भोपाल। हाइवे पर बैठने वाले मवेशियों के लिए यह गौशाला राष्ट्रीय राजमार्ग-3 पर बनाई गई है. ब्यावरा और गुना बार्डर के पर एक निजी संस्था और ग्रामीणों के सहयोग से वर्ष 2018 में इसका काम शुरू हुआ था. पांच साल में इसे धीरे-धीरे इतना बड़ा बना दिया गया है कि एक समय में दस हजार के करीब मवेशियों के रखने की व्यवस्था यहां हो गई है. यहां ऐसी गायों को रखा जा रहा है, जो हाइवे पर बैठती हैं. ऐसी गायें भी जो बीमार हैं और उनके मालिकों ने उन्हें सड़क पर छोड़ दिया है.
किसान करते हैं मदद : ब्यावरा निवासी गजराज सिंह ने बताया कि इस गौशाला में सरकार की तरफ से बहुत अधिक मदद नहीं मिली है. लेकिन भोपाल के एक बिल्डर ने यहां सहयोग किया है. आसपास के किसान भी इस गौशाला को मदद देते हैं. क्योंकि हाइवे के दोनों तरफ की जमीन किसानों की है और इनमें फसल लगी रहती है, जिसे आवारा मवेशी नुकसान पहुंचाते हैं. गौशाला के कारण किसानों की फसलें सुरक्षित रहती हैं. इसीलिए ब्यावरा से लेकर गुना तक के किसान इस गौशाला में मुफ्त चारा और भूसा पहुंचाते हैं.
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भूसा भी फ्री में देते हैं किसान : हर साल सैकड़ों ट्राली भूसा गौशाला में फ्री में पहुंचता है. वहीं भोपाल के बिल्डर ने इसमें अपनी तरफ से शेड और पानी पीने के लिए छोटे तालाब बनवाए हैं. इस गौशाला से निकलने वाली खाद किसान खरीदकर अपने खेतों में इस्तेमाल करते हैं. इस गौशाला के कारण अब इस पूरे इलाके में हाइवे पर आवारा मवेशियों की संख्या न के बराबर हो गई है. ब्यावरा ब्लॉक के सरपंच दिनेश टाटू ने बताया कि इस गौशाला को देखकर अब नरसिंगगढ़ से ब्यावरा के बीच भी एक गौशाला बनाने की योजना चल रही है. यह भी सरकार की मदद के बगैर ग्रामीणों के सहयोग से बनाई जाएगी. गौशाला के निर्माण में एक निजी फाउंडेशन भी सहयोग कर रहा है. इसके स्वयंसेवक राम वर्मा ने बताया कि बड़े नए शेड के निर्माण का कार्य चल रहा है.