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रोजगार सहायकों की 'मामा-मामी दर्शन' यात्रा पहुंची भोपाल, पैरों में पड़े छाले दिखा बोले CM साहब दे दो बस ये उपहार

प्रदेश में रोजगार सहायक अपनी मांगों को लेकर लंबे समय से हड़ताल पर हैं. इस बीच 12 दिनों से पैदल मार्च करते हुए नरसिंहपुर से रोजगार सहायक भोपाल पहुंचे. यहां उन्होंने अपनी सैलरी का दर्द बयां करते हुए मामा से वेतन वृद्धि का निवेदन किया है.

rojgar sahayak demand from shivraj government
मध्यप्रदेश के रोजगार सहायक हड़ताल पर
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Published : Apr 6, 2023, 12:18 PM IST

नरसिंहपुर से पैदल चलकर भोपाल पहुंचे रोजगार सहायक

भोपाल। मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले से कई रोजगार सहायक पैदल मार्च करते हुए बुधवार को राजधानी भोपाल पहुंचे. वे सभी पैदल 24 मार्च को नरसिंहपुर से निकले थे और 270 किलोमीटर से अधिक का सफर तय कर भोपाल पहुंचे हैं. रोजगार सहायकों ने 12 दिनों में पैदल मार्च के जरिए सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय किया है. इसकी वजह से इनके पैरों में बड़े-बड़े छाले हो गए हैं. ये रोजगार सहायक पिछले कई सालों से अपने वेतनमान, नियमितीकरण और अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी कड़ी में उन्होंने ये यात्रा निकाली. उन्होंने इस यात्रा का नाम 'मामा-मामी दर्शन' संकल्प यात्रा रखा है. भोपाल पहुंचे इन रोजगार सहायकों ने अपने छाले दिखाते हुए ईटीवी भारत से अपने दुख को बयां किया. उनका कहना है कि वह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अपना वादा याद दिलाने के लिए उनसे मिलने आए हैं. यहां अंबेडकर पार्क में टेंट लगाकर सभी रोजगार सहायक बैठ गए हैं.

सीएम शिवराज से किया ये निवेदन: कई सालों से रोजगार सहायकों द्वारा संघर्ष करने के बावजूद भी उन्हें 9 हजार रुपए की सैलरी में ही परिवार का भरण-पोषण करना पड़ रहा है. ऐसे में अपना और अपने परिवार के गुजारा करने को लेकर पैरों के छाले दिखाते हुए उन्होंने मामा शिवराज से निवेदन किया है. उन्होंने कहा कि पैरों में पड़ रहे छाले के दर्द तो हम सह लेंगे लेकिन जो कम सैलरी का दर्द है उससे कैसे निपटेंगे.

mama mami sankalp yatra narsinghpur
एमपी रोजगार सहायक पैदल मार्च कर भोपाल पहुंचे

एमपी से जुड़ी खबरें यहां पढ़ें...

टेंट लगाकर सड़क पर बैठे रोजगार सहायक: महिला कर्मचारी अपने छोटे-छोटे बच्चों को लेकर इस यात्रा में शामिल होकर भोपाल पहुंची हैं. उनका कहना है कि घर पर कोई ज्यादा सदस्य नहीं है ऐसे में छोटे बच्चों को कहां छोड़ कर आएं. मामा जी इन भांजे-भांजी की सुध ले लें तो ज्यादा अच्छा है क्योंकि 9 हजार रुपए में गुजारा अब नहीं हो सकता है. यह सभी भांजे-भांजी मामा को अपना संकल्प याद दिलाने के लिए अब अंबेडकर पार्क में ही बैठ गए हैं. इनका कहना है कि जब तक मामा इनसे मिलने नहीं आते वे यहीं बैठे रहेंगे. फिलहाल भोजन के लिए इन्होंने पंडाल लगाकर व्यवस्था कर ली है. इनका कहना है कि मामा संकल्प पूरा करें और वे यहां से खुशी-खुशी जाएं.

नरसिंहपुर से पैदल चलकर भोपाल पहुंचे रोजगार सहायक

भोपाल। मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले से कई रोजगार सहायक पैदल मार्च करते हुए बुधवार को राजधानी भोपाल पहुंचे. वे सभी पैदल 24 मार्च को नरसिंहपुर से निकले थे और 270 किलोमीटर से अधिक का सफर तय कर भोपाल पहुंचे हैं. रोजगार सहायकों ने 12 दिनों में पैदल मार्च के जरिए सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय किया है. इसकी वजह से इनके पैरों में बड़े-बड़े छाले हो गए हैं. ये रोजगार सहायक पिछले कई सालों से अपने वेतनमान, नियमितीकरण और अन्य मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी कड़ी में उन्होंने ये यात्रा निकाली. उन्होंने इस यात्रा का नाम 'मामा-मामी दर्शन' संकल्प यात्रा रखा है. भोपाल पहुंचे इन रोजगार सहायकों ने अपने छाले दिखाते हुए ईटीवी भारत से अपने दुख को बयां किया. उनका कहना है कि वह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अपना वादा याद दिलाने के लिए उनसे मिलने आए हैं. यहां अंबेडकर पार्क में टेंट लगाकर सभी रोजगार सहायक बैठ गए हैं.

सीएम शिवराज से किया ये निवेदन: कई सालों से रोजगार सहायकों द्वारा संघर्ष करने के बावजूद भी उन्हें 9 हजार रुपए की सैलरी में ही परिवार का भरण-पोषण करना पड़ रहा है. ऐसे में अपना और अपने परिवार के गुजारा करने को लेकर पैरों के छाले दिखाते हुए उन्होंने मामा शिवराज से निवेदन किया है. उन्होंने कहा कि पैरों में पड़ रहे छाले के दर्द तो हम सह लेंगे लेकिन जो कम सैलरी का दर्द है उससे कैसे निपटेंगे.

mama mami sankalp yatra narsinghpur
एमपी रोजगार सहायक पैदल मार्च कर भोपाल पहुंचे

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टेंट लगाकर सड़क पर बैठे रोजगार सहायक: महिला कर्मचारी अपने छोटे-छोटे बच्चों को लेकर इस यात्रा में शामिल होकर भोपाल पहुंची हैं. उनका कहना है कि घर पर कोई ज्यादा सदस्य नहीं है ऐसे में छोटे बच्चों को कहां छोड़ कर आएं. मामा जी इन भांजे-भांजी की सुध ले लें तो ज्यादा अच्छा है क्योंकि 9 हजार रुपए में गुजारा अब नहीं हो सकता है. यह सभी भांजे-भांजी मामा को अपना संकल्प याद दिलाने के लिए अब अंबेडकर पार्क में ही बैठ गए हैं. इनका कहना है कि जब तक मामा इनसे मिलने नहीं आते वे यहीं बैठे रहेंगे. फिलहाल भोजन के लिए इन्होंने पंडाल लगाकर व्यवस्था कर ली है. इनका कहना है कि मामा संकल्प पूरा करें और वे यहां से खुशी-खुशी जाएं.

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