भोपाल। कोरोना संक्रमण के दौर में मेडिकल ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने बड़े फैसले लिए हैं. मध्य प्रदेश सरकार ऑक्सीजन संयंत्र के निवेश पर 50 फीसदी तक की निवेश प्रोत्साहन सहायता देगी. इसके लिए राज्य सरकार ने उद्योग संवर्धन नीति 2014 में संशोधन किया है. इसके तहत न्यूनतम 10 क्यूबिक मीटर प्रतिघंटा ऑक्सीजन उत्पादन के संयंत्र पर पूंजी निवेश पर सरकार सहायता देगी. यह सहायता राशि अधिकतम 75 करोड़ रुपए होगी. इसके अलावा विद्युत टैरिफ पर 1 रुपए प्रति यूनिट की छूट भी दी जाएगी. यह छूट उत्पादन शुरू होने के अगले तीन सालों की लिए दी जाएगी.
अधिकतम 75 करोड़ का अनुदान दिया जाएगा
मध्य प्रदेश में उद्योग विभाग निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए कई तरह के उद्योगों को प्रोत्साहन स्वरूप अनुदान देता है. यह अधोसंरचना, मशीनरी आदि पर होता है. कोरोना महामारी के दौरान ऑक्सीजन की मांग को देखते हुए राज्य सरकार ने अपने स्तर पर जिला अस्पतालों में संयंत्र लगाने का निर्णय लिया है. उधर निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए निवेश प्रोत्साहन नीति में नया प्रावधान किया है. इसके तहत ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र लगाने पर अधिकतम 75 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाएगा साथ ही शासकीय भूमि भी नीति के तहत मिल सकेगी.
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बिजली दर पर 1 रुपए प्रति यूनिट का अनुदान
ऑक्सीजन बनाने के लिए बिजली उद्योगों को मिलने वाली दर पर मिलेगी लेकिन इसपर सरकार एक रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से अनुदान देगी. आदेश के मुताबिक पात्र इकाई जिसकी उत्पादन क्षमता न्यूनतम 10 क्यूबिक मीटर प्रतिघंटा ऑक्सीजन उत्पादन की होगी, तो संयंत्र और भवन में किए गए पूंजी निवेश पर 50 फीसदी की स्थिर दर से मूल निवेश प्रोत्साहन सहायता दी जाएगी. इस सहायता की अधिकतम सीमा 75 करोड़ रुपए होगी.
अस्पताल, नर्सिंग कॉलेज भी ले सकते हैं फायदा
मध्य प्रदेश में ऑक्सीजन उत्पादन करने वाले उद्योग, अस्पताल, नर्सिंग होम भी इस श्रेणी में आएंगे. ऑक्सीजन प्लांट, ऑक्सीजन सिलेंडर, फैब्रिकेटर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और इनके उत्पादन संबंधी अन्य उपकरणों की इकाईयों को स्थापित करने पर सरकार 75 करोड़ रुपए तक की सहायता देगी. इसके लिए छोटी इकाईयों को 3 सालों में 3 किश्तों में राशि मिलेगी, वहीं बड़ी इकाईयों को 5 साल में 5 किश्तों में यह राशि दी जाएगी.