भोपाल। चुनावी साल में साध्वियों ने शिवराज सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी है. ताजा मामला भोपाल जिले की सबसे बड़ी गौशाला को लेकर है. जिसका संचालन विश्व हिंदू परिषद कर रहा है. साध्वी प्रज्ञा सिंह ने भोपाल की जीवदया गौशाला के साथ सरकार द्वारा संचालित गौशालाओं के हालातों पर सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है. सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने प्रदेश की गौशालाओं के हालातों पर सीएम शिवराज सिंह को पत्र लिखा है.
साध्वी प्रज्ञा ने लिखा सीएम को पत्र: विवादों में रहने वाली साध्वी प्रज्ञा सिंह के निशाने पर कोई और नहीं बल्कि खुद शिवराज सरकार हैं. प्रदेश की गौशालाओं के हालातों पर सीएम शिवराज सिंह को पत्र लिखते हुए साध्वी प्रज्ञा ने लिखा कि भोपाल में संचालित जीवदया गौशाला में अव्यवस्थाओं की शिकायत लगातार प्राप्त हो रही है. गौशाला में मौजूद गौवंश की संख्या आवंटित भूमि के अनुपात में नियम विरुद्ध है. साध्वी प्रज्ञा सिंह ने सीएम को लिखा कि केंद्र और राज्य सरकार की संचालित योजनाओं के बावजूद भोपाल में गौवंश की स्थिति चिंताजनक और कष्टदायक है. इतना ही नहीं साध्वी ने सरकार को बताया कि जीवदया गौशाला संचालक की पूर्व में भी कई शिकायतें गौ तस्करी और उनका चमड़ा निकालकर बेचने की मिली है.
अब विवाद में फंसी सांडों की नसबंदी, साध्वी प्रज्ञा बोलीं- खत्म हो जाएगी गाय की नस्ल
गौशालाओं की जांच की जाए: साध्वी ने शिवराज सरकार से मांग की है कि प्रदेश भर की गौशालाओं के कार्यकलापों की बारीक जांच हो और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाए. राजधानी की सबसे बड़ी गौशाला से एक साल में दो हजार से ज्यादा गाय लापता हैं. नगर निगम और पशु पालन विभाग का सरकारी रिकॉर्ड यही बता रहा है. दरअसल, निगम शहर से जो भी गाय पकड़ता है, उनमें से ज्यादातर को बरखेड़ी अबदुल्ला गांव की जीवदया गौशाला भेज देता है. गौशाला में जनवरी 2022 में 1961 गाय थीं. मामले के तूल पकड़ते ही गौसंवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष अखिलेशानंद भी गौशाला का निरीक्षण करने पहुंच गए, लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि उनके सामने ही गायों की मौत हुई. सामने ही चार से पांच बछड़ों ने दम तोड़ दिया, लेकिन महोदय ने गाय की मौतों के लिए नगर निगम और किसानों को जिम्मेदार माना.
बीजेपी नेत्री पर दर्ज हुआ केस: भोपाल के नजदीक बैरसिया में एक महिला बीजेपी नेत्री की गौशाला में 100 से ज्यादा गायों की मौत हो गयी. इस गौशाला में 500 गाय थीं. कुएं में 20 गायों के शव और मैदान में 80 से ज्यादा गायों के शव और कंकाल पड़े मिले थे. उसके बाद बीजेपी नेत्री पर पुलिस ने केस दर्ज किया और प्रशासन ने गौशाला का संचालन अपने हाथ में ले लिया था. इसके बाद अब भोपाल में गौशाला पर सवाल खड़े हो गए हैं. आपको बता दें कि भोपाल की गौशाल का संचालन विश्व हिंदू परिषद की देखरेख में चल रहा था.
Bhopal IISER: चार भारतीय देसी नस्ल की गायों के ड्राफ्ट जीनोम का खुलासा, 6 शोधकर्ताओं को मिली सफलता
मुख्यमंत्री गौसेवा योजना: मध्य प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री गौसेवा योजना शुरू की है. इस योजना में 960 गौशालाओं का निर्माण किया जा चुका है. इस पर कुल 256.77 करोड़ रुपए खर्च किए गए. प्रदेश सरकार प्रति गाय 20 रुपए खर्च कर रही है. 2021-22 में कुल 81 करोड़ खर्च किए गए .