भोपाल। एमपी में एक चरण में मतदान होगा, 17 नवंबर को एमपी में वोट डाले जाएंगे और 3 दिसंबर को काउंटिग होगी. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि "मध्यप्रदेश में एक चरण में 17 नवम्बर को मतदान होगा." एक चरण में पूरे प्रदेश में वोटिंग होने की वजह से राजनीतिक दलों की चुनौती बढ़ गई है. आज का दिन मिलाकर राजनीतिक दलों के पास इम्तेहान की तारीख तक केवल 38 दिन बाकी है, राजनीतिक दलों के लिए. बड़े नेताओं की चुनावी सभाओं से लेकर रैलियों तक एक साथ पूरी ताकत सियासी दलों को चुनाव में झौंकनी होगी. एमपी में कुल पांच करोड़ 60 लाख 60 हजार 925 वोटर अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे, जबकि बीजेपी ने चुनाव आयोग के कार्यक्रम का स्वागत किया है. कांग्रेस ने कहा है कि एक चरण में चुनाव कांग्रेस के लिए शुभ होते हैं. 2018 के विधानसभा चुनाव भी एक चरण में हुए थे और कांग्रेस ने सरकार बनाई थी. :
एमपी में 17 नवंबर को वोटिंग, 3 दिसंबर का मतगणना: मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के मुताबिक मध्यप्रदेश में जो चुनाव कार्यक्रम जारी हुआ है, उसमें 21 अक्टूबर को गजट नोटिफिकेशन जारी होगा. नामांकन की आखिरी तारीख 30 अक्टूबर होगी. 31 अक्टूबर तक नामांकन की छंटनी की जा सकेगी, नाम वापिसी की आखिरी तारीख 2 नवंबर होगी. 17 नवंबर को पूरे प्रदेश में एक साथ मतदान होगा और 3 दिसम्बर को मतगणना होगी. इसके अलावा चुनाव समाप्त प्रक्रिया 5 दिसंबर को होगी.
चुनाव का एक चरण, राजनीतिक दलों का इम्तेहान: 230 विधानसभा सीटों वाले मध्यप्रदेश में एक चरण में होने जा रहे चुनाव राजनीतिक दलों के लिए बड़ी चुनौती साबित होंगे. वजह ये है कि तीन या चरणों में चुनाव होने से राजनीतिक दलों को बड़े नेताओं की सभाओं और प्रचार के लिए समय मिल जाता है. एक चरण में चुनाव होने से सबसे ज्यादा असर बड़े नेताओं की सभाओं पर ही होगा और उनकी संख्या सिमट जाएगी, ये तय है.
राजनीतिक दलों के लिए कई चरणों में चुनाव सुविधाजनक: बीजेपी नेता दीपक विजयवर्गीय ने चुनाव कार्यक्रम का स्वागत करते हुए कहा है कि "चुनाव आयोग के लिए एक चरण में चुनाव होना सुविधाजनक हो सकता है, लेकिन राजनीतिक दलों के लिए अलग-अलग तारीखों में चुनाव ज्यादा सुविधाजनक होते हैं. फिर भी जिस व्यापक तैयारी के साथ जिस दृष्टि से चुनाव आयोग ने कार्यक्रम घोषित किया है, बीजेपी उसका स्वागत करती है. ज्यादा दिक्कत एक चरण के मतदान में उन दलों को होगी, जिनकी संगठनात्मक स्तर पर तैयारी नहीं है. बीजेपी तो पोलिंग बूथ तक तैयार है."
एक चरण में चुनाव कांग्रेस के लिए शुभ: कांग्रेस की मीडिया विभाग उपाध्यक्ष संगीता शर्मा का कहना है कि "हम तो इंतजार कर रहे थे कि जल्द से जल्द तारीखों का एलान हो, अब पता चला है कि एक चरण चुनाव होंगे, इससे हमें फायदा होगा. 2018 में भी एक चरण में चुनाव हुए थे और कांग्रेस की सरकार बनी थी. कमलनाथ मुख्यमंत्री बने थे, तो कांग्रेस के लिए तो एक चरण के चुनाव ही शुभ हैं. इस बार भी हम ही सरकरा बनाने जा रहे हैं और बीजेपी हताश है, क्योंकि उनके पास उम्मीदवार हैं नहीं.