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प्रदेश सरकार ने श्रमिकों का करवाया सर्वे, हुनर के हिसाब से रोजगार दिलाने की तैयारी

मध्यप्रदेश सरकार श्रमिकों को हुनर के हिसाब से रोजगार उपलब्ध कराने की सोच रही है. सरकार ने इसके लिए प्रदेश लौटे श्रमिकों का एक सर्वे करवाया है.

mp government conducted a serve of labourers to provide them employment according to skills
प्रदेश सरकार ने श्रमिकों का करवाया सर्वे,
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Published : Jun 9, 2020, 6:12 PM IST

भोपाल। लॉक डाउन के बाद मध्यप्रदेश वापस लौटे मजदूरों में 12 हजार से ज्यादा ऐसे लोग हैं, जो दूसरे राज्य में प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड के रूप में काम करते थे. वहीं करीब 37 हज़ार मजदूर टाइल्स निर्माण से जुड़े हुए थे. इसका खुलासा राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण स्तर पर कराए गए सर्वे से हुआ है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर मध्यप्रदेश लौटे प्रवासी मजदूरों के बीच यह सर्वे 27 मई से 6 जून के बीच में कराया गया. श्रमिकों के हुनर के हिसाब से उनका पूरा डेटाबेस तैयार किया गया है जिसे रोजगार सेतु पोर्टल से जोड़ा जा रहा है.

किस-किस राज्य से प्रदेश लौटे प्रवासी मजदूर

लॉक डाउन के बाद दूसरे राज्यों से बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर मध्यप्रदेश लौटे हैं. ऐसे वापस लौटने वाले श्रमिकों की संख्या करीब 13 लाख है. इनमें सबसे ज्यादा श्रमिक एक लाख 94 हजार महाराष्ट्र से लौटे हैं. वहीं गुजरात से 1 लाख 76 हजार 458 मजदूर मध्यप्रदेश वापस लौटे हैं. इसी तरह राजस्थान से 78 हजार, हरियाणा से 51 हजार, दिल्ली से 57 हजार, उत्तर प्रदेश के 43 हजार मजदूर मध्यप्रदेश आए हैं. वापस लौटने वाले श्रमिकों में सबसे ज्यादा बालाघाट जिले के हैं, यहां 57 हजार 817 श्रमिक वापस आए हैं. वहीं बुंदेलखंड के छतरपुर जिले में 48 हज़ार 862, टीकमगढ़ में 24,365, पन्ना में 26 हजार 991 मुरैना में 47 हज़ार, सिवनी जिले में 25 हजार 806 श्रमिक वापस आए हैं.

किस रोजगार से जुड़े कितने श्रमिक

  • निजी सुरक्षा गार्ड - 12 हज़ार 629
  • ईंट और टाइल्स निर्माण - 37 हज़ार 805
  • पेंटिंग से जुड़े कार्य - 6 हज़ार 302
  • गारमेंट उद्योग - 9 हज़ार 464
  • प्लास्टिक और रसायन - 8 हज़ार 252
  • लुहार- बढ़ई - 27 हज़ार 721
  • भवन निर्माण में मजदूरी - 1 लाख 76 हज़ार
  • हॉकर्स कार्नर - 10 हज़ार 284

सर्वे में 13 लाख श्रमिक चिन्हित किए गए

मध्यप्रदेश लौटे श्रमिकों को उनके हुनर के हिसाब से रोजगार उपलब्ध कराने के लिए राज्य शासन द्वारा ग्राम पंचायत स्तर पर सर्वे कराया गया. सर्वे में मध्य प्रदेश लौटे श्रमिक और उनके परिजन मिलाकर कुल 13 लाख 10 हजार चिन्हित किए गए हैं. प्रदेश सरकार द्वारा इन मजदूरों को मनरेगा के तहत रोजगार उपलब्ध करायेगी. साथ ही सर्वे के बाद इन श्रमिकों का डाटा रोजगार सेतु पोर्टल पर अपडेट कराया जा रहा है ताकि पोर्टल के माध्यम से इन श्रमिकों को उनके कौशल के हिसाब से औद्योगिक क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराया जा सके.

भोपाल। लॉक डाउन के बाद मध्यप्रदेश वापस लौटे मजदूरों में 12 हजार से ज्यादा ऐसे लोग हैं, जो दूसरे राज्य में प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड के रूप में काम करते थे. वहीं करीब 37 हज़ार मजदूर टाइल्स निर्माण से जुड़े हुए थे. इसका खुलासा राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण स्तर पर कराए गए सर्वे से हुआ है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर मध्यप्रदेश लौटे प्रवासी मजदूरों के बीच यह सर्वे 27 मई से 6 जून के बीच में कराया गया. श्रमिकों के हुनर के हिसाब से उनका पूरा डेटाबेस तैयार किया गया है जिसे रोजगार सेतु पोर्टल से जोड़ा जा रहा है.

किस-किस राज्य से प्रदेश लौटे प्रवासी मजदूर

लॉक डाउन के बाद दूसरे राज्यों से बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर मध्यप्रदेश लौटे हैं. ऐसे वापस लौटने वाले श्रमिकों की संख्या करीब 13 लाख है. इनमें सबसे ज्यादा श्रमिक एक लाख 94 हजार महाराष्ट्र से लौटे हैं. वहीं गुजरात से 1 लाख 76 हजार 458 मजदूर मध्यप्रदेश वापस लौटे हैं. इसी तरह राजस्थान से 78 हजार, हरियाणा से 51 हजार, दिल्ली से 57 हजार, उत्तर प्रदेश के 43 हजार मजदूर मध्यप्रदेश आए हैं. वापस लौटने वाले श्रमिकों में सबसे ज्यादा बालाघाट जिले के हैं, यहां 57 हजार 817 श्रमिक वापस आए हैं. वहीं बुंदेलखंड के छतरपुर जिले में 48 हज़ार 862, टीकमगढ़ में 24,365, पन्ना में 26 हजार 991 मुरैना में 47 हज़ार, सिवनी जिले में 25 हजार 806 श्रमिक वापस आए हैं.

किस रोजगार से जुड़े कितने श्रमिक

  • निजी सुरक्षा गार्ड - 12 हज़ार 629
  • ईंट और टाइल्स निर्माण - 37 हज़ार 805
  • पेंटिंग से जुड़े कार्य - 6 हज़ार 302
  • गारमेंट उद्योग - 9 हज़ार 464
  • प्लास्टिक और रसायन - 8 हज़ार 252
  • लुहार- बढ़ई - 27 हज़ार 721
  • भवन निर्माण में मजदूरी - 1 लाख 76 हज़ार
  • हॉकर्स कार्नर - 10 हज़ार 284

सर्वे में 13 लाख श्रमिक चिन्हित किए गए

मध्यप्रदेश लौटे श्रमिकों को उनके हुनर के हिसाब से रोजगार उपलब्ध कराने के लिए राज्य शासन द्वारा ग्राम पंचायत स्तर पर सर्वे कराया गया. सर्वे में मध्य प्रदेश लौटे श्रमिक और उनके परिजन मिलाकर कुल 13 लाख 10 हजार चिन्हित किए गए हैं. प्रदेश सरकार द्वारा इन मजदूरों को मनरेगा के तहत रोजगार उपलब्ध करायेगी. साथ ही सर्वे के बाद इन श्रमिकों का डाटा रोजगार सेतु पोर्टल पर अपडेट कराया जा रहा है ताकि पोर्टल के माध्यम से इन श्रमिकों को उनके कौशल के हिसाब से औद्योगिक क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराया जा सके.

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