भोपाल। आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के लिए प्रदेश की शिवराज सिंह सरकार ने कृषि क्षेत्र की मदद से प्रदेश में विकास का रोडमैप तैयार किया है. कोरोना वायरस के दौर में सिर्फ कृषि क्षेत्र ही इससे अछूता रहा है. वेबिनार के माध्यम से 4 दिन चले मंथन में तय किया गया है कि प्रदेश में कृषि क्षेत्र में कॉरपोरेट निवेश को प्रोत्साहित किया जाएगा, वहीं मध्यप्रदेश के जिलों के उत्पादों की सरकार ब्रांडिंग करेगी. वेबीनार में आए सुझावों को अंतिम रूप देने के लिए मंत्री समूह गठित किया गया है.
जॉब इन एग्री टू जॉब अराउंड एग्री
4 दिन चले वेबिनार में आर्थिक विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि जिलावार कृषि और उद्यानिकी उत्पादकों को प्रोत्साहन और ब्रांडिंग की व्यवस्था की जाए. जॉब इन एग्री और जॉब अराउंड एग्री के मूल मंत्र को लेकर रोजगार के अवसरों को प्रोत्साहित किया जाएगा.
प्रदेश में उद्यानिकी उत्पादों की मार्केटिंग का विकास किया जाएगा. तय किया गया है कि सिंचाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए इसमें आईटी का उपयोग किया जाए. इसी तरह वन नेशन वन मार्केट के लिए प्रदेश में निजी मार्केट यार्ड और बिक्री केंद्र खोले जाएं. साथ ही कॉमन प्रोसेसिंग केंद्रों का विकास किया जाए. कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए इसमें कॉरपोरेट निवेश को प्रोत्साहित करने पर भी सरकार विचार कर रही है.
उभरते क्षेत्रों के लिए बनेगी नीति
वेबिनार में विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि इलेक्ट्रिक वाहन, रक्षा मेडिकल उपकरण जैसे नए उभरते क्षेत्रों के लिए नीति तैयार करेगी. साथ ही पूर्व एशियाई देशों की मांग के अनुरूप इंडस्ट्रियल टाउनशिप का विकास किया जाएगा.
प्रदेश की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए मध्य प्रदेश में लॉजिस्टिक्स सेक्टर को बढ़ावा दिया जाएगा और सिंगरौली, इंदौर में मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क बनाए जाएंगे. वहीं इंदौर में एयर कार्गो टर्मिनल की क्षमता वृद्धि और भोपाल और ग्वालियर में एयर कार्गो टर्मिनल तैयार करने पर सरकार विचार कर रही है.
बांस और इमारती लकड़ी के उत्पादन में निजी पूंजी निवेश
मध्य प्रदेश के महाकौशल और मालवा क्षेत्र में इमारती लकड़ी और बांस के लिए प्रोसेसिंग चयन सहित विशेष एसईजेड बनाने का सुझाव आया है. साथ ही इस क्षेत्र में निजी पूंजी निवेश को लेकर सरकार आगे बढ़ेगी. वहीं प्रदेश में एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल की स्थापना भी किए जाने पर विचार किया जा रहा है.