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व्यापम मामले में आरक्षक बने दीवान सिंह नपे, मुन्ना भाई बनकर दिया था एग्जाम

10 साल पहले धोखाधड़ी करके भर्ती हुए सिपाही पर अब जाकर मामला दर्ज किया गया है. बता दें कि व्यापम मामले में अभी भी चल रही जांच के जरिए थाना प्रभारी की नकल पकड़ी गई.

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Published : May 14, 2023, 9:04 PM IST

diwan singh gave exam like munna bhai
दीवान सिंह ने मुन्ना भाई की तरह परीक्षा दी

भोपाल। पुलिस आरक्षक भर्ती 2013 के मामले 10 साल बाद भी सुलझने का नाम नहीं ले रहे हैं. दरअसल व्यावसायिक परीक्षा मंडल व्यापम द्वारा आयोजित इस भर्ती परीक्षा में बड़ी संख्या में गड़बड़ियों की शिकायत के बाद अभी भी जांच चल रही है. शनिवार को भी इस मामले में ग्वालियर के थाने में पदस्थ एक सिपाही के खिलाफ कोर्ट के दस्तावेज तैयार कर धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया गया है. बता दें कि ग्वालियर में पदस्थ सिपाही ने अपने स्थान पर दूसरे व्यक्ति को परीक्षा में बैठाया था और परीक्षा पास होने के बाद वहां पुलिस में भर्ती होकर सिपाही बन गया था.

आरक्षक ने की थी जालसाजी: राजधानी भोपाल के हबीबगंज थाने के थाना प्रभारी मनीष राज भदौरिया ने बताया कि "साल 2013 में व्यवसायिक परीक्षा मंडल द्वारा आयोजित पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा के लिए भिंड जिले के रहने वाले दीवान सिंह ने भी परीक्षा में भाग लेने के लिए फॉर्म भरा था. लेकिन उसने आयोजित हुई लिखित परीक्षा में कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर धोखाधड़ी कर दीवान सिंह को साल 2013 में परीक्षा सेंटर भोपाल के सरोजिनी नायडू स्कूल मिला था. उस समय दीवान सिंह ने परीक्षा में अपनी जगह दूसरे व्यक्ति को बैठाकर परीक्षा दी थी. पास होने के बाद आरक्षक बने दीवान सिंह की पोस्टिंग जिला पुलिस बल ग्वालियर में हो गई थी. इस मामले में जब शिकायत होने पर ग्वालियर पुलिस द्वारा जांच की गई तो पता चला की प्रश्नपत्र, हस्ताक्षर फोटो और लिखावट के मिलान पर सब अलग-अलग मिले."

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आरोपी के खिलाफ केस दर्ज: मामले की जांच के बाद ग्वालियर पुलिस ने जीरो पर मामला कायम कर केस डायरी भोपाल के हबीबगंज थाने भेज दी गई है. हबीबगंज थाने ने प्राप्त डायरी के आधार पर सिपाही दीवान सिंह और अन्य एक आरोपी जिसने उसकी जगह परीक्षा दी थी उसके खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. पुलिस का कहना है कि जल्द ही दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी कर न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा.

भोपाल। पुलिस आरक्षक भर्ती 2013 के मामले 10 साल बाद भी सुलझने का नाम नहीं ले रहे हैं. दरअसल व्यावसायिक परीक्षा मंडल व्यापम द्वारा आयोजित इस भर्ती परीक्षा में बड़ी संख्या में गड़बड़ियों की शिकायत के बाद अभी भी जांच चल रही है. शनिवार को भी इस मामले में ग्वालियर के थाने में पदस्थ एक सिपाही के खिलाफ कोर्ट के दस्तावेज तैयार कर धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया गया है. बता दें कि ग्वालियर में पदस्थ सिपाही ने अपने स्थान पर दूसरे व्यक्ति को परीक्षा में बैठाया था और परीक्षा पास होने के बाद वहां पुलिस में भर्ती होकर सिपाही बन गया था.

आरक्षक ने की थी जालसाजी: राजधानी भोपाल के हबीबगंज थाने के थाना प्रभारी मनीष राज भदौरिया ने बताया कि "साल 2013 में व्यवसायिक परीक्षा मंडल द्वारा आयोजित पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा के लिए भिंड जिले के रहने वाले दीवान सिंह ने भी परीक्षा में भाग लेने के लिए फॉर्म भरा था. लेकिन उसने आयोजित हुई लिखित परीक्षा में कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर धोखाधड़ी कर दीवान सिंह को साल 2013 में परीक्षा सेंटर भोपाल के सरोजिनी नायडू स्कूल मिला था. उस समय दीवान सिंह ने परीक्षा में अपनी जगह दूसरे व्यक्ति को बैठाकर परीक्षा दी थी. पास होने के बाद आरक्षक बने दीवान सिंह की पोस्टिंग जिला पुलिस बल ग्वालियर में हो गई थी. इस मामले में जब शिकायत होने पर ग्वालियर पुलिस द्वारा जांच की गई तो पता चला की प्रश्नपत्र, हस्ताक्षर फोटो और लिखावट के मिलान पर सब अलग-अलग मिले."

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