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फर्जी राशन कार्ड धारकों के खिलाफ सरकार सख्त, पांच सितंबर से होगा वेरीफिकेशन

फर्जी राशन कार्ड धारकों के खिलाफ सरकार ने कार्रवाई करने का आदेश जारी किया है. जिसके लिए प्रदेश सरकार ने जिला प्रशासन को आदेश जारी कर स्थानीय स्तर पर राशन कार्ड वेरीफिकेशन करने का आदेश दिया है.

वल्लभ भवन
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Published : Sep 4, 2019, 7:07 PM IST

भोपाल। फर्जी राशन कार्ड को निरस्त करने के लिए प्रदेश सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के उपभोक्ताओं के राशन कार्डों के सत्यापन का आदेश जारी किया है. जिसमें संबंधित विभागों की टीमें पांच सितंबर से एक करोड़ 17 लाख पंजीकृत परिवारों का सत्यापन करेगी. जो 29 अक्टूबर तक चलेगी. जिसके लिए शासन ने सभी कलेक्टरों को निर्देश जारी कर दिया है.

फर्जी राशन कार्ड धारकों के खिलाफ सरकार सख्त

सूची में अपात्रों के नाम शामिल होने से स्कीम का लाभ उचित व्यक्ति तक नहीं पहुंच पाता है, जिसके चलते प्रदेश सरकार ने सूची के सत्यापन के लिए विशेष अभियान चलाने का आदेश जारी किया है. जिसके तहत स्थानीय स्तर पर राशन कार्डों के सत्यापन के लिए टीम गठित की जायेगी. टीम की मॉनिटरिंग जिला और प्रदेश स्तर पर होगी. जिसके लिए राज्यस्तर पर एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है.

अपात्र व्यक्ति विलोपन की कार्रवाई के विरुद्ध कलेक्टर को अपना दावा या आपत्ति प्रस्तुत कर सकता है. जिसकी सुनवाई एक निश्चित समय सीमा के अंदर की जाएगी. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत गरीब परिवारों को समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के तहत राशन दिया जाता है. प्रदेश भर में पांच करोड़ 46 लाख हितग्राहियों को एक रुपये प्रति किलोग्राम की दर से गेहूं-चावल उपलब्ध कराया जाता है.

भोपाल। फर्जी राशन कार्ड को निरस्त करने के लिए प्रदेश सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के उपभोक्ताओं के राशन कार्डों के सत्यापन का आदेश जारी किया है. जिसमें संबंधित विभागों की टीमें पांच सितंबर से एक करोड़ 17 लाख पंजीकृत परिवारों का सत्यापन करेगी. जो 29 अक्टूबर तक चलेगी. जिसके लिए शासन ने सभी कलेक्टरों को निर्देश जारी कर दिया है.

फर्जी राशन कार्ड धारकों के खिलाफ सरकार सख्त

सूची में अपात्रों के नाम शामिल होने से स्कीम का लाभ उचित व्यक्ति तक नहीं पहुंच पाता है, जिसके चलते प्रदेश सरकार ने सूची के सत्यापन के लिए विशेष अभियान चलाने का आदेश जारी किया है. जिसके तहत स्थानीय स्तर पर राशन कार्डों के सत्यापन के लिए टीम गठित की जायेगी. टीम की मॉनिटरिंग जिला और प्रदेश स्तर पर होगी. जिसके लिए राज्यस्तर पर एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है.

अपात्र व्यक्ति विलोपन की कार्रवाई के विरुद्ध कलेक्टर को अपना दावा या आपत्ति प्रस्तुत कर सकता है. जिसकी सुनवाई एक निश्चित समय सीमा के अंदर की जाएगी. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत गरीब परिवारों को समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के तहत राशन दिया जाता है. प्रदेश भर में पांच करोड़ 46 लाख हितग्राहियों को एक रुपये प्रति किलोग्राम की दर से गेहूं-चावल उपलब्ध कराया जाता है.

Intro:भोपाल। फर्जी राशन कार्ड को लेकर उठते रहे सवालों के बाद आप सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के उपभोक्ताओं के भौतिक सत्यापन के आदेश जारी कर दिए हैं। विभिन्न विभागों की टीमें 5 सितंबर से पंजीकृत एक करोड़ 17 लाख परिवारों का भौतिक सत्यापन करेंगी। सत्यापन 29 अक्टूबर तक चलेगा। इसके लिए राज्य शासन ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं।


Body:राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत 25 श्रेणी के परिवारों को समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के पोर्टल पर सत्यापन के बाद राशन दिया जाता है। प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली में दर्ज परिवार के पांच करोड़ 46 लाख हितग्राहियों को 1 किलोग्राम की दर से गेहूं और चावल उपलब्ध कराया जाता है। सूची में अपात्र ओं के नाम शामिल होने की शिकायतों पर सत्यापन के लिए विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है। अभियान के तहत प्रत्येक जिले के कलेक्टर द्वारा कृषि, महिला बाल विकास, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, राजस्व उद्यानिकी, श्रम नगरी प्रशासन और आदिम जाति कल्याण विभाग के मैदानी अमले की टीम गठित की जाएगी। टीम 2 सदस्य होगी। एक टीम 200 परिवारों का घर घर जाकर सत्यापन करेगी। ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत और नगरी क्षेत्र में नगर पालिका का एक कर्मचारी टीम का सदस्य होगा। सत्यापन कार्य की जिला और प्रदेश स्तर से मॉनिटरिंग की जाएगी इसके लिए राज्य स्तर पर एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है। अपात्र व्यक्ति विलोपन की कार्रवाई के विरुद्ध कलेक्टर को अपना दावा आपत्ति प्रस्तुत कर सकता है जिसकी सुनवाई समय सीमा में की जाएगी।


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