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तंगहाली से जूझ रहा नगर निगम, भोपाल की जनता से की ये अपील

राजधानी भोपाल में लॉक डाउन के चलते राजस्व की कमी से जूझ रहे नगर निगम ने निगम के अंदर जो भी निर्माण कराया गया है, उसकी परमिशन लेने की अपील की है.

Bhopal municipal corporation
तंगहाली से जूझ रहा भोपल नगर निगम
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Published : Jun 25, 2020, 8:07 PM IST

भोपाल। लॉक डाउन के चलते भोपाल नगर निगम राजस्व की कमी से जूझ रहा है. जिसके चलते नगर निगम ने अब जनता से अपील की है कि जिन लोगों ने लॉकडाउन या फिर उससे पहले किसी तरह का 10 फीसदी से ज्यादा निर्माण करवाया है तो उसकी बिल्डिंग परिमशन लें, इसमें किसी तरह की पैनाल्टी नहीं लगेगी.

निगम ने की जनता से अपील

नगर निगम कमिश्नर वीएस चौधरी कोलसानी ने बताया कि भोपाल नगर निगम के अंदर जो भी निर्माण किया गया है, उसकी बिल्डिंग परिमशन लें. भोपाल में बिल्डिंग परिमशन ऑनलाइन भी ली जाती है, लेकिन लॉकडाउन के दौरान सभी काम बंद थे, जिसके कारण ये बिल्डिंग परमिशन की इजाजत भी नहीं दी जा रही थी.

लॉकडाउन के दौरान नगर निगम के राजस्व पर दो डबल अटैक हुए हैं, एक तो जनता ने किसी तरह का निगम को टैक्स नहीं दिया और वहीं निगम के हवाला सैनेटाइजर और खाने की जिम्मेदारी थी, जिसमें रोज लाखों रुपए खर्च हो रहे थे. अब लॉकडाउन खत्म होने के बाद शहर के जो विकासकार्य बंद पड़े थे, उसे शुरू किया गया है. लेकिन खाली पड़ा निगम का खजाना अब विकास के लिए मुसीबत बन गया है. निगम अपना खजाना भरने के लिए अपनी जमीन लीज पर भी देने जा रहा है, जिससे उसको खजाने में पैसे आ सकें.

भोपाल। लॉक डाउन के चलते भोपाल नगर निगम राजस्व की कमी से जूझ रहा है. जिसके चलते नगर निगम ने अब जनता से अपील की है कि जिन लोगों ने लॉकडाउन या फिर उससे पहले किसी तरह का 10 फीसदी से ज्यादा निर्माण करवाया है तो उसकी बिल्डिंग परिमशन लें, इसमें किसी तरह की पैनाल्टी नहीं लगेगी.

निगम ने की जनता से अपील

नगर निगम कमिश्नर वीएस चौधरी कोलसानी ने बताया कि भोपाल नगर निगम के अंदर जो भी निर्माण किया गया है, उसकी बिल्डिंग परिमशन लें. भोपाल में बिल्डिंग परिमशन ऑनलाइन भी ली जाती है, लेकिन लॉकडाउन के दौरान सभी काम बंद थे, जिसके कारण ये बिल्डिंग परमिशन की इजाजत भी नहीं दी जा रही थी.

लॉकडाउन के दौरान नगर निगम के राजस्व पर दो डबल अटैक हुए हैं, एक तो जनता ने किसी तरह का निगम को टैक्स नहीं दिया और वहीं निगम के हवाला सैनेटाइजर और खाने की जिम्मेदारी थी, जिसमें रोज लाखों रुपए खर्च हो रहे थे. अब लॉकडाउन खत्म होने के बाद शहर के जो विकासकार्य बंद पड़े थे, उसे शुरू किया गया है. लेकिन खाली पड़ा निगम का खजाना अब विकास के लिए मुसीबत बन गया है. निगम अपना खजाना भरने के लिए अपनी जमीन लीज पर भी देने जा रहा है, जिससे उसको खजाने में पैसे आ सकें.

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