भोपाल। प्रदेश में बीते एक हफ्ते से बारिश का दौर लगातार जारी है. गुना जिले में पिछले दो दिन से मूसलधार बारिश हो रही है. इस बीच मौसम विभाग ने सेंट्रल मध्यप्रदेश में तेज बारीश की चेतवानी जारी की है.
बुंदेलखंड से लगे जिलों में भी बारिश की संभावना
इसके साथ ही प्रदेश में बुंदेलखंड से लगे हुए कुछ जिलों में भारी बारिश की संभावना है, हालांकि प्रदेश के अन्य संभागों में रिमझिम बारिश का दौर जारी रहने का अनुमान जताया है. मौसम विभाग के अनुसार. सागर रीवा भोपाल संभाग में मध्यम बारिश सहित अन्य संभागों में हल्की बारिश की संभावना है. वहीं, 16 अगस्त से फिर एक बार मध्य प्रदेश में मानसून सक्रिय होगा, जिससे इंदौर भोपाल उज्जैन सहित ग्वालियर चंबल के संभागों में एक बार फिर तेज बारिश का दौर जारी रहेगा.
इन जिलों मे ही भारी बारीश
भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में गुना में 164.1 एम.एम. वर्षा हुई (इस वर्ष अभी तक जिले में सामान्य से 151 प्रतिशत अधिक वर्षा हो चुकी है) इसके अलावा रतलाम में 32.00 एम.एम, सागर में 23.4 एम.एम, ग्वालियर में 14.5 एम.एम, विदिशा में 11.00 एम.एम. वर्षा रिकार्ड की गई है, जबिक अन्य जिलों में सामान्य वर्षा रिकार्ड हुई है.
9 जिलों में बारिश का अलर्ट
भारतीय मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में टीकमगढ़, निवाड़ी, विदिशा, शिवपुरी, दतिया, श्योपुरकला, गुना और अशोकनगर जिलो में भारी से अति भारी वर्षा की चेतावनी दी गई है.
बर्बादी की बाढ़: किसी के परिजन को लील गया पानी, कई घर उजड़े, सैकड़ों लोग रोटी को भी मोहताज
बाढ़ प्रभावित जिलों में नदियों की स्थिति
भारी बारिश के चलते शिवपुरी में सिंध और कुनो नदी खतरे के निशान ऊपर बह रही है, जबकि महुअर और पार्वती नदी का जल स्तर कम हो रहा है. जिला दतिया में सिंध नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. वहीं, गुना में पार्वती और सिंध नदी खतरे के निशान से नीचे बह रही है. अशोकनगर में बेतवा और सिंध नदी खतरे के निशान से नीचे बह रही है. मुरैना में चंबल नदी का जल स्तर बढ़ रहा है. इसके अलावा क्वारी नदी का जल स्तर भी कम हो रहा है. वहीं भिंड में चंबल और क्वारी नदी का जल स्तर बढ़ रहा है तथा खतरे के निशान से ऊपर है. जिला श्योपुर में पार्वती नदी खतरे के निशान से ऊपर है.
आर्मी और एनडीआरएफ की टीम तैनात
वर्तमान मे आपदा प्रबंधन अंतर्गत बचाव कार्य के लिये आर्मी की 8 यूनिट तैनात है, जो मुरैना, शिवपुरी, भिंड, श्योपुर और अशोकनागर में तैनात हैं, वहीं एयरफोर्स के कुल तीन हेलीकॉप्टर भी एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ राहत और बचाव कार्य में जुटे हुए हैं.