भोपाल। आत्म निर्भर मध्यप्रदेश के अपने मिशन के जरिए प्रदेश सरकार हर वर्ग को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा तय कर रही है. इसके लिए सरकार एक विशेष सारक्षता अभियान चलाने जा रही है. नवभारत सारक्षता अभियान नाम से चलाए जाने वाले इस अभियान के लिए सरकार ने 5 साल का रोडमैप भी तैयार कर लिया है. प्रदेश में सारक्षता बढ़ाने के लिए चलाए जा रहे इस विशेष अभियान के लिए एक सर्वे के जरिए 15 साल से अधिक उम्र के ऐसे लोगों को चिन्हित किया गया है जो कभी स्कूल नहीं गए हैं. प्रदेश में ऐसे लोगों की संख्या 1 करोड़ से अधिक है.
1 करोड़ से ज्यादा ऐसे लोग जिन्हें बुनियादी ज्ञान नहीं
सूत्रों के मुताबिक इस विशेष अभियान को नव भारत साक्षरता अभियान नाम दिया गया है. अभियान के जरिए नए भारत और आत्म निर्भर मध्यप्रदेश की दिशा और दशा तय करने के लिए लोगों को साक्षर करने पर जोर दिया जाएगा. सरकार द्वारा कराए गए एक सर्वे के जरिए पता चला है कि मध्यप्रदेश में 1 करोड से ज्यादा ऐसे लोग हैं, जिन्हें शिक्षा का बुनियादी ज्ञान नहीं है. इनकी उम्र 15 साल से ज्यादा है. इस अभियान के जरिए सरकार ऐसे लोगों को औपचारिक शिक्षा देने के लिए नवभारत सारक्षरता कार्यक्रम चलाएगी. इसके लिए 5 साल में 32 लाख लोगों को औपचारिक शिक्षा देने के अभियान में शामिल करने का रोडमैप तैयार कर लिया गया है. कैबिनेट की बैठक में जल्द ही इस प्रस्ताव को पेश किया जएगा.
स्कूल शिक्षा विभाग के अभियान में 5 लाख लोग साक्षर हुए
इससे पहले स्कूल शिक्षा विभाग ने भी साक्षरता अभियान चलाया था. जिसमें 2018 तक 5 लाख लोगों को साक्षर किया जा चुका है. नव भारत साक्षरता अभियान के जरिए सरकार का लक्ष्य अगले 5 साल में 32 लोगों को साक्षर करने का है, जबकि बाकी असाक्षरों को इस नई शिक्षा नीति के तहत 2030 तक साक्षर किया जाएगा. अभियान के लिए 2021-22 के लिए सात करोड़ 41 लाख रुपए की राशि भी स्वीकृत कर दी गई है. 2011 की जनगणना में प्रदेश में असाक्षरों को संख्या 1 करोड़ 74 लाख
कार्यक्रम के संचालन के लिए होगा पोर्टल
इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं की जाएगी. अभियान संचालन के लिए 322 डाटा एंट्री ऑपरेटर आउटसोर्स के माध्यम से रखे जाएंगे. इसके अलावा समग्र शिक्षा अभियान और शिक्षा विभाग में काम कर रहे अमले के अलावा सेवानिवृत्त कर्मचारियों, स्व सहायता समूह, नेहरू युवा केंद्र, जन अभियान परिषद, आजीविका मिशन के समूहों के साथ विद्यार्थियों का भी सहयोग लिया जाएगा. सूत्रों की माने तो डिजिटल इंडिया की ओर बढ़ते भारत में आज लगभग हर किसी के हाथ में मोबाइल पहुंच चुका है. गांवों में भी किसानों को अपनी फसलों की जानकारी, बैंक खातों से ऋण आदि लेने के लिए भी मोबाइल बैंकिंग का उपयोग करना पड़ता है. इसी को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने यह फैसला लिया है कि 15 वर्ष से अधिक उम्र के 1 करोड़ लोगों को साक्षर कर मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा.