भोपाल। करीबन 72 साल बाद चीतों को बसाने को लेकर मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क चर्चाओं में है. अब मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम 1 दिसंबर से कूनो फॉरेस्ट फेस्टिवल आयोजित करने जा रहा है. यहां पहुंचने वाले पर्यटकों को कूनो का रोमांचकारी जंगल के अलावा मुगल काल से ताल्लुक रखने वाला श्योपुर किला, डोब कुंड और प्राचीन गुफाएं आदि देख सकेंगे. हालांकि पर्यटक फिलहाल खुले जंगल में चीतों का दीदार नहीं कर सकेंगे. उधर 27 अक्टूबर से मंदसौर के नजदीक गांधी सागर के बैक वॉटर में फ्लोटिंग फेस्टिवल का भी निगम आयोजन करने जा रहा है. यह दोनों फेस्टिवल करीब 4 माह तक चलेंगे.
चीतों के दीदार के लिए अभी और करना होगा इंतजार: मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड के प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला ने बताया कि "पहली बार कूनो नेशनल पार्क में फॉरेस्ट फेस्टिवल कराया जा रहा है. यह 1 दिसंबर से शुरू होगा. यह फेस्टिवल यहां पहुंचने वाले पर्यटकों को एक रोमांचक यात्रा पर ले जाएगा. करीब 72 साल बाद देश में चीते लौटे हैं. यह फेस्विल कूनो नेशनल पार्क के जरिए पर्यटकों को जंगल की खूबसूरती का शानदार अनुभव कराएगा. गाइडेड सफारी के दौरान यहां मौजूद हिरण, तेंदुआ, ब्लूबक्स और प्रवासी पक्षी पर्यटक देख सकेंगे. हालांकि चीतों का दीदार पर्यटकों को नहीं होगा." पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ असीम श्रीवास्तव बताते हैं कि "सभी 14 चीते अभी बड़े एन्क्लोजर में हैं. इसके पहले इन्हें क्वारेंटाइन रखा गया था. विशेषज्ञों से राय लेने के बाद ही इन्हें खुले जंगल में छोड़ा जाएगा, लेकिन यह कब तक होगा, अभी यह तय नहीं हुआ है. फेस्टिवल में पहुंचने वाले पर्यटकों को चीतों के एन्क्लोजर के आसपास नहीं ले जाया जाएगा. यहां बाहरी व्यक्ति के जाने पर सख्ती से रोक है.
फ्लोटिंग रैंप पर लें लहरों का मजा: उधर पर्यटन विकास निगम 27 अक्टूबर से मंदसौर के गांधी सागर के बैक वॉटर में फ्लोटिंग फेस्टिवल का आयोजन करने जा रहा है. 27 अक्टूबर से शुरू होने वाले इस फेस्टिवल में पर्यटक कायकिंग, जैट स्कीइंग, हॉट एयर बैलूनिंग जैसी तमाम गतिविधियों का आनंद उठा सकेंगे. प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला ने बताया कि "हनुमंतिया, चंदेरी, गांधी सागर के बाद जल्द ही छिंदवाड़ा के तामिया और ओरछा में भी जल्द ही फेस्टिवल शुरू करने जा रहे हैं."