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पार्किंग माफिया से निपटने के लिए नई और यूनिक पॉलिसी लाएगा नगर निगम भोपाल

पार्किंग शुल्क को ले कर भोपाल नगर निगम (Municipal Corporation Bhopal) अब एक अनूठा प्रयोग करने जा रहा है. दरअसल, भोपाल नगर निगम का पार्किंग विभाग लगातार विवादों में रहता है, क्योंकि शुल्क को लेकर ठेकेदार डिफाल्टर हो जाते हैं और फिर शरू होता है राजनेताओं का दबाव. इसके चलते अब निगम एक नई तरह की पॉलिसी ले कर आ रहा है, जोकि शायद देश में अपने आप मे यह पहला प्रयोग होगा. इसमें वाहन खरीदते समय ही उनसे एकमुश्त पार्किंग शुल्क शोरूम उसी समय वसूल कर के निगम में जमा कराएगा. (Municipal Corporation Bhopal new parking policy) (New and unique parking policy in Bhopal)

New and unique parking policy in Bhopal
भोपाल में आएगी नई पार्किंग पॉलिसी
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Published : Apr 29, 2022, 5:25 PM IST

भोपाल। वाहनों के पार्किंग शुल्क को लेकर हमेशा विवादों में रहने वाले भोपाल नगर निगम ने इस बार एक नई तरह की पॉलिसी को तैयार किया है, जोकि शायद देश में पहली बार किसी नगर निगम द्वारा नहीं किया जा रहा है. इसके तहत अब बार-बार पार्किंग शुल्क देने से जनता को राहत मिलेगी. वाहन क्रय करते समय ही एकमुश्त राशि डीलर के माध्यम से नगर निगम वसूल करने की तैयारी कर रहा है. हालांकि इस नीति से आम जनता को तो फायदा है परंतु नगर निगम के रेवेन्यू के लिहाज से यह ठीक नहीं है.

नगर निगम पार्किंग सेल के कर्मचारी कर रहे हैं गड़बड़ी : नगर निगम पार्किंग सेल के कर्मचारियों की गड़बड़ियों की वजह से यह स्थिति बनी है. इसके बाद नगर निगम आयुक्त के वीएस चौधरी ने नई पॉलिसी लाने का निर्णय लिया. नई पॉलिसी लाने के लिए नगर निगम का पार्किंग सेल जिम्मेदार है. भोपाल नगर निगम को यह निर्णय इसलिए लेना पड़ा, क्योंकि विक्टोरिया कंपनी को पार्किंग सेल के कुछ कर्मचारियों द्वारा अनावश्यक फायदा पहुंचाने के लिए मदद की जा रही थी. इसके बाद भी विक्टोरिया कंपनी ने नगर निगम की बकाया राशि जमा करने के बजाय कोर्ट की शरण में चला गया. इसको लेकर नगर निगम आयुक्त केवीएस चौधरी काफी नाराज हुए और पार्किंग सेल में सालों से जमे जमा हुए कुछ कर्मचारियों को हटाया गया. उसके बाद एक नई पॉलिसी कैसी हो, इस पर भी विचार किया गया.

अब केवल मल्टीलेवल पार्किंग और प्रीमियम पार्किंग में शुल्क : भोपाल में लगभग 50 लोकेशन ऐसी होंगी, जिसमें वाहन चालकों को पार्किंग शुल्क नहीं देना पड़ेगा. भोपाल नगर निगम जिन पार्किंग स्थलों में विभागीय वसूली करता है, वहां बमुश्किल साल में ₹10 लाख भी जमा नहीं होते, जबकि यही पार्किंग ठेकेदारों को देने पर करोड़ों में नीलाम होती है. इसके बाद ठेकेदार डिफाल्टर होकर निगम का अधिकांश राजस्व जमा नहीं करते और नए नाम से फिर वसूली करने लग जाते हैं. इस पूरे खेल में निगम की पार्किंग सेल के कुछ कर्मचारी और सरकार के कुछ राजनेता भी शामिल हैं. कई बार ऊपरी स्तर पर दबाव आने के कारण भी निगम इन ठेकेदारों से पैसा मिलना बंद हो जाता है, जबकि राजनीतिक संरक्षण के लिए यह सोने की खान साबित होती है.

