भोपाल। देश और विदेश में कई बार आपने दिव्यांगों को क्रिकेट खेलते हुए देखा होगा.बड़े ही हौसले और साहस के साथ वह लोग क्रिकेट खेलते हैं. राजधानी भोपाल में पहली बार दिव्यांग महिला क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किया गया. जिसमें दिव्यांग पुरुषों के साथ साथ महिलाओं की भी टीमें शामिल हुई हैं. यह आयोजन भोपाल के ओल्ड चैंपियन ग्राउंड पर किया जा रहा है.
किसने किया आयोजन: भोपाल में उमंग गौरव दीप वेलफेयर सोसाइटी के द्वारा महिला दिव्यांग क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किया जा रहा है. उमंग नेशनल ट्रॉफी 2023 के नाम से आयोजित इस टूर्नामेंट में चार राज्य महाराष्ट्र, राजस्थान, जम्मू कश्मीर और मध्य प्रदेश की महिला टीम भाग ले रही हैं.
क्या कहना है आयोजक का: इस टूर्नामेंट का आयोजन कर रही संस्था की सदस्य दीप्ति पटवा ने बताया कि उमंग गौरवदीप वेलफेयर सोसाइटी कई सालों से विकलांग लोगों के लिए काम कर रही है. पिछले साल हमने व्हीलचेयर क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किया था लेकिन इस बार हमने दिव्यांग महिला क्रिकेट टूर्नामेंट का भी आयोजन किया है. इसके लिए दिव्यांग क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के माध्यम से हमने यहां टीमे बुलाई हैं इसमें महिलाओं की 4 टीमें और पुरुषों की 6 टीमें शामिल हैं.
दिव्यांग क्रिकेट बोर्ड ऑफ इंडिया की ओर से इस टूर्नामेंट में शामिल गजल खान ने बताया कि यहां जितने भी मैच हो रहे हैं वह दिव्यांग क्रिकेट बोर्ड आफ इंडिया के सौजन्य से हो रहे हैं और इसमें इंटरनेशनल दिव्यांग व्हीलचेयर क्रिकेट के नियमों का पालन किया जा रहा है.
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शिवाजी ने पूरे किए एक हजार रन: राजधानी में चल रहे पुरुष व्हीलचेयर क्रिकेट मुकाबले में महाराष्ट्र की टीम से खेल रहे शिवाजी ने चैंपियन ग्राउंड पर अपने व्यक्तिगत 1000 रन पूरे किए. शिवाजी भारतीय दिव्यांग क्रिकेट टीम का भी हिस्सा रहे हैं.
खुश हुए खिलाड़ी: ईटीवी भारत से बातचीत में जम्मू कश्मीर से पहुंची दिव्यांग महिला टीम ने बताया हम पहली बार अपने राज्य से बाहर निकले हैं और इस बात की हमें काफी खुशी है.हम पहली बार खेलने आए हैं हमने कोई प्रेक्टिस नहीं करी लेकिन एक मैच हम जीत चुके हैं.राजस्थान दिव्यांग महिला टीम की कप्तान संगीता बिश्नोई का एक हाथ और एक पैर नहीं है वह कृत्रिम पैर के साथ क्रिकेट क्रिकेट खेलती हैं.उन्होंने भी अपनी बात ईटीवी भारत से साझा की.