भोपाल। कृषि मंत्री कमल पटेल ने कांग्रेस के रामकृष्ण पटेल को बीजेपी में शामिल कराया है. इसके बाद कांग्रेस के निशाने पर कमल पटेल आ गए. कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने ट्वीट करते हुए लिखा "कृषि मंत्री कमल पटेल जी,आपको रेप के आरोप में 3 साल के सजायाफ्ता को एक बार फिर भाजपा में शामिल कर अपना कुनबा बढ़ाने के लिए आभार..!!. आपने इन्हें उन मुख्यमंत्री शिवराज जी का भी आज आशीष दिलवा दिया, जो बेटी बचाओ अभियान चलवाते हैं ??अब इन्हीं से बेटियों को बचाएं."
नाराज कांग्रेसियों पर बीजेपी की नजर : बता दें कि चुनावी माहौल के बीच बीजेपी की नजर उन कांग्रेसियों पर है, जो पार्टी से नाराज हैं. बीजेपी ने इसी को देखते हुए न्यू ज्वाइनिंग समिति भी बना दी है. जिसका काम विपक्षी पार्टियों के बागियों पर नजर रखना और उन्हें बीजेपी में शामिल कराना है. मंगलवार को पार्टी कार्यालय में पहली बैठक भी हुई. इसके बाद मुख्यमंत्री निवास पर मंगलवार को कांग्रेस के रामकृष्ण पटेल अपने समर्थकों के साथ शामिल हुए. कृषि मंत्री कमल पटेल की मौजूदगी में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के समक्ष भाजपा की सदस्यता रामकृष्ण ने ली.
अपने ही वादे से घिरे कमल पटेल : वहीं कांग्रेस ने बीजेपी को आइना दिखाते हुए पूरे मामले पर कमल पटेल को घेरा है. कांग्रेस का आरोप है कि रामकृष्ण पटेल बलात्कार के आरोप में 3 साल की सजा काट चुके हैं और सीएम निवास पर उन्हें मुख्यमंत्री के सामने बीजेपी की सदस्यता दिलाई गई. वहीं, मंत्री कमल पटेल से जब पूछा गया कि बीजेपी कैसे लोगों को पार्टी में शामिल करेगी, क्योंकि आप न्यू ज्वाइनिंग समिति के सदस्य हैं, तो उन्होंने दो टूक कहा था कि बीजेपी में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोगों के लिए कोई जगह नहीं है. पार्टी में जो भी शामिल होगा, उसकी कुंडली देखी जाएगी कि उसका बैकग्राउंड क्या है. छानबीन के बाद ही शामिल किया जाएगा, लेकिन रामकृष्ण को पार्टी में शामिल करने पर कमल पटेल खुद ही सवालों के घेरे में आ गए.
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रामकृष्ण पर बवाल क्यों : दरअसल, हरदा के रन्हाई कलां के सरपंच रामकृष्ण पटेल को देह व्यापार मामले में तीन साल की सजा भोपाल कोर्ट ने सुनाई थी. वह पूर्व विधायक नन्हेलाल पटेल के पुत्र हैं. रामकृष्ण गुर्जर समाज से आते हैं, जिसका हरदा जिले में बाहुल्य है. वहीं, स्थानीय लोगों का मानना है कि हरदा जिले की राजनीति में रामकृष्ण पटेल का भाजपा में जाना कांग्रेस के लिए भारी क्षति है. विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को नुकसान हो सकता है. प्रदेश के गुर्जर समुदाय के वोट बैंक का फायदा भी भाजपा को मिल सकता है.