भोपाल। पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने पटवारी भर्ती परीक्षा मामले को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को निशाने पर लिया है. पूर्व मंत्री ने सवाल उठाया कि आखिर हर बार मुख्यमंत्री के विभाग में ही गड़बड़ियां क्यों होती हैं. पटवारी भर्ती परीक्षा को लेकर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा बचाव कर रहे हैं. क्या यह इसलिए है कि दोनों की इस गड़बड़ी में मिलीभगत है. उधर, पटवारी भर्ती परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर इंदौर हाईकोर्ट में पीआईएल दायर की गई है. यह पीआईएल इंदौर के सोशल वर्कर राघवेंद्र सिंह परमार की तरफ से दायर की गई है.
सबसे बड़ा ऑनलाइन घोटाला बताया : कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि पटवारी भर्ती परीक्षा में 12 लाख 34 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था. परीक्षा बेंगलुरु की कंपनी ने कराई थी. लिखित परीक्षा में जिस तरह की गड़बड़ी हुई है, वह देश के इतिहास का सबसे बड़ा ऑनलाइन घोटाला है. अप्रैल माह में एक रैकेट पकड़ाया था, जो 18 लाख से लेकर 20 लाख रुपए में इस परीक्षा का पेपर उपलब्ध करा रहा था. आखिर उस समय सरकार इस मामले को लेकर क्यों सचेत नहीं हुई. आखिर ऐसा क्यों है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पास जो भी विभाग होते हैं, उन्हीं में गड़बड़ियां होती हैं.
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा पर निशाना : जीतू पटवारी ने कहा कि बड़ा सवाल यह है कि एक दिन पहले जब नरोत्तम मिश्रा ने पूरी परीक्षा को पाक साफ बताया. वहीं शाम को मुख्यमंत्री की शिवराज सिंह चौहान ने परीक्षा की जांच कराने के आदेश दे दिए. क्या सीएम इससे खुद को बचाना चाहते हैं. पूर्व मंत्री ने आरोप लगाया कि यह पहला मौका नहीं है, जब मध्यप्रदेश की परीक्षाओं में घोटाले हुए हों. पटवारी भर्ती परीक्षा प्रदेश का व्यापम कांड 3 है. इस घोटाले को लेकर कांग्रेस प्रदेशभर में आंदोलन करेगी. कांग्रेस ने मांग की है कि इस परीक्षा की जांच हाईकोर्ट के मौजूदा जज से कराई जानी चाहिए.
परीक्षार्थियों की फीस ब्याज सहित वापस हो : कांग्रेस ने मांग की है कि इस परीक्षा में जितने भी परीक्षार्थियों ने हिस्सा लिया है, उनकी फीस ब्याज के साथ सरकार वापस करे. बेहतर होगा कि जो टॉपर आए हैं, उनकी मीडिया की मौजूदगी में फिर से परीक्षा कराई जाए. पेपर लीक के मामलों में जो भी आरोपी दोषी पाए जाते हैं, उन्हें उम्र कैद की सजा दी जाए. साथ ही भविष्य में अब सभी परीक्षाएं ऑफलाइन कराई जाएं. पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि व्यापम कांड में 50 से ज्यादा लोगों की जान गई थी. इस कांड की कमलनाथ सरकार ने सत्ता में आते ही जांच कराने के आदेश जारी किए थे, लेकिन बीजेपी की सरकार सत्ता में वापस आई तो उन्होंने इस जांच पर रोक लगा दी. आखिर सरकार इस व्यापम कांड की जांच कराना क्यों नहीं चाहती.