भोपाल। क्या महाकाल मंदिर का कॉरीडोर भी यूपी के काशी कॉरीडोर की तरह चुनाव के मुहाने पर खड़े एमपी का बड़ा सियासी दांव है. पचमढ़ी, हनुमंतिया टापू जैसे पर्यटक स्थलों पर कैबिनेट बैठक आयोजित कर चुके सीएम शिवराज ने इस बार उज्जैन को चुना. 2003 में एमपी में हुए सत्ता पलट से लेकर 2020 के उपचुनाव तक बीजेपी की विजय यात्रा महाकाल के आर्शीवाद से ही शुरू हुई है. सीएम शिवराज की 18 बरस की लंबी सियासी पारी भी महाकाल की कृपा के बिना मुमकिन नहीं थी. (Shivraj cabinet meeting) (Shivraj cabinet by Mahakal)
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2017 में यह कल्पना आई थी कि महाकाल मंदिर परिसर का विस्तार किया जाए। हम लोगों ने मंदिर समिति, नागरिकों आदि सम्बन्धित लोगों से चर्चा करके मंदिर के विस्तार की योजना बनाई। 2018 में अपनी कैबिनेट ने ही पूरी चर्चा करके टेंडर बुलाए थे। pic.twitter.com/DDOqjDhNok
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) September 27, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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हर बार मजबूत होकर उभरे शिवराज : इस दौरान भी अनेकों बार शिवराज को अस्थिर करने के प्रयास हुए. कई बार पार्टी के भीतर से ही जमीन खींचने वालों ने जोर लगाया. लेकिन शिवराज हर संकट से बेअसर निकल आए तो ये महाकाल का ही आशीर्वाद है. 2018 में शिवराज की सत्ता पर लगे 15 महीने के ब्रेक के बाद ये कहा जा रहा था कि अब उनकी राजनीति अवसान पर है. लेकिन 2020 में जिस तेजी से घटनाक्रम बदला और एमपी में मुरझाया कमल फिर खिला, शिवराज के फिर मुख्यमंत्री बनने की राह भी मजबूत हो गई. (Corridor of Mahakal Temple) (Kashi Corridor of UP)
इस बार संदेश साफ है : अभी तक बीजेपी उज्जैन से चुनाव अभियान की शुरुआत करती रही है. सरकार ने महाकाल की शरण में बैठकर प्रदेश के विकास का मंथन पहली बार किया है, लेकिन संदेश तो इसके जरिए भी दे गए शिवराज. कैबिनेट से पहले बैठक को संबोधित करते हुए सीएम शिवराज ने कहा है कि महाकाल महाराज ही सरकार हैं. यहां के राजा हैं. यही वजह है कि आज महाकाल महाराज की धरती पर हम सभी सेवक बैठक कर रहे हैं. विधानसभा चुनाव के ठीक साल भर पहले उज्जैन कैबिनेट करके बीजेपी की हिंदुत्व की राह को शिवराज ने मजबूत की है. जिस तरह यूपी में काशी कॉरीडोर चुनाव के बीच में ही मुद्दे ही की तरह उभरा था. एमपी में भी महाकाल कॉरीडोर को भी उसी तरह से प्रोजेक्ट किया जाएगा. सीएम शिवराज ने बताया भी कि किस तरह उज्जैन के नागरिकों से चर्चा कर इस काम में आगे बढ़े थे और सरकार बदलने के बाद जिस तरह से ये काम ठंडे बस्ते में गया. दोबारा सरकार बनने के बाद फिर उसे रफ्तार दी गई. बैठक मे ये भी तय हुआ कि महाकाल लोक कहलाएगा महाकाल कॉरीडोर.
कांग्रेस का तंज- भगवान को मत ठगना : कांग्रेस ने महाकाल की अध्यक्षता में हुई शिवराज की कैबिनेट की बैठक को लेकर ट्वीट किया है और कहा है कि खुद को पुजारी और जनता को भगवान बताने वाले शिवराज ने हमेशा से भगवान को ठगा है. कांग्रेस प्रवक्ता नरेन्द्र सलूजा ने अपने ट्वीट में लिखा है कि कैबिनेट के फैसलो की सच्चाई हमने देखी है. कम से कम इस बार भगवान को मत ठगना. (Shivraj cabinet meeting) (Shivraj cabinet by Mahakal) (Clear message Mission 2023) (Corridor of Mahakal Temple) (Kashi Corridor of UP)