भोपाल। जबलपुर में ईओडब्ल्यू ने चार दिन पहले बिशप पीसी सिंह को नागपुर से गिरफ्तार किया था. अभी वह जबलपुर ईओडब्लू की रिमांड पर है. पूछताछ के दौरान उससे चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. ईओडब्ल्यू के पुलिस अधीक्षक देवेंद्र सिंह राजपूत ने बताया कि ईडी ने बिशप पीसी सिंह के संबंध में हमारे कार्यालय से कुछ जानकारी मांगी है. वह अभी हमारी हिरासत में है. हालांकि, उन्होंने ईडी द्वारा मांगी गई जानकारी का विवरण देने से इनकार कर दिया.
छापे में मिली थी बेहिसाब संपत्ति : बता दें कि ईओडब्लू ने जांच के दौरान पाया कि बिशप और उनके परिवार के पास 2 करोड़ रुपये से अधिक की सावधि जमा और 128 बैंक खाते हैं. अदालत ने गुरुवार को सिंह की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी. पिछले हफ्ते, ईओडब्ल्यू ने जबलपुर में बिशप के आवास से भारतीय और विदेशी मुद्राओं में लगभग 1.60 करोड़ रुपये बरामद करने का दावा किया था. सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला, जो उस समय जर्मनी में था. बता दें कि बिशप पीसी सिंह के खिलाफ विभिन्न राज्यों में मामले दर्ज हैं.
बिशप के खिलाफ की केस दर्ज : ईओडब्लू के अधिकारी ने बताया कि ईओडब्ल्यू ने पिछले महीने बिशप के खिलाफ मामला दर्ज किया था. उस पर आरोप है कि 2004-05 और 2011-12 के बीच सोसायटी के विभिन्न संस्थानों द्वारा फीस कथित तौर पर धार्मिक संस्थानों में स्थानांतरित कर दी गई थी, जिसका दुरुपयोग और व्यक्तिगत जरूरतों के लिए खर्च किया गया था. तब बिशप सिंह और पूर्व सहायक रजिस्ट्रार के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 406 (आपराधिक विश्वासघात), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 471 (फर्जी दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड का उपयोग करना) और 120 बी (आपराधिक साजिश के लिए सजा) के तहत फर्म और सोसायटी के तहत बिशप के खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं.