भोपाल। एमपी के नए मंत्रिमंडल को लेकर 12 दिनों से बना ऊहापोह खत्म हो गया है. सूत्रों की मानें तो नए मंत्रिमंडल का गठन हो गया है. दिल्ली में हाईकमान ने इस पर अपनी मुहर लगा दी है. आज सोमवार यानि 25 दिसंबर को मंत्रिमंडल की राजभवन में शपथ होगी. बताया जा रहा कि दोपहर साढ़े 3 बजे शपथ का समय निर्धारित किया गया है. आपको बता दें कि एमपी में बीजेपी सरकार को बने 22 दिन हो चुके हैं.
चौंकाने वाला होगा मंत्रिमंडल: जिस तरह से मोदी ने इस बार नए चेहरे को सीएम घोषित किया है. उसी तरह से इस बार का मंत्रिमंडल भी चौंकाने वाला होगा और इसमें नए चेहरों का समावेश ज्यादा होगा. हालांकि ये कहा जा रहा है कि पुराने चेहरों को पार्टी नाराज नहीं करेगी और प्रदेश के बड़े दिग्गजों को कैबिनेट में शामिल किया जाएगा. माना जा रहा है कि प्रदेश में नए चेहरों के साथ अनुभवी नेताओं का तालमेल देखने को मिल सकता है.
3 दिन लगातार चला मंथन: दिल्ली में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर हाईकमान के साथ तीन दिन मंथन चला. सत्ता संगठन के सूत्रों का कहना है कि टीम मोहन के ज्यादातर चेहरों को लेकर सहमति बन गई है. ये लगभग साफ है कि सांसद से विधायक बने नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाएगा.इस बार के मंत्रिमंडल में नए के साथ पुराने चेहरों का समावेश किया गया है.
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संघ के नामों को तवज्जो: सूत्र ऐसा बता रहे हैं कि मंत्रिमंडल में संघ के नामों को लेकर तवज्जो दी गई है. मंत्रियों को लेकर सहमति बन गई है. मोहन यादव आज फिर दिल्ली तलब किए गए थे. आज के सारे कार्यक्रम निरस्त कर मोहन यादव को दिल्ली रुकना पड़ा. बता दें कि मोहन यादव 13 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं. वहीं उनके साथ दो डिप्टी सीएम ने भी शपथ ली थी. अब 12 दिन बाद मोहन का मंत्रिमंडल शपथ लेगा.
कौन कौन ले सकता है शपथ: सूत्रों के मुताबिक फिलहाल मोहन मंत्रिमंडल में 18 से 20 विधायक ही शपथ लेंगे. मंत्रिमंडल के संभावित नामों में सांसद से विधायक बने नेताओं को मौका मिल सकता है. कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल, राकेश सिंह, गोपाल भार्गव, तुलसी सिलावट, प्रद्युम्न तोमर, गायत्री पवार, संजय पाठक, हेमंत खंडेलवाल, इंदर सिंह परमार, विष्णु खत्री, कृष्णा गौर, निर्मला भूरिया, रीति पाठक, नागर सिंह चौहान, शैलेंद्र जैन और नारायण सिंह कुशवाह सहित कुछ नए चेहरों पर विचार किया गया है. पार्टी सूत्रों ने कहा है कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए सीमित विस्तार किया जाएगा. चुनाव के बाद एक बार फिर विस्तार होगा.