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Priyanka Gandhi Visit MP: कांग्रेस का 'विजय' प्लान! एमपी में पार्टी का चुनावी कैंपेन संभालेंगी प्रियंका गांधी, एक दिन में करेंगी 2-2 रैलियां - कर्नाटक के रथों पर जन आक्रोश यात्रा

Priyanka Gandhi 40 public meetings in MP: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रियंका गांधी कांग्रेस के इलेक्शन कैंपेन की कमान संभालेंगी. मध्यप्रदेश में वह लगभग 40 जनसभाएं करेंगी. एमपी के अलावा प्रियंका गांधी छत्तीसगढ़ को भी लीड़ करेंगी. पढ़िए खास रिपोर्ट...

Priyanka 40 public meetings in MP
एमपी में प्रियंका की 40 जनसभाएं
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 7, 2023, 12:13 PM IST

Updated : Sep 7, 2023, 12:41 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने कमर कस ली है. जीत हासिल करने के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी इलेक्शन कैंपेन की कमान संभालेंगी. दरअसल कांग्रेस ने प्रियंका के चेहरे को ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच पहुंचाने का प्लान बनाया है. पार्टी की कोशिश है कि विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश के सभी संभागीय मुख्यालयों पर प्रियंका की सभाएं हों. इससे पहले प्रियंका गांधी 2 बार एमपी के दौरे पर आ चुकी हैं. जबलपुर से जहां उन्होंने चुनाव का शंखनाद किया था वहीं ग्वालियर में बड़ी सभा को लीड किया था.

एमपी में प्रियंका की 40 जनसभाएं: इस साल के अंत में जिन राज्यों में चुनाव होने जा रहे हैं वहां कांग्रेस पार्टी ने अपनी तैयारी शुरु कर दी है. प्रियंका गांधी मध्यप्रदेश में लगभग 40 जनसभाएं और रैलियां करेंगी. खास बात यह है कि एक दिन में उनकी 2 से 3 रैलियां रहेंगी. चुनाव का ऐलान होने के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका हर दूसरे और तीसरे दिन मध्य प्रदेश में जनता के बीच जाएंगी. कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर उनमें जोश भरेंगी. माना जा रहा है कि प्रियंका के साथ राहुल गांधी भी मध्य प्रदेश आएंगे. प्रियंका गांधी मध्यप्रदेश के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के कैंपेन का भी जिम्मा संभालेंगी. वहीं राहुल गांधी राजस्थान और तेलंगाना का कैंपेन लीड करेंगे. इलेक्शन की तारीखों का ऐलान होते ही प्रियंका और राहुल गांधी के दौरे शुरु हो जाएंगे.

एक दिन में 2 रैलियां करेंगी प्रियंका: कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व भी मध्यप्रदेश को लेकर एक्टिव हो गया है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका मध्य प्रदेश में इलेक्शन कैंपेन को लीड करेंगी. वह एक दिन में 2-2 सभाओं को संबोधित करेंगी. खास बात यह है कि इस बार प्रियंका का फोकस विंध्य पर ज्यादा होगा. इससे पहले अमित शाह भी विंध्य का दौरा कर चुके हैं. दरअसल में विंध्य में कांग्रेस की हालत बेहद कमजोर है. नतीजा यह है कि कांग्रेस विंध्य में जीत को तरस रही है. कांग्रेस सत्ता में वापसी के लिए हरसंभव कोशिश करेगी. जिन वादों से साथ पिछली बार कांग्रेस ने सरकार बनाया था, उस पर प्रियंका गांधी का पूरा फोकस रहेगा.

कर्नाटक के रथों पर सवार होकर निकालेगी जन आक्रोश यात्रा: कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस को जिन रथों से जनता का आशीर्वाद मिला अब वे ही रथ एमपी में कांग्रेस की नैया पार लगाएंगे. कांग्रेस इन रथों को भाग्यशाली मान रही है, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के साथ बैठक में ये फैसला लिया गया है विधानसभा चुनाव में प्रदेश कांग्रेस के नेता कर्नाटक के रथों में सवार होकर जन समर्थन हासिल करने के लिए निकलेंगे. कांग्रेस प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से 7 जन आक्रोश यात्राएं निकालेगी.