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वाहनों पर इस तरह लगेगा पार्किंग शुल्क : दो पहिया वाहन 50 हजार तक की कीमत वाले हैं ,उनके लिए 250 रुपए एकमुश्त पार्किंग शुल्क होगा. जो दोपहिया वाहन 50हजार से 1लाख तक कीमत वाले उनके लिए ₹500 पार्किंग शुल्क, जो दो पहिया वाहन एक लाख से 5 लाख तक की कीमत वाले पार्किंग शुल्क 1 हजार और दोपहिया वाहन जिनकी कीमत 5 लाख से अधिक है उन्हें 1500 रुपए वाहन खरीदते समय डीलर के पास जमा करना है. वहीं, चार पहिया वाहन ₹6लाख तक की कीमत वाले उन्हें 1500 रुपए, जो चार पहिया वाहन 6लाख से 12 लाख ₹2000एकमुश्त, जो चार पहिया वाहन 12लाख से 30 लाख तक ₹3000 एकमुश्त भरनी होगी. जो चार पहिया वाहन की कीमत 30 लाख से अधिक है ₹5000 एकमुश्त वाहन खरीदते समय डीलर के माध्यम से भरना होंगे. (Municipal Corporation Bhopal new parking policy) (New and unique parking policy in Bhopal)

भोपाल। वाहनों के पार्किंग शुल्क को लेकर हमेशा विवादों में रहने वाले भोपाल नगर निगम ने इस बार एक नई तरह की पॉलिसी को तैयार किया है, जोकि शायद देश में पहली बार किसी नगर निगम द्वारा नहीं किया जा रहा है. इसके तहत अब बार-बार पार्किंग शुल्क देने से जनता को राहत मिलेगी. वाहन क्रय करते समय ही एकमुश्त राशि डीलर के माध्यम से नगर निगम वसूल करने की तैयारी कर रहा है. हालांकि इस नीति से आम जनता को तो फायदा है परंतु नगर निगम के रेवेन्यू के लिहाज से यह ठीक नहीं है.

नगर निगम पार्किंग सेल के कर्मचारी कर रहे हैं गड़बड़ी : नगर निगम पार्किंग सेल के कर्मचारियों की गड़बड़ियों की वजह से यह स्थिति बनी है. इसके बाद नगर निगम आयुक्त के वीएस चौधरी ने नई पॉलिसी लाने का निर्णय लिया. नई पॉलिसी लाने के लिए नगर निगम का पार्किंग सेल जिम्मेदार है. भोपाल नगर निगम को यह निर्णय इसलिए लेना पड़ा, क्योंकि विक्टोरिया कंपनी को पार्किंग सेल के कुछ कर्मचारियों द्वारा अनावश्यक फायदा पहुंचाने के लिए मदद की जा रही थी. इसके बाद भी विक्टोरिया कंपनी ने नगर निगम की बकाया राशि जमा करने के बजाय कोर्ट की शरण में चला गया. इसको लेकर नगर निगम आयुक्त केवीएस चौधरी काफी नाराज हुए और पार्किंग सेल में सालों से जमे जमा हुए कुछ कर्मचारियों को हटाया गया. उसके बाद एक नई पॉलिसी कैसी हो, इस पर भी विचार किया गया.

अब केवल मल्टीलेवल पार्किंग और प्रीमियम पार्किंग में शुल्क : भोपाल में लगभग 50 लोकेशन ऐसी होंगी, जिसमें वाहन चालकों को पार्किंग शुल्क नहीं देना पड़ेगा. भोपाल नगर निगम जिन पार्किंग स्थलों में विभागीय वसूली करता है, वहां बमुश्किल साल में ₹10 लाख भी जमा नहीं होते, जबकि यही पार्किंग ठेकेदारों को देने पर करोड़ों में नीलाम होती है. इसके बाद ठेकेदार डिफाल्टर होकर निगम का अधिकांश राजस्व जमा नहीं करते और नए नाम से फिर वसूली करने लग जाते हैं. इस पूरे खेल में निगम की पार्किंग सेल के कुछ कर्मचारी और सरकार के कुछ राजनेता भी शामिल हैं. कई बार ऊपरी स्तर पर दबाव आने के कारण भी निगम इन ठेकेदारों से पैसा मिलना बंद हो जाता है, जबकि राजनीतिक संरक्षण के लिए यह सोने की खान साबित होती है.

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वाहनों पर इस तरह लगेगा पार्किंग शुल्क : दो पहिया वाहन 50 हजार तक की कीमत वाले हैं ,उनके लिए 250 रुपए एकमुश्त पार्किंग शुल्क होगा. जो दोपहिया वाहन 50हजार से 1लाख तक कीमत वाले उनके लिए ₹500 पार्किंग शुल्क, जो दो पहिया वाहन एक लाख से 5 लाख तक की कीमत वाले पार्किंग शुल्क 1 हजार और दोपहिया वाहन जिनकी कीमत 5 लाख से अधिक है उन्हें 1500 रुपए वाहन खरीदते समय डीलर के पास जमा करना है. वहीं, चार पहिया वाहन ₹6लाख तक की कीमत वाले उन्हें 1500 रुपए, जो चार पहिया वाहन 6लाख से 12 लाख ₹2000एकमुश्त, जो चार पहिया वाहन 12लाख से 30 लाख तक ₹3000 एकमुश्त भरनी होगी. जो चार पहिया वाहन की कीमत 30 लाख से अधिक है ₹5000 एकमुश्त वाहन खरीदते समय डीलर के माध्यम से भरना होंगे. (Municipal Corporation Bhopal new parking policy) (New and unique parking policy in Bhopal)

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