भोपाल। मध्यप्रदेश में मामा की थाली पर सरकार कंफ्यूज हो गई है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में प्रदेश में संचालित दीनदयाल रसोई योजना में नीचे मामा की रसोई जोड़ने पर चर्चा हुई. सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने इसकी जानकारी सांझा की, लेकिन कुछ ही समय बाद मुख्यमंत्री ने योजना के नाम में किसी तरह के बदलाव से इंकार कर दिया. उधर इसको लेकर कांग्रेस हमलावर है. कांग्रेस मीडिया प्रभारी केके मिश्रा ने आरोप लगाया कि अब शिवराज अकेले खाएंगे तो फिर मामा की थाली कौन खा सकता है. सुना है कैबिनेट में इस मुद्दे पर सर्वानुमति नहीं बन पाई.
क्या है मामा की थाली: दरअसल मध्यप्रदेश में दीनदयाल रसोई योजना के तहत प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में गरीबों को 10 रुपए में खाने की थाली दी जाती है. कैबिनेट की बैठक के सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि नगर निगम के साथ नगर पालिका स्तर तक दीनदयाल रसोई योजना संचालित की जाएगी. इसमें खाने के लिए पहले 10 रुपए निर्धारित थे, जिसे घटाकर 5 रुपए किया जाएगा. इसके अलावा योजना के नाम के साथ मामा की थाली भी जोड़ा जाएगा. इसमें दीनदयाल रसोई योजना नाम तो रहेगा, लेकिन नीचे मामा की थाली जोड़ा जाएगा. इसके कुछ मिनिट बाद ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बयान जारी कर नाम में बदलाव करने से इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि दीनदयाल रसोई दीनदयाल रसोई ही रहेगी. इसमें कोई परिवर्तन नहीं होगा. प्रस्ताव था, लेकिन परिवर्तन का कोई सवाल ही नहीं है.
उधर थाली पर कांग्रेस ने साधा निशाना: उधर इस मामले ने कांग्रेस को एक बार फिर सीएम शिवराज पर निशाना साधने का मौका दे दिया. कांग्रेस मीडिया प्रभारी केके मिश्रा ने आरोप लगाया कि मामा की रसोई का प्रस्ताव आया था, लेकिन सुना है कैबिनेट में इस पर सर्वानुमति नहीं बन पाई. 'वैसे भी शिवराज जी अकेले ही खाएंगे, तो फिर मामा की थाली कौन खा सकता है'.
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कांग्रेस ने गिनाए सब्जी के दाम: कांग्रेस ने सरकार को महंगी हो रही खाने की थाली के दाम को लेकर भी सवाल उठाए. केके मिश्रा ने सवाल उठाया कि महंगाई डायन खाए जात... के गीत बजाने वाली बीजेपी के लिए यह महंगाई अब डार्लिंग क्यों बन गई है. पीएम मोदी ने एक दिन पहले कहा कि बीजेपी राज्यों में पेट्रोल 100 रुपए से ज्यादा नहीं है, लेकिन प्रदेश में पेट्रोल से महंगा टमाटर है, यह 120 रुपए किलो बिक रहा है. अदरक, लहसुन 240 रुपए, गोभी 120, पत्ता गोभी और गिलकी 80 रुपए किलो बिक रही है. तुअर के दाम जो 120 रुप्ए थी, उसके दाम एक माह में 170 रुपए किलो पहुंच चुके हैं.