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नवरात्रि में कन्याओं का पीरिड्यस का पाठ, भोपाल के सरकारी स्कूलों में नवरात्रि ऑफ अवेयरनेस - भोपाल सरकार स्कूलों में पीरियडस का पाठ

नवरात्रि के पावन पर्व पर जहां हम कई तरह की खबरें सुन रहे हैं, कहीं माता के हजारों साल पुराने मंदिर, चमत्कार तो वहीं गरबा और पंडालों में आइडेंटिटी चेकिंग को लेकर बवाल भी रहा है. इन सब खबरों के बीच भोपाल के सरकारी स्कूलों में पीरियडस को लेकर छात्राओं को जागरूक किया जा रह है. सरकारी स्कूलों में नवरात्रि ऑफ अवेयरनेस चलाया जा रहा है. period lesson to girl students, period lesson to girl students in navratri bhopal,

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सरकारी स्कूलों में नवरात्रि ऑफ अवेयरनेस
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Published : Sep 29, 2022, 8:24 PM IST

भोपाल। मासिक धर्म की बदौलत ही तो कोई लड़की मां बनने योग्य होती है. फिर मासिक धर्म की जानकारी के साथ स्वच्छता का पाठ पढ़ाने के लिए नवरात्र से सही समय क्या होगा. भोपाल की सोशल एक्टिविस्ट मीता वाधवा ने नवरात्रि के नौ दिनों की एक अलग ही साधना शुरु की है. लक्ष्य तय किया है कि इन नौ दिनों में वे खास तौर पर सरकारी स्कूलों की 1 हजार बच्चियों तक मासिक धर्म के दौरान साफ सफाई का संदेश पहुंचाएंगी. साथ में स्कूली बच्चियों को सैनेटरी पैड बांटे जाएंगे. नवरात्रि की शुरुआत में ही 500 छात्राओं तक पहुंचने का टारगेट उन्होंने पूरा कर लिया है.

नवरात्र में माहवारी का पाठ: इस पूरे कैम्पेन के लिए 20 स्कूलों को चुना गया है. ये सभी सरकारी स्कूल हैं. इन स्कूलों में 50 से ज्यादा सत्र लिए जा रहे हैं. जिसमें एक हजार छात्राओं तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है. मीता वाधवा बताती हैं हमारा प्रयास ये है कि इस दौरान सिटीजन पार्टिसिपेशन से सैनेटरी पैड्स का डोनेशन भी हो सके. बच्चियों को इन सत्र के दौरान ही हम पैड भी बांट रहे हैं.

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सरकारी स्कूलों में नवरात्रि ऑफ अवेयरनेस

क्या है ये कैम्पेन: नवरात्रि ऑफ अवेयरनेस नाम के इस कैम्पेन में मेंस्ट्रुएशन हाइजीन दो विषयों पर पूरा फोकस है. इस कैम्पेन में सरकारी स्कूलों की पांचवी से आठवीं तक की छात्राओं को शामिल किया गया है. जिन्हें सिखाया जा रहा है कि किस तरह से सैनिटाइजेशन का तरीका चुनना है. सैनेटरी पैड को कुछ घंटों बाद ही बदलना क्यों जरुरी है. हर दिन शारीरिक स्वच्छता का ध्यान रखना क्यों आवश्यक है. सैनेटरी प्रोडक्ट्स का सही डिस्पोज और पैड से होने वाले रैशेज़ की जानकारी रखना. माहवारी के दौरान जंक फूड नहीं खाना है. ये वो हिदायते हैं जो इन बच्चियों को दी जा रही है.

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नवरात्रि में महावारी का पाठ जरुरी था: सोशल एक्टिविस्ट मीता वाधवा कहती हैं नवरात्रि शक्ति की उपासना का पर्व है. जगदम्बा शक्ति का प्रतीक है. ये वो दिन होते हैं जब हम कन्याओं का पूजन करते हैं. समाज में ये मान्यता है कि जब कन्या को महावारी हो जाती है तो उसे हम पूजन में शामिल नहीं करते. इसी की वजह से मुझे लगा कि क्यों ना हम नवरात्रि के इन दिनों में ही कन्याओं को माहवारी की जानकारी दें. जिससे कि वो अपने जीवन और शरीर में आने वाले सबसे जरुरी बदलाव के लिए तैयार रहें.

भोपाल। मासिक धर्म की बदौलत ही तो कोई लड़की मां बनने योग्य होती है. फिर मासिक धर्म की जानकारी के साथ स्वच्छता का पाठ पढ़ाने के लिए नवरात्र से सही समय क्या होगा. भोपाल की सोशल एक्टिविस्ट मीता वाधवा ने नवरात्रि के नौ दिनों की एक अलग ही साधना शुरु की है. लक्ष्य तय किया है कि इन नौ दिनों में वे खास तौर पर सरकारी स्कूलों की 1 हजार बच्चियों तक मासिक धर्म के दौरान साफ सफाई का संदेश पहुंचाएंगी. साथ में स्कूली बच्चियों को सैनेटरी पैड बांटे जाएंगे. नवरात्रि की शुरुआत में ही 500 छात्राओं तक पहुंचने का टारगेट उन्होंने पूरा कर लिया है.

नवरात्र में माहवारी का पाठ: इस पूरे कैम्पेन के लिए 20 स्कूलों को चुना गया है. ये सभी सरकारी स्कूल हैं. इन स्कूलों में 50 से ज्यादा सत्र लिए जा रहे हैं. जिसमें एक हजार छात्राओं तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है. मीता वाधवा बताती हैं हमारा प्रयास ये है कि इस दौरान सिटीजन पार्टिसिपेशन से सैनेटरी पैड्स का डोनेशन भी हो सके. बच्चियों को इन सत्र के दौरान ही हम पैड भी बांट रहे हैं.

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सरकारी स्कूलों में नवरात्रि ऑफ अवेयरनेस

क्या है ये कैम्पेन: नवरात्रि ऑफ अवेयरनेस नाम के इस कैम्पेन में मेंस्ट्रुएशन हाइजीन दो विषयों पर पूरा फोकस है. इस कैम्पेन में सरकारी स्कूलों की पांचवी से आठवीं तक की छात्राओं को शामिल किया गया है. जिन्हें सिखाया जा रहा है कि किस तरह से सैनिटाइजेशन का तरीका चुनना है. सैनेटरी पैड को कुछ घंटों बाद ही बदलना क्यों जरुरी है. हर दिन शारीरिक स्वच्छता का ध्यान रखना क्यों आवश्यक है. सैनेटरी प्रोडक्ट्स का सही डिस्पोज और पैड से होने वाले रैशेज़ की जानकारी रखना. माहवारी के दौरान जंक फूड नहीं खाना है. ये वो हिदायते हैं जो इन बच्चियों को दी जा रही है.

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नवरात्रि में महावारी का पाठ जरुरी था: सोशल एक्टिविस्ट मीता वाधवा कहती हैं नवरात्रि शक्ति की उपासना का पर्व है. जगदम्बा शक्ति का प्रतीक है. ये वो दिन होते हैं जब हम कन्याओं का पूजन करते हैं. समाज में ये मान्यता है कि जब कन्या को महावारी हो जाती है तो उसे हम पूजन में शामिल नहीं करते. इसी की वजह से मुझे लगा कि क्यों ना हम नवरात्रि के इन दिनों में ही कन्याओं को माहवारी की जानकारी दें. जिससे कि वो अपने जीवन और शरीर में आने वाले सबसे जरुरी बदलाव के लिए तैयार रहें.

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