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वन विहार में लाए गए बाघों के जोड़े का हुआ नामकरण, अब इन नामों से होगी पहचान

बांधवगढ़ नेशनल पार्क से शिफ्ट किए गए दो बाघों को वन विहार नेशनल पार्क प्रबंधन ने नामकरण किया है. अब इन दोनों बाघों को नाम से पुकारा जाएगा.

names given to two tigers
बाघ और बाघिन का हुआ नामकरण
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Published : Mar 4, 2020, 8:08 AM IST

भोपाल। बांधवगढ़ नेशनल पार्क से कुछ समय पहले ही भोपाल के वन विहार नेशनल पार्क में लाए गए युवा नर बाघ और बाघिन का नामकरण कर दिया गया है, अब इन दोनों बाघों को नाम से पुकारा जाएगा. वन विहार प्रबंधन ने नर बाघ को बंधन नाम दिया है और बाघिन को बंधनी नाम दिया है.

बाघ और बाघिन का हुआ नामकरण

बता दें कि, वन विहार नेशनल पार्क में इन दोनों ही युवा बाघों को जब से लाया गया है, तब से यहां काफी खुशी का माहौल बना हुआ है, यह दोनों ही बाघ यहां पर काम करने वाले कर्मचारियों के साथ बहुत जल्दी घुलमिल गए हैं और किसी पर भी हमला नहीं करते हैं. जब भी कोई कर्मचारी इनके पास पहुंचता है, तो यह बड़े ही दुलार के साथ पेश आते हैं.

दोनों बाघों का नाम एक दूसरे से जुड़ाव होने का आभास कराने जैसा ही रखा गया है. हालांकि पार्क में पूर्व से बाघ बंधु और बाघ बांधव पहले से मौजूद हैं. दोनों बाघों को सफारी रेंज में रखा जा रहा है. सफारी रेंज की सैर करने वाले पर्यटक इन्हें देख सकते हैं. इसके लिए इस रेंज की सैर करने वाले पर्यटकों को निर्धारित शुल्क चुकाना होगा. वन विहार ने अभी इन दोनों ही युवा बागों को डिस्प्ले में रखने का निर्णय नहीं लिया है. बताया जा रहा है कि, कुछ समय के बाद इस पर विचार किया जाएगा, फिलहाल इनकी सुरक्षा का विशेष ध्यान दिया जा रहा है.

भोपाल। बांधवगढ़ नेशनल पार्क से कुछ समय पहले ही भोपाल के वन विहार नेशनल पार्क में लाए गए युवा नर बाघ और बाघिन का नामकरण कर दिया गया है, अब इन दोनों बाघों को नाम से पुकारा जाएगा. वन विहार प्रबंधन ने नर बाघ को बंधन नाम दिया है और बाघिन को बंधनी नाम दिया है.

बाघ और बाघिन का हुआ नामकरण

बता दें कि, वन विहार नेशनल पार्क में इन दोनों ही युवा बाघों को जब से लाया गया है, तब से यहां काफी खुशी का माहौल बना हुआ है, यह दोनों ही बाघ यहां पर काम करने वाले कर्मचारियों के साथ बहुत जल्दी घुलमिल गए हैं और किसी पर भी हमला नहीं करते हैं. जब भी कोई कर्मचारी इनके पास पहुंचता है, तो यह बड़े ही दुलार के साथ पेश आते हैं.

दोनों बाघों का नाम एक दूसरे से जुड़ाव होने का आभास कराने जैसा ही रखा गया है. हालांकि पार्क में पूर्व से बाघ बंधु और बाघ बांधव पहले से मौजूद हैं. दोनों बाघों को सफारी रेंज में रखा जा रहा है. सफारी रेंज की सैर करने वाले पर्यटक इन्हें देख सकते हैं. इसके लिए इस रेंज की सैर करने वाले पर्यटकों को निर्धारित शुल्क चुकाना होगा. वन विहार ने अभी इन दोनों ही युवा बागों को डिस्प्ले में रखने का निर्णय नहीं लिया है. बताया जा रहा है कि, कुछ समय के बाद इस पर विचार किया जाएगा, फिलहाल इनकी सुरक्षा का विशेष ध्यान दिया जा रहा है.

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