भोपाल। बजट के पहले प्रदेश की शिवराज सरकार एक बार फिर 3 हजार करोड़ का बाजार से उधार लेने जा रही है. राज्य सरकार यह कर्ज 15 साल के लिए लेने जा रही है. साल 2023 में राज्य सरकार चौथी बार बाजार से कर्ज लेने जा रही है. इस साल अभी तक सरकार 8 हजार करोड़ रुपए का ऋण लिया जा चुका है, जो इसको मिलाकर 11 हजार करोड़ हो जाएगा.
15 साल में होगा कर्ज का भुगतान: राज्य सरकार ने 3 हजार करोड़ का कर्ज अगले 15 सालों में चुकाएगी. कर्ज के लिए राज्य सरकार अपनी सिक्योरिटीज को रिजर्व बैंक के माध्यम से नीलाम करेगी. इसकी नीलामी 21 फरवरी को रिजर्व बैंक के ई कुबेर सिस्टम के माध्यम से होगी. 22 फरवरी को नीलामी की यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. कर्ज मिलने के लिए राज्य सरकार को निश्चित ब्याज के साथ 22 फरवरी 2038 तक इसका भुगतान करना होगा.
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कब-कब लिया कर्जा:
- 13 फरवरी को भी राज्य सरकार ने 3 हजार करोड़ का कर्ज बाजार से उठाया था. यह कर्ज सरकार ने 11 साल के लिए लिया था.
- 7 फरवरी को राज्य सरकार ने 3 हजार करोड़ का कर्ज बाजार से लिया था. यह कर्ज सरकार ने 10 साल के लिए लिया था.
- 31 जनवरी को राज्य सरकार ने 2 हजार करोड़ रुपए का ऋण लिया था. यह कर्ज 15 साल के लिए लिया गया था.
बहुत भारी है कर्ज का भार: मध्यप्रदेश पर कर्ज का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है. 31 मार्च 2022 की स्थिति में प्रदेश पर कर्ज बढ़कर 2 लाख 95 हजार 532 करोड़ का कर्ज दिखाया गया था.
- राज्य सरकार ने पिछले साल फरवरी से दिसंबर माह तक बाजार से 18 हजार करोड़ का लोन लिया है.
- नए साल में सरकार 11 हजार करोड़ कर्ज ले चुकी है. इस तरह कुल मिलाकर कर्ज बढ़कर 3 लाख 24 हजार करोड़ से ज्यादा का पहुंच चुका है.
कैसे लिया कर्ज: राज्य सरकार ने यह कर्ज कैसे लिया है यह भी समझ लीजिए. जो कर्ज लिया गया है, उसमें 1 लाख 74 हजार 373 करोड़ लोन सरकार ने मार्केट से उठाया है. 7360 करोड़ बॉड से, 12 हजार 158 करोड़ का लोन वित्तीय संस्थाओं से, 44 हजार 675 करोड़ लोन केन्द्र सरकार का, 22 हजार 208 करोड़ की अन्य देन दानी और 34 हजार 756 करोड़ रुपए सरकार ने केन्द्र सरकार से नेशनल स्मॉल सेविंग फंड के रूप में लिया है.