भोपाल। डिंडोरी जिले के शहपुरा में बतौर एसडीएम पदस्थ आईएएस अफसर काजल जावला को अवैध खनन करने वालों ने धमकी दी है लेकिन यह पहला मामला नहीं है, जब किसी महिला अफसर को धमकी मिली है इसके पहले भी एमपी में आईएएस से लेकर खनिज इंस्पेक्टर तक को धमकियां मिल चुकी हैं.
मई 2022- में अशोकनगर जिले में अवैध खनन कर रेत ले जा रहे माफियाओं को वन कर्मियों ने पकड़ा तो माफियाओं ने वन कर्मियों पर लाठी डंडों से हमला कर दिया. उन पर पत्थर फेंके और रेंजर से राइफल छुड़ाने की कोशिश की. माफिया के हमले में वन विभाग के एक अधिकारी के हाथ में फ्रैक्चर हो गया.
11 फरवरी 2020- रतलाम जिले के आलोट में क्षिप्रा नदी से रेत निकाल रही तीन जेसीबी जब्त कर थाने ले जा रहे खनिज विभाग पर गुंडों ने बाइक से आकर हमला कर दिया. जेसीबी पर सवार होमगार्ड सैनिक को धक्का देकर गाड़ी से गिरा दिया. ये देख सैनिक को बचाने के लिए अन्य सैनिक व महिला खनिज निरीक्षक गाड़ी से उतरी तो बदमाशों ने उन पर हमला करने के लिए हाथ में पत्थर उठा लिए थे. जिस महिला खनिज निरीक्षक पर हमला हुआ, उसका नाम भावना सेंगर था.
18 जून 2017– मध्य प्रदेश कैडर 2013 बैच की आईएएस अफसर सोनिया मीणा फरवरी 2017 में छतरपुर के राजनगर में एसडीएम के पद पर तैनात थीं. इस दौरान उन्होंने 8 फरवरी 2017 में खनन माफिया के रेत से भरे वाहन पकड़े थे, तब माफिया ने उन्हें धमकाया था. इसके बाद ही उन पर जानलेवा हमला किया गया था. रेत के ट्रैक्टर छीनकर ले गए थे. घटना के तुरंत बाद संभागीय आयुक्त, कलेक्टर, आईजी, डीआईजी और एसपी को बताया गया था. एफआईआर दर्ज हुई थी और कोर्ट ने आरोपी को जेल भेज दिया था. इसके बाद जब वे उमरिया जिले में अपर जिलाधिकारी और मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत के पद पर जब पदस्थ थी, तो उन्होंने तत्कालीन मुख्य सचिव से अपनी सुरक्षा की मांग की थी. दरअसल उन्हें राजनगर छतरपुर में मिली धमकी के मामले में सुनवाई के लिए जाना होता था. इसलिए सुरक्षा की मांग की गई थी.
जून 2015- शाजापुर जिले के गांव शुजालपुर इलाके में मौजूद खनन इलाके में महिला माइनिंग इंस्पेक्टर रीना पाठक टीम के साथ छापा मारने गई थीं. महिला खनन अधिकारी रीना पाठक को एक शिकायत की पुष्टि के लिए खनन इलाके में भेजा गया था. खनन माफिया को इसकी जैसे ही भनक लगी,उसने टीम को घेर लिया. खनन माफिया के गुंडों द्वारा किए गए उस हमले में होमगार्ड के तीन जवान बुरी तरह जख्मी हो गए थे. वह घटना नेवज नदी के किनारे चल रहे अवैध खनन स्थल पर घटी थी. इस मामले में रेत खनन माफिया से जुड़े 21 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.
वर्ष 2012- मुरैना जिले के बामौर कस्बे में अवैध खनन में शामिल खनिज माफिया ने नौजवान आईपीएस अधिकारी नरेंद्र कुमार सिंह को ट्रैक्टर ट्रॉली से कुचलकर मार डाला था. साल 2009 बैच के आईपीएस नरेंद्र मुरैना जिले के बामौर में प्रशिक्षु पुलिस अनुमंडल अधिकारी (एसडीपीओ) के तौर पर तैनात थे. इस घटना ने पूरे प्रदेश को हिला दिया था.