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Pensioners DA in MP: प्रदेश के साढ़े चार लाख पेंशनर्स को छत्तीसगढ़ सरकार ने दुखी किया, कौन सी मांग अधूरी रखी, जानिए - एमपी पेंशनर्स को जुलाई से मिलेगा डीए

मध्यप्रदेश के पेंशनर्स वासियों छत्तीसगढ़ सरकार ने दुखी किया है. इसकी वजह है कि सीएम शिवराज ने तो पेंशनर्स का डीए बढ़ाने का फैसला जनवरी में कर दिया था, लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार ने इसकी घोषणा जुलाई में की. इसका लाभ पेंशनर को नहीं मिलेगा.

CM Shivarj
सीएम शिवराज
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Published : Aug 5, 2023, 9:06 AM IST

भोपाल। शिवराज सरकार ने प्रदेश के साढ़े चार लाख पेंशनर्स को पांच प्रतिशत महंगाई भत्ता देने का ऐलान किया था. जिसका अब बढ़ा हुआ डीए जल्द मिलेगा. छत्तीसगढ़ सरकार ने जनवरी से नहीं बल्कि जुलाई से महंगाई भत्ता देने की सहमति दी है. छत्तीसगढ़ के वित्त विभाग ने जुलाई 2023 से महंगाई राहत पांच प्रतिशत बढ़ाने की सहमति दी है. जबकि, प्रदेश सरकार ने जनवरी से महंगाई राहत बढ़ाने का निर्णय लिया था, पर इसका लाभ पेंशनर को नहीं मिलेगा.

छत्तीसगढ़ सरकार का पेंच क्यों: दरअसल, राज्य पुनर्गठन अधिनियम की धारा 49 के अंतर्गत महंगाई राहत में वृद्धि करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की सहमति अनिवार्य है. छत्तीसगढ़ के वित्त विभाग ने जुलाई 2023 से महंगाई राहत पांच प्रतिशत बढ़ाने की सहमति दी है. जबकि, प्रदेश सरकार ने जनवरी से महंगाई राहत बढ़ाने का निर्णय लिया था, पर इसका लाभ पेंशनर को नहीं मिलेगा.

पेंशनर्स की मांग पर शिवराज सरकार ने लिया फैसला: शिवराज सरकार ने 27 जनवरी 2023 को कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में चार और पेंशनर की महंगाई राहत में एक जनवरी से पांच प्रतिशत की वृद्धि करने का फैसला लिया था. इसका अनुमोदन 28 फरवरी को कैबिनेट ने किया. एमपी पेंशनर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष गणेश दत्त जोशी ने कहा कि "छत्तीसगढ़ सरकार ने महंगाई राहत बढ़ाने में छह माह का विलंब किया. अब प्रदेश सरकार भी जुलाई से महंगाई राहत बढ़ाएगी. यानी छह माह में जो आर्थिक लाभ पेंशनर को होता, वो नहीं होगा.

प्रदेश में साढ़े सात लाख कर्मचारियों को खुश करने की कवायद: इसके पहले केंद्र के समान मंहगाई भत्ते की मांग कर रहे कर्मचारियों को शिवराज ने तोहफा देकर उन्हें खुश कर दिया था. केंद्र सरकार की तरह मध्यप्रदेश सरकार भी दो बार सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाती है. जनवरी और जुलाई में कर्मचारियों का डीए बढ़ता है. केंद्र सरकार ने कर्मचारियों का डीए बढ़ा दिया है. इसके बाद एमपी सरकार ने डीए बढ़ाने का फैसला किया. इसका सीधा फायदा प्रदेश के साढ़े सात लाख कर्मियों को हुआ. केंद्र की तरह एमपी में भी कर्मचारियों का डीए 42 फीसदी हो गया है. इससे कर्मियों के वेतन में 1600 से लेकर 6000 रुपए तक की बढ़ोतरी हो गई है.

यहां पढ़ें...

