भोपाल। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सदन में कहा कि साइबर अपराधों में कमी लाने और जटिल मामलों की विवेचना के लिए अगले 3 माह में साइबर एक्सपर्ट की नियुक्ति कर दी जाएगी. बीजेपी विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने विधानसभा में सवाल पूछा था कि 1 जनवरी 2018 से अब तक प्रतिवर्ष कितने साइबर अपराध घटित हुए हैं और इसके जरिए लोगों को कितनी राशि ठगी गई. जवाब में सरकार ने बताया कि मध्यप्रदेश में साल 2018-19 से लेकर इस साल फरवरी माह तक प्रदेशभर में कुल 1740 साइबर अपराध के मामले पंजीबद्ध किए गए. कोरोना काल के दौरान जब आम आदमी बेहद परेशान था. उस दौर में भी जालसाजों ने लोगों से ऑनलाइन ठगी की. कोरोना काल के 2 साल के दौरान लोगों से 29 करोड़ की ऑनलाइन ठगी हुई.
विधानसभा में दी गई जानकारी :
- साल 2018-19 के बीच साइबर अपराध के 237 मामले पंजीबद्ध हुए.
- साल 2019 -20 के बीच 315 साइबर अपराध के मामले पंजीबद्ध किए गए.
- साल 2020- 21 के बीच 367 मामले साइबर अपराधों से जुड़े पंजीबद्ध हुए.
- साल 2021 -22 में 436 प्रकरण साइबर फ्रॉड के मामलों में दर्ज किए गए
- साल 2022- 23 में साइबर फ्रॉड से जुड़े 353 प्रकरण पंजीबद्ध किए गए
- इस साल 7 फरवरी तक प्रदेश भर में 32 साइबर फ्रॉड से जुड़े मामले दर्ज हुए.
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लोगों को लगातार कर रहे हैं जागरूक : गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने प्रदेश में साइबर अपराधों के बढ़ते मामलों को लेकर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि पिछले सालों में प्रदेश में करीब 10 लाख 71 हजार लोगों को साइबर अपराधों को लेकर जागरूक किया गया है. इसको लेकर लगातार कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. साइबर अपराधों पर लगाम लगाने के लिए साइबर थानों पर बेसिक फॉरेंसिक लैब और साइबर मुख्यालय पर एडवांस साइबर फॉरेंसिक लैब की स्थापना की जा रही है. साइबर फ्रॉड से जुड़े गंभीर मामलों की विवेचना के लिए अगले 3 माह में साइबर एक्सपर्ट की भी नियुक्ति कर दी जाएगी.