भोपाल। मध्यप्रदेश का विधानसभा सत्र भले ही एक 26 मार्च तक टल गया हो, लेकिन सियासत अभी बरकार है. ये आग तब तक ठंडी नहीं होगी, जब तक फ्लोर टेस्ट नहीं हो जाता है. मध्यप्रदेश की राजनीति में अभी तक कई मोड़ आए, नेता अपने बयानों से सियासत की आग में घी डालते रहे. बीते कई दिनों से सियासी ड्रामे की आग की लपटें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. सोमवार को दिनभर की सियासी हलचल को ईटीवी भारत ने 'MP का सुपहिट दंगल, पार्ट-1' के माध्यम से बताया था.
आइए जानते हैं 'मंगल' को कैसा रहा सियासी 'दंगल'
- मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को 17 मार्च को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराने का निर्देश दिया था, जिसके चलते प्रदेश के राजनीतिक संकट पर कांग्रेस नेताओं ने संयम बरतने की सलाह दी है. इधर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा दायर फ्लोर टेस्ट की याचिका पर 11.30 बजे SC में सुनवाई होनी थी.
- सुबह करीब 9.45 बेंगलुरु में ठहरे सभी सिंधिया समर्थित विधायकों ने प्रेस कांफ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने कहा कि हम बंधक नहीं, स्वेच्छा से आए हैं. सीएम ने छिंदवाड़ा में 13 हजार करोड़ रुपए का काम किया, हमारे क्षेत्र में नहीं किया है. सरकार ने वचन पत्र के वादे पूरे नहीं किए. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को मंत्री और विधायकों से मिलने का टाइम नहीं है, लेकिन दलालों से मिलने का पूरा टाइम है. मध्यप्रदेश में मंत्री और MLA से ज्यादा अधिकारी शक्तिशाली हैं. इस दौरान इमरती देवी में कहा कि हमें सिंधिया ने राजनीति सिखाई है, सिंधिया बोलेंगे तो कुए में भी कूद जाएंगे.
- प्रेस कांफ्रेंस में बिसाहु लाल ने कहा कि सीएम के पास काम के लिए जाओ तो वो सुनते नहीं हैं. आज तक किसी भी आदिवासी को जमीन का पट्टा नहीं मिला है. वहीं उन्होंने कहा कि अगर कोरोना की वजह से विधानसभा का सत्र स्थगित हुआ है तो मंत्रालय की भी छुट्टी की जाए. बिसाहु लाल ने कहा कि उन्होंने बीजेपी जॉइन कर ली है.
- वहीं विधायकों ने राहुल गांधी पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि राहुल भी हमारी बात नहीं सुनते हैं. साथ ही कहा कि मध्य प्रदेश के धार जिले से एक सबसे बड़ा माफिया कांग्रेस पार्टी चला रहा है. हम सभी विधायक उपचुनाव के लिए तैयार हैं. हमारे सीएम प्रदेश के नहीं सिर्फ छिंदवाड़ा के सीएम हैं.
- इसके बाद सुबह 10.30 पर जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने बयान देते हुए कहा कि कांग्रेस के 16 विधायक अगर बेंगलुरु से आ जाते हैं तो आज ही फ्लोर टेस्ट हो जाएगा.
- इस बीच शिवराज सिंह की याचिका पर करीब 11.30 बजे सुप्रीम कोर्ट में दो जजों की बेंच ने सुनवाई शुरु कर दी थी. वहीं कुछ देर बाद खबर आई कि सुनवाई कल तक के लिए टाल दिया गया है. अब बुधवार सुबह 10.30 पर याचिका को लेकर सुनवाई होगी. साथ ही कोर्ट ने 16 बागी विधायकों को पक्षकार बनाते हुए विधानसभा अध्यक्ष और कमलनाथ सरकार को नोटिस जारी किया. इसी बीच बीजेपी के पक्षकार मुकुल रोहतगी ने कहा कि कोर्ट में केस लगे होने के बाद भी मध्यप्रदेश के सीएम और स्पीकर मौजूद नहीं थे.
- इधर करीब 11.50 पर प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक बार फिर राज्यपाल को पत्र लिखते हुए कहा कि मैंने अपने 40 साल के लंबे राजनीतिक जीवन में हमेशा सम्मान और मर्यादा का पालन किया है, आपके द्वारा लिखे गए पत्र को पढ़ने के बाद से दुखी हूं कि मेरे ऊपर संसदीय मर्यादाओं का पालन ना करने का आरोप लगाया गया है. मेरी ऐसी कोई मंशा नहीं थी, फिर भी यदि आपको ऐसा लगता है तो, खेद व्यक्त करता हूं.
