भोपाल। मध्य प्रदेश में पंचायत चुनावों का ऐलान हो चुका है. तीन चरणों में होने वाले पंचायत चुनाव में पहला चरण 6 जनवरी, दूसरा 28 फरवरी, तीसरा और अंतिम चरण 16 फरवरी को होगा. पंचायत चुनावों में पंच, सरपंच, जनपद पंचायत और जिला पंचायत के लिए अलग-अलग जगहों और तारीखों पर वोट डाले जाएंगे. चुनाव आयोग ने पहले चरण में 9 जिलों, दूसरे चरण में 7 जिलों और तीसरे चरण में 36 जिलों में चुनाव समपन्न कराए जाने का ऐलान किया है. चुनाव की प्रक्रिया 23 फरवरी तक चलेगी.
पहला चरण (6 जनवरी)-9 जिले- दतिया, हरदा, नरसिंहपुर, पन्ना, अलीराजपुर, निवाड़ी, इंदौर, ग्वालियर और भोपाल.
दूसरा चरण- (28 जनवरी) 7 जिले - बुरहानपुर, जबलपुर, सिंगरौली, उमरिया, अनूपपुर, श्योपुर और देवास
तीसरा चरण ( 16 फरवरी) 36 जिलों में चुनाव समपन्न कराए जाएंगे. जिसमें 3 करोड़ 92 लाख मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. चुनाव कार्य समपन्न कराने के लिए 4 लाख 25 हजार मतदान कर्मियों का उपयोग किया जाएगा. चुनाव के अंतिम परिणाम का प्रकाशन 23 फरवरी को किया जाएगा.
EVM से होगा जनपद और जिला पंचायत सदस्य का निर्वाचन
3 चरणों में समपन्न कराए जाने वाले पंचायत चुनाव में
- मतदान का समय सुबह 7 बजे से दोपहर 3 बजे तक होगा.
- पहले चरण में 85 जनपद पंचायतों और 6283 ग्राम पंचायतों के चुनाव होंगे.
- दूसरे चरण में 110 जनपद पंचायतों और 8015 ग्राम पंचायतों में चुनाव होंगे.
- तीसरे चरण में 118 जनपद पंचायतों और 8397 ग्राम पंचायतों के चुनाव होंगे.
- पंच सरपंच का निर्वाचन मतपत्र से जनपद पंचायत सदस्य और जिला पंचायत सदस्य का निर्वाचन प्रत्यक्ष मतदान EVM के जरिए होगा.
- पंचायत चुनाव में प्रदेश में 15863 संवेदनशील मतदान केंद्र और 6223 अति संवेदनशील मतदान केंद्र घोषित किए गए हैं.
4 ग्राम पंचायतों में अलग से होंगे चुनाव
- मध्य प्रदेश में जिला पंचायत सदस्य के 859 पद
- जनपद पंचायत सदस्य 6727
- सरपंच 12581 और पंच 362754 का चुनाव किया जाएगा.
- प्रदेश की 114 ग्राम पंचायतों का कार्यकाल मार्च 2022 के बाद पूर्ण होगा, इसलिए इन पंचायतों में पंच एवं सरपंच का निर्वाचन अलग से किया जाएगा.
कांग्रेस ने पंचायत चुनाव के ऐलान पर उठाए सवाल
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पंचायत चुनाव चुनाव की तारीखों का ऐलान करने पर प्रदेश कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं. कांग्रेस का कहना है कि 2014 के परिसीमन एवं आरक्षण के आधार पर पंचायत चुनाव करवाना पूरी तरह अवैधानिक है. कांग्रेस प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने कहा कि पंचायत राज अधिनियम के विरुद्ध भारतीय जनता पार्टी सरकार के दबाव में राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जल्दबाजी में कार्यक्रम का एलान कर दिया गया है, जबकि इस मामले में नोटिस जारी किए जा चुके हैं. सरकार को न्यायालय के नोटिस का जवाब देना चाहिए था. कांग्रेस इस मामले को न्यायालय में रखेगी. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा अवैधानिक कार्य किया जा रहा है. कांग्रेस की मांग है कि निर्वाचन नए परिसीमन के आधार पर होना चाहिए.
इनका होगा चुनाव
मध्य प्रदेश में 23835 ग्राम पंचायतें हैं. वहीं 904 जिला पंचायत सदस्य और 6035 जनपद सदस्य त्रिस्तरीय पंचायत का प्रतिनिधित्व करते हैं. इनमें
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त्रिस्तरीय चुनाव
जिला पंचायत अध्यक्ष- 52
उपाध्यक्ष- 52
जनपद पंचायत अध्यक्ष- 313
जनपद पंचायत उपाध्यक्ष- 313
जनपद पंचायत सदस्य- 6833
सरपंच- 23912
उपसरपंच- 23912
पंच- 3 लाख 77 हजार 551