एमपी में प्रियंका को जिम्मेदारी देने की बड़ी वजह: जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव है, उनमें से राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है. मध्य प्रदेश में ही बीजेपी की सरकार है. इसीलिए प्रियंका राजस्थान और छत्तीसगढ़ की जगह एमपी पर फोकस कर रही हैं. प्रियंका के जरिए कांग्रेस प्रदेश में महिला वोटर्स को साधने की कवायद में भी है. प्रियंका के जरिए कांग्रेस लाडली योजना से बनी सीएम शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता को भी कमजोर करने की कोशिश करेगी.

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जबलपुर से किया था चुनावी शंखनाद: प्रियंका गांधी ने जबलपुर से एमपी में चुनाव का शंखनाद किया था. प्रियंका गांधी ने ग्वारीघाट पर मां नर्मदा की पूजा-अर्चना कर ये संकेत दे दिया था कि कांग्रेस 2023 के चुनाव में फिर हिंदुत्व की राह पकड़ेगी. जबलपुर पहुंचते ही प्रियंका गांधी का पहला कार्यक्रम ग्वारीघाट का था, जहां प्रियंका गांधी ने मां नर्मदा की आरती उतारी. प्रियंका गांधी ने 101 ब्राम्हणों की मौजूदगी में नर्मदा का पूजन किया, हाथों में रुद्राक्ष की माला नर्मदा जल का कलश और आरती लिए प्रियंका हिंदुत्व में रची बसी नज़र आईं. प्रियंका गांधी के इस नर्मदा पूजन के कई सियासी मायने निकाले गए. दरअसल मध्यप्रदेश की 100 से ज्यादा सीटे ऐसी हैं, जो सीधे तौर पर नर्मदा नदी की आस्था और असर में हैं. इसी के चलते प्रियंका गांधी ने नर्मदा पूजन से चुनाव का शंखनाद किया था.

ग्वालियर में तोड़ी थी परंपरा: प्रियंका गांधी इस समय पूरी तरह से चुनावी रंग में रह गई हैं. इससे पहले 21 जुलाई को सिंधिया के गढ़ ग्वालियर में जाकर उन्होंने रानी लक्ष्मीबाई के स्मारक पर उन्हें श्रद्धांजलि दी. यह पहला मौका था कि गांधी परिवार का कोई सदस्य वीरांगना लक्ष्मीबाई की समाधिस्थल पर माथा टेकने गया हो. रानी लक्ष्मीबाई के साथ सिंधिया परिवार द्वारा की गई कथित गद्दारी के मुद्दे पर कांग्रेस अब फ्रंटफुट पर खेलने की तैयारी में है. क्योंकि सिंधिया के कांग्रेस में रहते हुए गांधी परिवार से कोई सदस्य समाधिस्थल पर नहीं गया. हालांकि उनके समाधिस्थल जाने पर उनका जमकर विरोध भी हुआ था.

प्रियंका और राहुल के ज्यादा से ज्यादा दौरे-कांग्रेस: कांग्रेस प्रवक्ता के के मिश्रा का कहना है कि ''प्रियंका गांधी पहले भी मप्र के दौरे पर आ चुकी हैं. इस बार कांग्रेस मध्यप्रदेश में प्रियंका और राहुल गांधी की ज्यादा से ज्यादा सभाएं कराएगी. प्रियंका के आने से बीजेपी की लोकप्रियता कम होगी और हम चुनावों में जीत हासिल करेंगे.''

