भोपाल। मध्यप्रदेश में इन दिनों चुनावी पारा चढ़ा हुआ है, उपचुनाव के बाद प्रदेश में बहुप्रतीक्षित पंचायत चुनाव कराए जा सकते हैं. राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी कलेक्टर्स को पंचायत चुनाव के लिए तैयार रहने के लिए निर्देशित किया है. गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में राज्य निर्वाचन आयुक्त ने सभी कलेक्टर्स को पंचायत चुनाव की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए कहा है. पंचायत चुनाव तीन चरणों में कराए जा सकते हैं, साथ ही जिला एवं जनपद पंचायत चुनाव ईवीएम से और पंच-सरपंचों के चुनाव बैलेट पेपर के जरिए कराए जाएंगे.
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पंचायत चुनाव के लिए तैयार रहें सभी कलेक्टर्स
प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव पर कानूनी अड़चनों के कारण अब राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव कराने की तैयारी शुरू कर दी है, आयोग ने सरकार से जिला पंचायत अध्यक्ष पद के आरक्षण का ब्यौरा मांगा है. निर्वाचन आयोग की बैठक में राज्य निर्वाचन आयुक्त ने सभी जिलों के निर्वाचन अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये मतदान केंद्रों के भौतिक सत्यापन करने के निर्देश दिए हैं. राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने बताया कि सभी कलेक्टर्स को पंचायत चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार रहने को कहा है.
उपचुनाव के बाद आरक्षण की प्रक्रिया होगी पूरी
मध्यप्रदेश में 30 अक्टूबर को एक लोकसभा और 3 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के बाद पंचायत चुनाव कराये जाएंगे, इसके लिए तारीखों की घोषणा कभी भी की जा सकती है. उपचुनाव के बाद आरक्षण की प्रक्रिया पूरी की जाएगी, इससे पहले ग्राम पंचायत और जनपद पंचायत की आरक्षण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, आयोग के अनुसार जिला व जनपद पंचायत चुनाव ईवीएम से और पंच-सरपंच के चुनाव बैलेट पेपर से कराए जाएंगे.
23912 पंचायतों में होने है चुनाव
प्रदेश में कुल 23912 पंचायतें हैं, इनमें तीन चरणों में चुनाव कराने की तैयारी आयोग कर रहा है. प्रदेश में 52 जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, 313 जनपद पंचायत अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के साथ ही 6833 जनपद पंचायत सदस्य का चुनाव होना है. इसके अलावा 23912 सरपंच और उपसरपंच के साथ ही 377551 पंचों का चुनाव किया जाना है.
कोविड के चलते स्थगित हुए थे चुनाव
मध्यप्रदेश में ग्राम पंचायत व नगरीय निकाय चुनाव कोविड संक्रमण के चलते दिसंबर 2020 में 3 महीने के लिए स्थगित किया गया था. राज्य निर्वाचन आयोग ने उस समय कहा था कि अब यह चुनाव 20 फरवरी 2021 के बाद कराए जाएंगे. प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने चुनाव को स्थगित करने का प्रस्ताव आयोग को भेजा था. इसमें कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए आम लोगों के स्वास्थ्य के साथ स्वतंत्र एवं निष्पक्ष निर्वाचन प्रक्रिया से सुनिश्चित कराना संभव नहीं है, यह हवाला दिया गया था.