भोपाल। केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के बेटे देवेन्द्र प्रताप सिंह का करोड़ों के लेनेदेन का वायरल हो रहा कथित वीडियो फेक है या सही...ये जांच का विषय है...लेकिन एक सप्ताह के भीतर ही नरेन्द्र सिंह तोमर पर हुआ इस वायरल अटैक के मायने क्या है...क्या नरेन्द्र सिंह तोमर पार्टी में ही गुटबाज़ी के नए शिकार बन रहे हैं...आरोप भले कांग्रेस पर लगाए जा रहे हों, लेकिन एमपी के सियासी गलियारों में ये सुगबुगाहट भी है कि वीडियो को पहुंचाने वाले हाथ किसके हैं. अब तक बेदाग राजनीतिक जीवन गुजार चुके नरेन्द्र सिंह तोमर एमपी में लंबे समय से मध्यप्रदेश में सीएम पद के मजबूत दावेदारों में से एक रहे हैं.
इस बार भी उन्हें विधानसभा चुनाव में उतारे जाने के साथ ये अटकलें तेज हो गई थी कि क्या नरेन्द्र सिंह तोमर को भविष्य में बीजेपी के सीएम के मद्देनजर ही चुनाव लड़ाया जा रहा है. क्या ये एमपी में तोमर के सियासी टेक ऑफ के पहले साशय लगाया गया ब्रेक है. राजनीति में टाइमिंग का बड़ा खेल होता है. वोटिंग के पांच दिन पहले वायरल हुए वीडियो की रिलीज डेट लोकसभा चुनाव भी हो सकती थी. देवेन्द्र सिंह तोमर की राजनीति पर तो ग्रहण लगा ही है, लेकिन क्या ये वीडियो नरेन्द्र सिंह तोमर की आसमान छूती राजनीति को भी रोल बैक करा जाएगा.
बेदाग तोमर पर किसके लिए ये दाग अच्छे हैं: कांग्रेस विरोधी दल होने के नाते एक सप्ताह के भीतर वायरल हुए केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र तोमर के बेटे देवेन्द्र सिंह तोमर दूसरे वीडियो को बेशक मुद्दा बना रही है. जो उसका नैतिक दायित्व भी है, लेकिन कांग्रेस से ज्यादा ये वायरल वीडियो किसे लाभ पहुंचा सकता है. प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा भले कहें कि ये वीडियो फेक है और कांग्रेस की साजिश. लेकिन कांग्रेस से पहले क्या बीजेपी में ही कतार नहीं है. जिनके लिए नरेन्द्र सिंह तोमर का रास्ते से हट जाना. उनके मंजिल तक पहुंच जाने क गारंटी है. क्या नरेन्द्र सिंह तोमर अपनी ही पार्टी में साजिश के शिकार हुए हैं.
बाकी कांग्रेस केलिए ये मौका भी था और दस्तूर भी: नरेन्द्र सिंह तोमर मोदी सरकार के केन्द्रीय मंत्री ही नहीं है...वो बीजेपी की चुनाव प्रबंध समिति के सयोजक भी हैं. कांग्रेस ने इस चुनाव में भ्रष्टाचार को ही सबसे बड़ा मुद्दा बनाया हुआ है. इस नजरिए से देखिए तो एक हफ्ते के भीतर बीजेपी के सबसे हाईप्रोफाईल उम्मीदवार के बेटे का पांच सौ करोड़ के लेन देन की चर्चा का ये वीडियो सोने पर सुहागा है. पार्टी ने इस मुद्दे को लपकने में भी देर नहीं की. कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता रागिनी नायक ने कहा कि बीजेपी और 50 प्रतिशत कमीशन एक दूसरे का पर्याय बन चुके है. इस वीडियो ने पुष्टि कर दी है.
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किन अपनों के निशाने पर आए तोमर: वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक पवन देवलिया कहते हैं 'देखिए ये वीडियो जिस तरह से विधानसभा चुनाव के बीच में वोटिंग के ठीक पांच दिन पहले वायरल हुआ है. इंकार नहीं किया जा सकता कि कि साजिश बीजेपी के भीतर से भी हो सकती है. नरेन्द्र सिह तोमर जितनी तेजी से उभर रहे थे. उन्हें एमपी में सीएम पद के सबसे मजबूत दावेदारों में गिना जा रहा था. उनका बेदाग राजनीतिक सफर रहा. तो क्या वजह है कि पहले दिमनी जैसी मुश्किल सीट से उनको चुनाव में उतारना, फिर एक हफ्ते के भीतर दो वीडियो. ये जो घट रहा है इसे समझने की जरुरत है.