भोपाल। मध्य प्रदेश में अपराधियों पर नकेल कसने के लिए पुलिस लगातार नए-नए प्रयोग कर रही है.नशे के कारोबारियों (Drug Trade) तक पहुंचने के लिए एमपी पुलिस नारकोटिक्स वॉलिंटियर तैयार कर रही है. दूसरी तरफ साइबर सेल ऑनलाइन ठगी (Online Fraud) करने वाले जालसाजों की पूरी जन्मकुंडली तैयार कर रही है ताकि संबंधित राज्य से लेकर सभी राज्यों की पुलिस के पास ऐसे आरोपियों का पूरा खाका उपलब्ध हो. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक इससे ना सिर्फ साइबर क्राइम करने वाले जालसाज, साथ ही युवाओं तक नशे का सामान पहुंचाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने में बड़ी मदद मिलेगी.
नारकोटिक्स विंग ने खोजा ऑनलाइन मुखबिरी का रास्ता
नारकोटिक्स विभाग प्रदेश भर में बढ़ रहे नशे के कारोबार (Drug Trade) पर लगाम लगाने के लिए अब ऑनलाइन मुखबिरी कराएगा. इसके लिए नारकोटिक्स वॉलिंटियर प्रोग्राम लॉन्च किया जा रहा है. इस पोर्टल पर नाम पता फोन नंबर सहित अन्य जानकारी देकर वॉलिंटियर बना सकता हैं. पुलिस ऐसे सभी लोगों की जानकारी गुप्त रखेगी. यह वॉलिंटियर्स आस-पास के संबंधित क्षेत्र में हो रहे नशे के कारोबार और पेडलर्स की जानकारी पुलिस को मुहैया कराएंगे.
मध्य प्रदेश में अप्रैल 2020 से जनवरी 2021 के बीच नशीले पदार्थों की तस्करी के ढाई हजार से ज्यादा मामले दर्ज किए जा चुके हैं. इनमें सबसे ज्यादा 685 मामले इंदौर के हैं . है वही रीवा में 188 और शहडोल में 136 केस दर्ज हुए हैं. नारकोटिक्स विंग वॉलिंटियर्स से मिलने वाली जानकारी संबंधित पुलिस थाने को देगी और उसके बाद इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. नारकोटिक्स विंग सूचना देने वाले ऑनलाइन वॉलिंटियर्स की समस्त जानकारी को गोपनीय रखेगी.
साइबर सेल तैयार कर रही अपराधियों का डेटाबेस
भोपाल पुलिस की साइबर क्राइम ब्रांच ऑनलाइन ठगी (Online Fraud) करने वाले जालसाजों का पूरा डेटाबेस तैयार कर रही है. इसमें जालसाजों द्वारा किए जाने वाले अपराध, जालसास के गांव का बैकग्राउंड, किन-किन राज्यों में आरोपियों द्वारा वारदातें की गई और उनकी वारदात करने का तरीका क्या है. इन सभी जानकारियों को इसमें शामिल किया जाएगा.
भोपाल की साइबर सेल पिछले दो माह में दिल्ली, झारखंड, बिहार, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, बंगाल और पंजाब में जाकर कार्रवाई करके 130 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुका है. साइबर क्राइम के एडिशनल एसपी अंकित जायसवाल बताते हैं कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से 45 ऐसे हैं जिन्होंने नौकरी या लोन दिलाने के नाम पर कॉल सेंटर के माध्यम से सैकड़ों लोगों को चूना लगाया है.
भोपाल में इस साल अब तक करीब 250 मामले दर्ज किए जा चुके हैं. वे कहते हैं कि अभी तक गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों का डाटाबेस तैयार किया गया है और उन्हें संबंधित राज्यों के पुलिस अधिकारियों से सांझा किया जा रहा है. ताकि आरोपियों को लेकर संबंधित क्षेत्र की पुलिस भी अलर्ट रहें और इनके वारदात करने के तरीकों के आधार पर इस तरह के और लोगों को गिरफ्तार किया जा सके.