संविदा कर्मचारियों को भी शिवराज ने खुश किया: संविदा कर्मचारियों को भी चुनाव के पहले खुश कर दिया गया है. मुख्यमंत्री ने सभी संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों की तरह ही नेशनल पेंशन स्कीम का लाभ देने का फैसला किया है. साथ ही संविदा कर्मचारियों को स्वास्थ्य बीमा का लाभ भी देने का ऐलान किया है. इन्हें समान अवकाश की पूरी सुविधा मिलेगी. विशेषकर मातृत्व अवकाश में संविदा कर्मचारी बेटियों को नियमित कर्मचारी की तरह मिलेगा.

भोपाल। शिवराज सरकार ने प्रदेश के साढ़े चार लाख पेंशनर्स को पांच प्रतिशत महंगाई भत्ता देने का ऐलान किया था. जिसका अब बढ़ा हुआ डीए जल्द मिलेगा. छत्तीसगढ़ सरकार ने जनवरी से नहीं बल्कि जुलाई से महंगाई भत्ता देने की सहमति दी है. छत्तीसगढ़ के वित्त विभाग ने जुलाई 2023 से महंगाई राहत पांच प्रतिशत बढ़ाने की सहमति दी है. जबकि, प्रदेश सरकार ने जनवरी से महंगाई राहत बढ़ाने का निर्णय लिया था, पर इसका लाभ पेंशनर को नहीं मिलेगा.

छत्तीसगढ़ सरकार का पेंच क्यों: दरअसल, राज्य पुनर्गठन अधिनियम की धारा 49 के अंतर्गत महंगाई राहत में वृद्धि करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की सहमति अनिवार्य है. छत्तीसगढ़ के वित्त विभाग ने जुलाई 2023 से महंगाई राहत पांच प्रतिशत बढ़ाने की सहमति दी है. जबकि, प्रदेश सरकार ने जनवरी से महंगाई राहत बढ़ाने का निर्णय लिया था, पर इसका लाभ पेंशनर को नहीं मिलेगा.

पेंशनर्स की मांग पर शिवराज सरकार ने लिया फैसला: शिवराज सरकार ने 27 जनवरी 2023 को कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में चार और पेंशनर की महंगाई राहत में एक जनवरी से पांच प्रतिशत की वृद्धि करने का फैसला लिया था. इसका अनुमोदन 28 फरवरी को कैबिनेट ने किया. एमपी पेंशनर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष गणेश दत्त जोशी ने कहा कि "छत्तीसगढ़ सरकार ने महंगाई राहत बढ़ाने में छह माह का विलंब किया. अब प्रदेश सरकार भी जुलाई से महंगाई राहत बढ़ाएगी. यानी छह माह में जो आर्थिक लाभ पेंशनर को होता, वो नहीं होगा.

प्रदेश में साढ़े सात लाख कर्मचारियों को खुश करने की कवायद: इसके पहले केंद्र के समान मंहगाई भत्ते की मांग कर रहे कर्मचारियों को शिवराज ने तोहफा देकर उन्हें खुश कर दिया था. केंद्र सरकार की तरह मध्यप्रदेश सरकार भी दो बार सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाती है. जनवरी और जुलाई में कर्मचारियों का डीए बढ़ता है. केंद्र सरकार ने कर्मचारियों का डीए बढ़ा दिया है. इसके बाद एमपी सरकार ने डीए बढ़ाने का फैसला किया. इसका सीधा फायदा प्रदेश के साढ़े सात लाख कर्मियों को हुआ. केंद्र की तरह एमपी में भी कर्मचारियों का डीए 42 फीसदी हो गया है. इससे कर्मियों के वेतन में 1600 से लेकर 6000 रुपए तक की बढ़ोतरी हो गई है.

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संविदा कर्मचारियों को भी शिवराज ने खुश किया: संविदा कर्मचारियों को भी चुनाव के पहले खुश कर दिया गया है. मुख्यमंत्री ने सभी संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों की तरह ही नेशनल पेंशन स्कीम का लाभ देने का फैसला किया है. साथ ही संविदा कर्मचारियों को स्वास्थ्य बीमा का लाभ भी देने का ऐलान किया है. इन्हें समान अवकाश की पूरी सुविधा मिलेगी. विशेषकर मातृत्व अवकाश में संविदा कर्मचारी बेटियों को नियमित कर्मचारी की तरह मिलेगा.

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