प्रियंका अपने भाई से पूछे- पुराने वादों का क्या हुआ-बीजेपी: बीजेपी प्रवक्ता राजपाल सिंह सिसोदिया ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि ''प्रियंका गांधी झूठ की दुकान हैं. ग्वालियर में भी उन्होंने कई आरोप लगाए लेकिन सब झूठे, बड़ी बातें करके चली गईं. कांग्रेस के झूठ का पर्दाफाश हो चुका है. प्रियंका गांधी पहले अपने भाई राहुल गांधी से पूछे की पुराने वादों का क्या हुआ, कितने वादे उन्होंने निभाए. मध्य प्रदेश में अब फिर बीजेपी सरकार को आना है.''

भोपाल। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने कमर कस ली है. जीत हासिल करने के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी इलेक्शन कैंपेन की कमान संभालेंगी. दरअसल कांग्रेस ने प्रियंका के चेहरे को ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच पहुंचाने का प्लान बनाया है. पार्टी की कोशिश है कि विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश के सभी संभागीय मुख्यालयों पर प्रियंका की सभाएं हों. इससे पहले प्रियंका गांधी 2 बार एमपी के दौरे पर आ चुकी हैं. जबलपुर से जहां उन्होंने चुनाव का शंखनाद किया था वहीं ग्वालियर में बड़ी सभा को लीड किया था.

एमपी में प्रियंका की 40 जनसभाएं: इस साल के अंत में जिन राज्यों में चुनाव होने जा रहे हैं वहां कांग्रेस पार्टी ने अपनी तैयारी शुरु कर दी है. प्रियंका गांधी मध्यप्रदेश में लगभग 40 जनसभाएं और रैलियां करेंगी. खास बात यह है कि एक दिन में उनकी 2 से 3 रैलियां रहेंगी. चुनाव का ऐलान होने के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका हर दूसरे और तीसरे दिन मध्य प्रदेश में जनता के बीच जाएंगी. कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर उनमें जोश भरेंगी. माना जा रहा है कि प्रियंका के साथ राहुल गांधी भी मध्य प्रदेश आएंगे. प्रियंका गांधी मध्यप्रदेश के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के कैंपेन का भी जिम्मा संभालेंगी. वहीं राहुल गांधी राजस्थान और तेलंगाना का कैंपेन लीड करेंगे. इलेक्शन की तारीखों का ऐलान होते ही प्रियंका और राहुल गांधी के दौरे शुरु हो जाएंगे.

एक दिन में 2 रैलियां करेंगी प्रियंका: कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व भी मध्यप्रदेश को लेकर एक्टिव हो गया है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका मध्य प्रदेश में इलेक्शन कैंपेन को लीड करेंगी. वह एक दिन में 2-2 सभाओं को संबोधित करेंगी. खास बात यह है कि इस बार प्रियंका का फोकस विंध्य पर ज्यादा होगा. इससे पहले अमित शाह भी विंध्य का दौरा कर चुके हैं. दरअसल में विंध्य में कांग्रेस की हालत बेहद कमजोर है. नतीजा यह है कि कांग्रेस विंध्य में जीत को तरस रही है. कांग्रेस सत्ता में वापसी के लिए हरसंभव कोशिश करेगी. जिन वादों से साथ पिछली बार कांग्रेस ने सरकार बनाया था, उस पर प्रियंका गांधी का पूरा फोकस रहेगा.

कर्नाटक के रथों पर सवार होकर निकालेगी जन आक्रोश यात्रा: कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस को जिन रथों से जनता का आशीर्वाद मिला अब वे ही रथ एमपी में कांग्रेस की नैया पार लगाएंगे. कांग्रेस इन रथों को भाग्यशाली मान रही है, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के साथ बैठक में ये फैसला लिया गया है विधानसभा चुनाव में प्रदेश कांग्रेस के नेता कर्नाटक के रथों में सवार होकर जन समर्थन हासिल करने के लिए निकलेंगे. कांग्रेस प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से 7 जन आक्रोश यात्राएं निकालेगी.

