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MPHRC Action:सीधी में महिला से अमानवीय कृत्य को लेकर SP से 3 सप्ताह में मांगा जवाब

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Published : Jun 1, 2023, 7:52 AM IST

मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने पिछले दिनों कुछ घटनाओं पर स्वतः संज्ञान लेते हुए जिम्मेदार अधिकारियों से समय सीमा के अंदर तथ्यात्मक जवाब मांगा है. सीधी जिले में रंजिश में महिला के साथ किए गए अमानवीय कृत्य को लेकर पुलिस अधीक्षक से आयोग ने 3 सप्ताह में जवाब मांगा है.

MPHRC Action
अमानवीय कृत्य को लेकर SP से 3 सप्ताह में मांगा जवाब

भोपाल। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष मनोहर ममतानी व सदस्य राजीव कुमार टंडन इन दिनों अमानवीय घटनाओं को लेकर अधिकारियों पर सख्त हैं. सीधी जिले के अमिलिया थानांतर्गत ग्राम पंचायत डिहुली खास निवासी 35 वर्षीय एक महिला शौचालय में बेहोशी की हालत में पड़ी मिली. उसके सीने पर बड़ा पत्थर रखा था. ये देखकर महिलाओं ने पत्थर हटाकर शोर किया. कुछ समय बाद उसे होश आया तो उसने प्रायवेट पार्ट में लाठी डालने की बात बताई. महिलाओं ने देखा तो करीब एक फीट की लकड़ी मिली. जिसे बाहर निकाला गया. महिला को पुलिस ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अमिलिया पहुंचाया. आरोपी परिवार के ही बताये जा रहे हैं, जिनके द्वारा रंजिशन इस घटना को अंजाम दिया है. इस मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने एसपी सीधी से तीन सप्ताह में जबाव मांगा है.

जिंदा पत्नी को कागजों में मृत बताया : उधर, शाजपुर जिले के पनवाड़ी गांव निवासी रमेश ने बीते मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय में अधिकारियों को अपनी पीड़ा बताते हुये कहा कि मेरी पत्नी जिंदा है, लेकिन कागजों में उसे मृत घोषित कर दिया है. पंचायत कार्यालय से लेकर विभागों के चक्कर लगा रहा हूं, किंतु कोई सुनवाई नहीं हो पा रही है. इस मामले में आयोग ने कलेक्टर शाजपुर से मामले का शीघ्र समाधान कराकर तीन सप्ताह जबाव मांगा है. एक अन्य मामले में ग्वालियर शहर के मुरार जच्चाखाना में बीते सोमवार की रात प्रसव के दौरान भीमनगर, थाटीपुर निवासी अर्चना पत्नी अशाीष बाबू की मौत हो गई. इसके बाद परिजनों ने हंगामा कर चक्काजाम कर दिया. परिजनों का आरोप था कि डॉक्टरों की लापरवाही से प्रसूता को अधिक ब्लीडिंग हो गई, जिसके कारण उसकी मौत हुई. इस मामले में संज्ञान लेकर मानव अधिकार आयोग ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ग्वालियर से तीन सप्ताह में जबाव मांगा है.

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महिला की मौत, ससुराल वालों पर आरोप : ग्वालियर की महाराजपुरा निवासी आशा की बीते सोमवार को इलाज के दौरान मौत हो गई. आशा को दो दिन पहले घायल हालत में जेएएच में भर्ती कराया गया था. परिजनों ने आरोप लगाया है कि पति और ससुरालजनों ने उसके साथ मारपीट की थी.पति का कहना है कि आशा सड़क हादसे में घायल हुई थी. सीएसपी महाराजपुरा ने बताया कि पति ने जो बयान दिये हैं, उसके मुताबिक बीते 27 मई को वह बाइक से पत्नी को लेकर बरासों गया था. वहां से लौटते समय सड़क हादसे में पत्नी घायल हो गयी थी. मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने एसपी ग्वालियर से प्रकरण की जांच कराकर तीन सप्ताह में जबाव मांगा है.

भोपाल। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष मनोहर ममतानी व सदस्य राजीव कुमार टंडन इन दिनों अमानवीय घटनाओं को लेकर अधिकारियों पर सख्त हैं. सीधी जिले के अमिलिया थानांतर्गत ग्राम पंचायत डिहुली खास निवासी 35 वर्षीय एक महिला शौचालय में बेहोशी की हालत में पड़ी मिली. उसके सीने पर बड़ा पत्थर रखा था. ये देखकर महिलाओं ने पत्थर हटाकर शोर किया. कुछ समय बाद उसे होश आया तो उसने प्रायवेट पार्ट में लाठी डालने की बात बताई. महिलाओं ने देखा तो करीब एक फीट की लकड़ी मिली. जिसे बाहर निकाला गया. महिला को पुलिस ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अमिलिया पहुंचाया. आरोपी परिवार के ही बताये जा रहे हैं, जिनके द्वारा रंजिशन इस घटना को अंजाम दिया है. इस मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने एसपी सीधी से तीन सप्ताह में जबाव मांगा है.

जिंदा पत्नी को कागजों में मृत बताया : उधर, शाजपुर जिले के पनवाड़ी गांव निवासी रमेश ने बीते मंगलवार को कलेक्टर कार्यालय में अधिकारियों को अपनी पीड़ा बताते हुये कहा कि मेरी पत्नी जिंदा है, लेकिन कागजों में उसे मृत घोषित कर दिया है. पंचायत कार्यालय से लेकर विभागों के चक्कर लगा रहा हूं, किंतु कोई सुनवाई नहीं हो पा रही है. इस मामले में आयोग ने कलेक्टर शाजपुर से मामले का शीघ्र समाधान कराकर तीन सप्ताह जबाव मांगा है. एक अन्य मामले में ग्वालियर शहर के मुरार जच्चाखाना में बीते सोमवार की रात प्रसव के दौरान भीमनगर, थाटीपुर निवासी अर्चना पत्नी अशाीष बाबू की मौत हो गई. इसके बाद परिजनों ने हंगामा कर चक्काजाम कर दिया. परिजनों का आरोप था कि डॉक्टरों की लापरवाही से प्रसूता को अधिक ब्लीडिंग हो गई, जिसके कारण उसकी मौत हुई. इस मामले में संज्ञान लेकर मानव अधिकार आयोग ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ग्वालियर से तीन सप्ताह में जबाव मांगा है.

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