी का नेतृत्व करने का अनुभव रहा है. जब उन्हें मणिपुर का प्रभारी बनाकर भेजा गया था, तो विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने शानदार जीत दर्ज की थी. लिहाजा पुराना ट्रैक रिकॉर्ड को ध्यान में रखते हुए कहीं ना कहीं उन्हें ये जिम्मेदारी दी गई है.

वहीं अगर बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की बात की जाए तो वे शुरू से ही बीजेपी के पश्चिम बंगाल कैंपेन से जुड़े रहे हैं. विजयवर्गीय के नेतृत्व में पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 42 सीटों में से 18 पर कब्जा किया था. कैलाश ने हरियाणाम में भी प्रभारी की भूमिका निभाते हुए बीजेपी का नेतृत्व किया था. जिसके चलते एक बार फिर कैलाश को ये जिम्मेदारी दी गई है.

'फार्मूला 23' को पूरा करने बीजेपी का प्लान

बीजेपी ने बंगाल में 294 में से कम से कम 200 सीटों पर जीत दर्ज करने का लक्ष्य रखा है. इसी को ध्यान में रखते हुए भाजपा ने जिलों के लिए 'फार्मूला 23' बनाया है. जिसको पूरा करने के लिए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सात और केंद्रीय पर्यवेक्षकों को बंगाल भेजा है.ये पर्यवेक्षक पश्चिम बंगाल में संगठन को मजबूत बनाने के साथ-साथ चुनाव संबंधी तैयारियों का आकलन करेंगे.

पांच केंद्रीय पर्यवेक्षक पहले ही तैनात

भाजपा ने पहले भी पश्चिम बंगाल के पांच क्षेत्रों के लिए पांच केंद्रीय पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर चुकी थी. जो वहां काम कर रहे हैं. इनमें सुनील देवधर को मिदनापुर, यूपी के लोकसभा सांसद विनोद सोनकर को रार, राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम को कोलकाता, महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री विनोद तावड़े को नवदीप और आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय को उत्तर बंगाल की जिम्मेदारी दी गई थी.

जेपी नड्डा को रिपोर्ट करेंगे पर्यवेक्षक

अब जो 7 नए पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं वे ऑन-ग्राउंड फीडबैक इकट्ठा करने के लिए बंगाल के विभिन्न हिस्सों में कैंप करेंगे. सूत्रों के मुताबिक इनमें से हरेक को छह से सात संसदीय सीट की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

केंद्र के विकास कार्यों को जनता तक पहुंचाने की जिम्मेदारी

सभी नेता इस महीने के आखिर तक बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को ग्राउंड रिपोर्ट सौंपेंगे. ये नेता एक 'गृह संपर्क अभियान' का संचालन करेंगे. पर्यवेक्षक केंद्र सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों के साथ बातचीत करेंगे और कार्यकर्ताओं से मिलेंगे. साथ ही केंद्र सरकार के विकास कार्यों को लोगों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी भी निभाएंगे.

Last Updated : Dec 17, 2020, 5:47 PM IST
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