Nag Panchami 2021: हर साल सावन माह में शुक्ल पंचमी को नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन भगवान शिव के आभूषण नाग की पूजा की जाती है. हिंदू धर्म में नागों की पूजा का बहुत महत्व है. इस दिन नाग देवता को दूध अर्पित किया जाता है. ऐसा करने से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है. इस साल नाग पंचमी 13 अगस्त को है. आएये जानते हैं नगपंचमी के दिन नाग देवता की पूजा कैसे करें.
नाग पंचमी की पूजन सामग्री
नाग देवता की पूजा करने के लिए नाग चित्र या मिट्टी की सर्प मूर्ति, लकड़ी की चौकी, जल, पुष्प, चंदन, दूध, दही, घी, शहद, चीनी का पंचामृत, लड्डू और मालपुए, सूत्र, हरिद्रा, चूर्ण, कुमकुम, सिंदूर, बेलपत्र, आभूषण, पुष्प माला, धूप-दीप, ऋतु फल, पान का पत्ता दूध, कुशा, गंध, धान, लावा, गाय का गोबर, घी, खीर और फल आदि पूजन समाग्री होनी चाहिए.
नाग पंचमी का शुभ मुहूर्त (Nag Panchmi Shubh Muhurat)
नाग पंचमी की तिथि 12 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 24 मिनट पर प्रारंभ होगी और 13 अगस्त दोपहर 1 बजकर 42 मिनट पर समाप्त हो जाएगी.
शुभ मुहूर्तः 13 अगस्त सुबह 5 बजकर 49 मिनट से सुबह 8 बजकर 27 मिनट तक रहेगा.
नाग पंचमी पूजा विधि (Nag Panchami Puja Vidhi)
शुक्रवार को नागपंचमी के दिन सुबह जल्दी उठें और घर की साफ सफाई कर अच्छे से स्नान कर लें. इसके बाद प्रसाद रूपी सिंवई या खीर बनाएं. एक लकड़ी के पटले पर साफ लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाएं. पटले पर नागदेवता की प्रतिमा स्थापित करें. उस पर जल, फूल, फल और चंदन लगाएं. इसके बाद नाग की प्रतिमा को दूध, दही, घी, शहद और पंचामृत से स्नान कराकर आरती करें. अब नाग देवता को लड्डू और खीर अर्पित करें.
नाग देवता को दूध पिलाने से मिलता है लाभ
मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से घर पर बुरी शक्तियां नजर नहीं डालती हैं और परिवार के सदस्यों की रक्षा होती है. इस दिन सपेरों से किसी नाग को खरीदकर मुक्त भी कराया जा सकता है. यह भी काफी पुण्यदायी है. जीवित सर्प को भी दूध पिलाकर नागदेवता को खुश कर सकते हैं.
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नाग पंचमी पूजा मंत्र (Nag Panchmi Puja Mantra)
ॐ भुजंगेशाय विद्महे,
सर्पराजाय धीमहि,
तन्नो नाग: प्रचोदयात्।।
'सर्वे नागा: प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले।
ये च हेलिमरीचिस्था ये न्तरे दिवि संस्थिता:।।
ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिन:।
ये च वापीतडागेषु तेषु सर्वेषु वै नम:।।'