भोपाल। स्कूल शिक्षा की रैंकिंग की जारी हो गई है, कक्षा 1 से 8 तक का जिलेवार रिपोर्ट कार्ड मंत्री इंदर सिंह परमार ने किया. फिलहाल कमलनाथ का छिंदवाड़ा नम्बर एक पर है तो राजधानी भोपाल, इंदौर, उज्जैन तो 20 में भी नहीं आए हैं. दरअसल एमपी के स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रदेश के मीडिल स्कूलों की टॉप रैंकिंग जारी की है, इसके लिए शिक्षकों की स्किल, छात्रों की पढाई और अन्य बुनियादी व्यवस्थाओं का सर्वे किया गया था.
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आज शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत प्रदेश के 18 हजार 440 अशासकीय विद्यालयों में अध्ययनरत् लगभग 8 लाख 50 हजार विद्यार्थियों की 394 करोड 41 लाख रुपए की प्रतिपूर्ति राशि अंतरित की।
— इन्दरसिंह परमार (@Indersinghsjp) August 9, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
साथ ही राज्य शिक्षा केन्द्र अंतर्गत प्रारंभिक शिक्षा में समस्त 52 जिलों का सत्र 2022-23 का… pic.twitter.com/77EyLWRub1
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— इन्दरसिंह परमार (@Indersinghsjp) August 9, 2023
साथ ही राज्य शिक्षा केन्द्र अंतर्गत प्रारंभिक शिक्षा में समस्त 52 जिलों का सत्र 2022-23 का… pic.twitter.com/77EyLWRub1आज शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत प्रदेश के 18 हजार 440 अशासकीय विद्यालयों में अध्ययनरत् लगभग 8 लाख 50 हजार विद्यार्थियों की 394 करोड 41 लाख रुपए की प्रतिपूर्ति राशि अंतरित की।
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साथ ही राज्य शिक्षा केन्द्र अंतर्गत प्रारंभिक शिक्षा में समस्त 52 जिलों का सत्र 2022-23 का… pic.twitter.com/77EyLWRub1
बड़े शहरों के सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर घटिया: स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंंह परमार ने यह रैंकिंग जारी करते हुए माना है कि "अभी मप्र के सरकारी मिडिल स्कूलों में व्यवस्थाओं में बड़ा सुधार करना बाकी है, खास तौर सर्वे में यह बात सामने आई है कि मप्र का जितना बड़ा शहर है, उसके सरकारी स्कूलों की शिक्षा का स्तर उतना ही घटिया है." टॉप रैंकिग में छोटे शहरों ने बाजी मारी है, तो वहीं प्रदेश का एक भी महानगर टॉप टेन में जगह नहीं बना पाया. यहां तक कि राजधानी भोपाल भी 32 वें नंबर पर रहा, आइए आपको दिखाते हैं शिक्षा विभाग की रैंकिंग के हिसाब से जिलेवार स्थिति.
टॉप टेन में सबसे पहले नम्बर पर छिंदवाड़ा जिला: टॉप 10 जिले में छिंदवाड़ा पहले नंबर पर है, इसके अलावा बालाघाट, सिवनी, छतरपुर, शाजापुर, दमोह, नरसिंहपुर, नीमच, डिंडोरी, और सीहोर भी शामिल हैं.
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यह 10 जिले रहे सबसे फिसड्डी: रतलाम, उज्जैन, विदिशा, सागर, मुरैना, सीधी, बुरहानपुर, रीवा, सिंगरौली और राजगढ़ के सरकारी स्कूलों की हालत सबसे कमजोर है, इसके अलावा प्रदेश का इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और भोपाल टॉप 20 में शामिल नहीं है.