एमपी में प्रियंका को जिम्मेदारी देने की बड़ी वजह: जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव है, उनमें से राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है. मध्य प्रदेश में ही बीजेपी की सरकार है. इसीलिए प्रियंका राजस्थान और छत्तीसगढ़ की जगह एमपी पर फोकस कर रही हैं. प्रियंका के जरिए कांग्रेस प्रदेश में महिला वोटर्स को साधने की कवायद में भी है. प्रियंका के जरिए कांग्रेस लाडली योजना से बनी सीएम शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता को भी कमजोर करने की कोशिश करेगी.

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जबलपुर से किया था चुनावी शंखनाद: प्रियंका गांधी ने जबलपुर से एमपी में चुनाव का शंखनाद किया था. प्रियंका गांधी ने ग्वारीघाट पर मां नर्मदा की पूजा-अर्चना कर ये संकेत दे दिया था कि कांग्रेस 2023 के चुनाव में फिर हिंदुत्व की राह पकड़ेगी. जबलपुर पहुंचते ही प्रियंका गांधी का पहला कार्यक्रम ग्वारीघाट का था, जहां प्रियंका गांधी ने मां नर्मदा की आरती उतारी. प्रियंका गांधी ने 101 ब्राम्हणों की मौजूदगी में नर्मदा का पूजन किया, हाथों में रुद्राक्ष की माला नर्मदा जल का कलश और आरती लिए प्रियंका हिंदुत्व में रची बसी नज़र आईं. प्रियंका गांधी के इस नर्मदा पूजन के कई सियासी मायने निकाले गए. दरअसल मध्यप्रदेश की 100 से ज्यादा सीटे ऐसी हैं, जो सीधे तौर पर नर्मदा नदी की आस्था और असर में हैं. इसी के चलते प्रियंका गांधी ने नर्मदा पूजन से चुनाव का शंखनाद किया था.

ग्वालियर में तोड़ी थी परंपरा: प्रियंका गांधी इस समय पूरी तरह से चुनावी रंग में रह गई हैं. इससे पहले 21 जुलाई को सिंधिया के गढ़ ग्वालियर में जाकर उन्होंने रानी लक्ष्मीबाई के स्मारक पर उन्हें श्रद्धांजलि दी. यह पहला मौका था कि गांधी परिवार का कोई सदस्य वीरांगना लक्ष्मीबाई की समाधिस्थल पर माथा टेकने गया हो. रानी लक्ष्मीबाई के साथ सिंधिया परिवार द्वारा की गई कथित गद्दारी के मुद्दे पर कांग्रेस अब फ्रंटफुट पर खेलने की तैयारी में है. क्योंकि सिंधिया के कांग्रेस में रहते हुए गांधी परिवार से कोई सदस्य समाधिस्थल पर नहीं गया. हालांकि उनके समाधिस्थल जाने पर उनका जमकर विरोध भी हुआ था.

प्रियंका और राहुल के ज्यादा से ज्यादा दौरे-कांग्रेस: कांग्रेस प्रवक्ता के के मिश्रा का कहना है कि ''प्रियंका गांधी पहले भी मप्र के दौरे पर आ चुकी हैं. इस बार कांग्रेस मध्यप्रदेश में प्रियंका और राहुल गांधी की ज्यादा से ज्यादा सभाएं कराएगी. प्रियंका के आने से बीजेपी की लोकप्रियता कम होगी और हम चुनावों में जीत हासिल करेंगे.''

प्रियंका अपने भाई से पूछे- पुराने वादों का क्या हुआ-बीजेपी: बीजेपी प्रवक्ता राजपाल सिंह सिसोदिया ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि ''प्रियंका गांधी झूठ की दुकान हैं. ग्वालियर में भी उन्होंने कई आरोप लगाए लेकिन सब झूठे, बड़ी बातें करके चली गईं. कांग्रेस के झूठ का पर्दाफाश हो चुका है. प्रियंका गांधी पहले अपने भाई राहुल गांधी से पूछे की पुराने वादों का क्या हुआ, कितने वादे उन्होंने निभाए. मध्य प्रदेश में अब फिर बीजेपी सरकार को आना है.''

Last Updated : Sep 7, 2023, 12:41 PM IST
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