भोपाल। निरीक्षण में गंभीर विसंगतियां मिलने और आदेश के बाद भी जरूरी दस्तावेज उपलब्ध ना कराने के बाद राज्य शासन ने प्रदेश के 93 नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता को निलंबिक कर दिया है. इसमें भोपाल के आठ नर्सिंग कॉलेज शामिल हैं. जिन नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता निरस्त की गई है, उसमें भोपाल की आइसेक्ट यूनिवर्सिटी इंस्टिट्यूट ऑफ़ नर्सिंग भोपाल चिरायु कॉलेज ऑफ नर्सिंग कुशाभाऊ ठाकरे नर्सिंग कॉलेज कस्तूरबा कॉलेज ऑफ नर्सिंग बीएचईएल के नाम शामिल हैं.
नर्सिंग कॉलेजों ने नहीं दी कोई सूचना- मध्य प्रदेश नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल ने इसको लेकर आदेश जारी कर दिए हैं. विभाग ने कहा है कि नर्सिंग सत्र 2021-22 में जिस किसी भी छात्र का एडमिशन सूची में दिए गए कॉलेज में हो वह अपनी कॉलेज से फीस वापस ले सकते हैं. मध्य प्रदेश नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल द्वारा जारी अपने आदेश में कहा है कि उच्च न्यायालय जबलपुर में दायर याचिका में पारित आदेश के निर्देशानुसार जबलपुर, इंदौर क्षेत्र के सत्र 2020-21 में मान्यता प्राप्त नर्सिंग कॉलेजों को अकादमी भवन छात्रावास लैब उपकरण संबंध अस्पताल के समस्त दस्तावेज एवं फोटो और नर्सिंग कॉलेज के अन्य जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए समय सीमा निर्धारित की थी, लेकिन समय सीमा के बीत आने के बाद भी नर्सिंग कॉलेजों द्वारा दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए और ना ही इस तरह की कोई सूचना दी गई.
संस्थाओं की शैक्षणिक सत्र तत्काल प्रभाव से किया निलंबित-मध्य प्रदेश नर्सिंग शिक्षण संस्था मान्यता नियम 2018 के नियम 7 के अनुसार कार्रवाई करते हुए इन संस्थाओं की शैक्षणिक सत्र 2021-22 की मान्यता तत्काल प्रभाव से निलंबित की जाती है. गौरतलब है कि देश में गैर कानूनी ढंग से संचालित हो रहे नर्सिंग कॉलेज के मामले में बीते दिन हाईकोर्ट(High Court) ने सख्ती दिखाते हुए नर्सिंग काउंसिल की रजिस्ट्रार को सस्पेंड करने के निर्देश दिए थे और नर्सिंग काउंसिल की रजिस्ट्रार का प्रभार प्रशासक को देने का आदेश दिया था.
फर्जी नर्सिंग कॉलेज का मामला, HC ने रजिस्ट्रार को सस्पेंड करने के दिए निर्देश
क्या है मामला-प्रदेश में गैर कानूनी ढंग से संचालित हो रहे नर्सिंग कॉलेजों के मामले में लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन मध्य प्रदेश के अध्यक्ष अधिवक्ता विशाल बघेल की ओर से कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. दायर जनहित याचिका में कहा गया था कि राज्य में नियमों और मापदंडों का पालन किए बिना निजी नर्सिंग कालेजों का संचालन हो रहा है. मध्य प्रदेश में कुल 666 नर्सिंग कॉलेज थे. वहीं कोविड काल में 200 नए कॉलेज खोले गए. HC में मामला पहुंचने पर 165 कॉलेज की मान्यता निरस्त की गई.