- इसी बीच मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सभी विधायकों ने स्पष्ट कर दिया है कि वो अपनी मर्जी से और सरकार के खिलाफ हैं. अब सीएम कमलनाथ को इधर-उधर की बात करने की बजाय फ्लोर टेस्ट कराना होगा. यदि सरकार के पास बहुमत है तो फ्लोर टेस्ट से सरकार क्यों बच रही है. टाइम खींचने और दबाव या प्रलोभन देकर सरकार बचाने का प्रयास करने पर भी सरकार नहीं बच सकती.
- करीब 12.50 पर सुप्रीम कोर्ट के नोटिस पर मंत्री जयवर्धन सिंह ने कहा कि हम फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हैं, सरकार बहुमत सिद्ध कर सकती है. इधर विधानसभा में भी सिंधिया और सुमेर सिंह सोलंकी के नामंकन पर विधानसभा में सुनवाई हो रही थी. जिसमें हाई कोर्ट के वकील एवं पूर्व महाधिवक्ता पुरुषेंद्र कौरव भी विधानसभा में मौजूद थे. इसी दौरान राज्यसभा नामांकन में ज्योतिरादित्य सिंधिया के नामांकन पर कांग्रेस की आपत्ति को पुरुषेंद्र कौरव ने निराधार बताया.
- वहीं करीब 1 बजे सुप्रीम कोर्ट में फ्लोर टेस्ट को लेकर सुनवाई टलने के बाद एक बार फिर सीएम हाउस में बैठकों का दौर शुरु हुआ. जहां दिग्विजय सिंह, अजय सिंह सहित कई दिग्गज मौजूद रहे. वहीं एक बार फिर बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी सीएम कमलनाथ से मिलने के लिए पहुंचे.
- करीब डेढ बजे मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने बयान देते हुए कहा कि कमलनाथ आखिरी मौके पर चमत्कार करते हैं. फ्लोर टेस्ट का इंतजार करो जादू होगा. इसी बीच 1.50 बजे सीएम हाउस में चल रही विधायकों की बैठक खत्म हो गई.
- दोपहर 2.30 बजे पर एक बार फिर पीसी शर्मा ने प्रेस कांफ्रेंस कर बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा कि पूर्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, तुलसीराम सिलावट, इमरती देवी दबाव में बोल रहे हैं.
- करीब 4:30 बजे नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव, वीडी शर्मा और शिवराज सिंह चौहान राज्यपाल लालजी टंडन से मिले. इस दौरान बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि कमलनाथ सरकार में कई अंवैधानिक नियुक्तियां की जा रही हैं. संवैधानिक पदों पर कांग्रेस नेताओं को नियुक्त किया जा रहा है. पीएससी में कांग्रेस नेताओं को सदस्य बनाया गया है. कांग्रेस सरकार जाते-जाते प्रदेश को लूटने का काम कर रही है. बीजेपी के नेताओं ने राज्यपाल से मिलकर इन नियुक्तियों पर रोक लगाने की मांग की है.
- इधर करीब 6 बजे बीजेपी प्रत्याशी सिंधिया और सोलंकी के राज्यसभा नामांकन को लेकर विधानसभा में चल रही सुनवाई खत्म हो गई. जिसमें रिटर्निंग ऑफिसर के पास फैसला सुरक्षित रख लिया गया. बता दें कि सिंधिया और सोलंकी के नामांकन को पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने चुनौती दी थी. एक ओर जहां सोलंकी पर सरकारी पद पर रहते हुए नामांकन दाखिल करने का आरोप था, वहीं सिंधिया पर नामांकन में आपराधिक मामलों की पूरी जानकारी नहीं देने का आरोप था.
- करीब 6.45 मिनट पर रिटर्निंग ऑफिसर अपना फैसला सुनाते हुए कांग्रेस की याचिका को खारिज करते हुए सिंधिया और सोलंकी के नामांकन को वैध बताया. हालांकि, अगर नामांकन रद्द भी होता तो दोनों उम्मीदवारों के पास सुप्रीम कोर्ट जाने का विकल्प था.
- इसी बीच एक बार फिर सीएम हाउस में विधायक दल की बैठक हुई, जिसके चलते विधायकों ने सीएम हाउस का रुख किया.बैठक में हर पल बदलने वाले राजनीतिक हालातों को लेकर चर्चा की गई.
- वहीं करीब 7.45 पर विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि लापता विधायकों को लेकर चिंतित हूं, उन्हें बंधक बनाया गया है. उन्हें सदन में आने नहीं दिया जा रहा है.