भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले बीजेपी और कांग्रेस ने अपने नेताओं को जिम्मेदारियां सौंपकर मैदान में उतार दिया है. कांग्रेस ने कांतिलाल भूरिया को चुनाव अभियान समिति की कमान सौंपकर साफ कर दिया है कि वह आदिवासी चेहरे के साथ चुनाव लड़ेगी. इसके जरिए कांग्रेस प्रदेश के 2 करोड़ आदिवासियों और 230 में से 47 आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित विधानसभा सीटों को साधने की कोशिश करेगी. कांग्रेस की रणनीति साल 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी के साथ आए आदिवासी वोट बैंक को आगामी चुनाव में और मजबूत करने की है. कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनाव में 47 विधानसभा सीटों में से 30 आदिवासी सीटें जीतकर सत्ता की सीढ़ी चढ़ी थी. बता दें कि कांतिलाल भूरिया कांग्रेस के तीन बड़े नेताओं के बीच मान्य भी समझे जाते हैं.
ये है कांग्रेस चुनाव अभियान समिति : ऑल इंडिया कांग्रेस ने मध्यप्रदेश के लिए चुनाव अभियान समिति में पूर्व केन्द्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया को अध्यक्ष बनाया है. इसके अलावा इसमें कमलनाथ, डॉ. गोविंद सिंह, दिग्विजय सिंह, सुरेश पचौरी, अरुण यादव, अजय सिंह राहुल, विवेक तन्खा, राजमणि पटेल, नकुल नाथ, सज्जन सिंह वर्मा, एनपी प्रजापति, केपी सिंह कक्काजू, लक्ष्मण सिंह, बाला बच्चन, तरूण भनोट, ओंमकार सिंह मरकाम, विजयलक्ष्मी साधौ, राजेन्द्र सिंह, हिना कांवरे, लाखन सिंह यादव, सुखदेव पांसे, जीतू पटवारी, कमलेश्वर पटेल, सुरेन्द्र सिंह हनी बघेल, रामनिवास रावत, सुरेन्द्र चौधरी, आरिफ मसूद, महेन्द जोशी, शोभा ओझा, अशोक सिंह, राजीव सिंह के अलावा सभी संगठनों के अध्यक्ष और एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश अध्यक्षों को रखा गया है.
कमलनाथ संभालेंगे प्रबंधन की जिम्मेदारी : वहीं, कांग्रेस ने चुनाव प्रबंधन की जिम्मेदारी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ को सौंपी है. कमलनाथ के नेतृत्व में 19 सदस्यों और फ्रंटल ऑर्गेनाइजेशन अध्यक्षों की चुनाव समिति बना दी गई है. इसमें नेता प्रतिपक्ष डॉ.गोविंद सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, सुरेश पचौरी, अरुण यादव, अजय सिंह राहुल, विवेक तन्खा, राजमणि पटेल, नकुल नाथ, सज्जन सिंह वर्मा, तरूण भनोट, ओंमकार सिंह मरकाम, विजयलक्ष्मी साधौ आदि नेता हैं.
कांग्रेस ने बताया मास्टर स्ट्रोक, बीजेपी ने कसा तंज : भूरिया को चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाए जाने को कांग्रेस मास्टर स्ट्रोक बता रही है. कांग्रेस के मुताबिक बीजेपी के आदिवासी एजेंडा को काउंटर करने के लिए कमलनाथ ने आदिवासी नेता भूरिया का नाम आगे बढ़ाया है. आदिवासियों के लिए आरक्षित सीटों में भूरिया सीधा असर डालेंगे. प्रदेश में 22 फीसदी आदिवासी मतदाता हैं. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि शिवराज सरकार में आदिवासियों पर सबसे ज्यादा अत्याचार हो रहा है. सीधी पेशाब कांड, नेमावर हत्याकांड और नीमच जैसी घटनाओं को कांग्रेस इसके जरिए भुनाने की कोशिश करेगी. वहीं, चुनाव अभियान समिति में कांतिलाल भूरिया को जिम्मेदारी सौंपे जाने को लेकर बीजेपी प्रवक्ता नरेन्द्र सलूजा ने कहा है कि कांग्रेस आलाकमान ने कमलनाथ को पहले पार्टी का चेहरा बनाने से इंकार किया और अब उनके ऊपर कांतिलाल भूरिया को बैठा दिया.